
शादी का प्रलोभन देकर शाररिक शोषण करने वाले आरोपी को फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष
सश्रम कारावास की सजा

फॉस्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) सारंगढ़ द्वारा आरोपी नीलकंठ सिदार को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं
जुर्माने से किया गया दंडित,
थाना बरमकेला में दर्ज किया गया था अपराध,
शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रफुल कुमार तिवारी ने पैरवी किया
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
दिनाँक 11/11/2025 को न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश फॉस्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो एक्ट) सारंगढ़ श्री अमित राठौर के न्यायालय में थाना- बरमकेला के अपराध में जो कि विशेष आपराधिक प्रकरण अंतर्गत पॉक्सो एक्ट क्र०- 05/2025 में आरोपी नीलकंठ सिदार पिता पीलाबाबू सिदार, निवासी ग्राम भंवरपुर, थाना- बरमकेला, जिला-सारंगढ़ बिलाईगढ़ के द्वारा 14 वर्षीय नाबालिग बालिका को जो कि स्कूल में अध्ययनस्त थी, उसे प्रेम करने और शादी का प्रलोभन देकर मोटर सायकल से अपने परिचित के घर ले जाकर निरंतर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया गया था। जिसके संबंध में उनके परिजन के द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराया गया था,
जिस पर थाना बरमकेला में अपराध पंजीबद्ध कर माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। पीडित बालिका की उम्र 14 वर्ष होने पर प्रकरण लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का पाये जाने से माननीय अपर सत्र न्यायाधीश फॉस्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट सारंगढ़ के द्वारा मामले का त्वरित विचारण कर सभी साक्ष्यों एवं गवाहों के बयान पर विचार करने के बाद आज आरोपी को भा.न्या.सं. की धारा-137 (2) के तहत 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया है
एवं धारा- 87 भा.न्या.सं. के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माना तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 04 (2) के
तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा-5 (ठ)/6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया गया है। अदालत के द्वारा मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पीडिता के शारीरिक एवं मानसिक क्षति एवं पुनर्वास हेतु राज्य शासन से प्रतिकर भुगतान किये जाने की अनुशंसा की गई है। यह फैसला बाल सुरक्षा एवं यौन अपराधों के खिलाफ राज्य शासन एवं न्याय पालिका की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है, साथ ही लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रभावी कार्यान्वयन को प्रभावित करता है, इस प्रकरण में शासन की ओर से विशेष
लोक अभियोजक प्रफुल कुमार तिवारी ने अभियोजन का पक्ष रखते हुए पैरवी की।



