जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

बरमकेला के गोपाल हार्डवेयर में जीएसटी विभाग का छापा, टर्नओवर कम दिखाया, 27 लाख का टैक्स और पेनाल्टी लगा

बरमकेला के गोपाल हार्डवेयर में जीएसटी विभाग का छापा, टर्नओवर कम दिखाया, 27 लाख का टैक्स और पेनाल्टी लगा
सारंगढ़,
स्टेट जीएसटी की एनफोर्समेंट टीम ने बरमकेला के गोपाल हार्डवेयर में छापा मारा, जिसमें वास्तविक स्टॉक खरीदी- ब्रिक्री ज्यादा मिली, लेकिन टर्नओवर को कम बता टैक्स भर रहे थे। स्टेट जीएसटी की एनफोर्समेंट अफसरों को जांच में ईवे बिल एनालिसिस में गड़बड़ियां मिली। राज्य स्तर पर जीएसटी के पोर्टल पर भी यह बात सामने आई, जिसमें प्रारंभिक जांच में अभी 24 लाख का टैक्स व 3 लाख पेनाल्टी की गई। उसके अलावा दस्तावेजों को भी जब्त कर लिया गया है, उसकी अलग से स्क्रूटनी की जा रही है। दरअसल कुछ दिनों पहले स्टेट जीएसटी के पोर्टल से बरमकेला के गोपाल हार्डवेयर के नाम में रिटेल में गड़बड़ियां का पता चला था, जिसके बाद स्टेट जीएसटी कमिश्नर भीम सिंह ने इसमें विस्तृत जांच करने का आदेश दिया। इसका जिम्मा एनफोर्समेंट टीम की ज्वाइंट कमिश्नर सोनल के मिश्रा को सौंपा गया। इस पर रायगढ़ की ज्वाइंट जीएसटी टीम बनाकर उन्हें बरमकेला भेजा गया।
स्टॉक ज्यादा था, लेकिन एंट्री कम मिली
दुकान में छापा मारकर स्टाक का वेरीफिकेशन किया गया। माल बुक में दर्ज एंट्री से ज्यादा मिली। एकाउंट्स और टर्नओवर की डिटेल में विसंगति मिली। बेचे गए सामान का बिल भी जनरेट नहीं किया जा रहा है, उसे एक तरह उसका कोई हिसाब किताब नहीं था, जो सामन को दूसरे राज्यों भेजा जा रहा था, उसका ईवे बिल अपडेट नहीं था। रायपुर के एनफोर्समेंट टीम की ज्वाइंट कमिश्नर सोनल के मिश्रा ने बताया कि वहां पर प्रारंभिक जांच में दस्तावेजों की स्क्रूटनी की गई। दस्तावेजों में ब्रिक्री भी कम बताई जा रही थी, रसीद दिया जाना था, वह भी नहीं दिया जा रहा था। उसमें प्रारंभिक फेस में अभी 24 लाख रुपए का टैक्स और 3 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई। इतनी वसूली प्रारंभिक जांच में तय हुई है। आगे जांच में रकम बढ़ सकती है।
दुकानों को बंद किया, पर विभाग को नहीं बताया
अफसरों के अनुसार कि हार्डवेयर के संचालक गोपाल प्रसाद अग्रवाल ने हार्डवेयर में सीमेंट, छड़ और हार्डवेयर की ब्रिक्री की जाती है। उसमें बरमकेला में मुख्य दुकान है, लेकिन उसके अलावा बरमकेला के आसपास इसी दुकान का ग्रामीण इलाके में 3 और दुकानें है। हालांकि वह दुकानों को वह दो साल पहले ही बंद कर दिया है। वहां पर जीएसटी अलग अलग अफसरों की टीम को भेजा था, लेकिन इसकी जानकारी जीएसटी को नहीं थी। उसमें वह कितना स्टॉक रखा था, कितना स्टॉक बेचा, उसे जीएसटी में अपडेट नहीं किया गया।
फोटो- जीएसटी विभाग का मोनो लगा देगें।
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