जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ में किसान राईस मिल के सामने बन रहे दुकानो के निमार्ण पर लगी रोक!

सारंगढ़ में किसान राईस मिल के सामने बन रहे दुकानो के निमार्ण पर लगी रोक!

सारंगढ़ में किसान राईस मिल के सामने बन रहे दुकानो के निमार्ण पर लगी रोक!

राजस्व रिकार्ड में शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि,
2018 में राजस्व अधिकारियो ने कर दिया निजी भूमि,
तहसीलदार नजूल ने लगाया निमार्ण कार्य पर रोक,
शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि के मद परिर्वतन राज्य सरकार के अधिकार में नही?
फिर भी फर्जी रिर्पोट के आधार पर सारंगढ़ में कर दिया गया फर्जीवाड़ा,

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ में शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि के रिकार्ड को संशोधित कर निजी भूमि के रूप में दर्ज कर उस जमीन पर दुकान का निमार्ण का कार्य द्रुत गति से जारी था जिसमें तहसीलदार नजूल के द्वारा रोक लगाने का आदेश दिया गया है जिसके बाद निमार्ण कार्य बंद हो गया है। लेकिन आसपास के जमीनो पर निमार्ण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। वही किसान राईस मिल के सामने बन रहे इस दुकानो में पेड़ो को निमार्णाधीन दुकानो के अंदर रखा गया है। जिससे कारण से निमार्ण कराने वालो की मनमानी साफ तौर पर दिख रही है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार किसान राईस मिल के सामने रिक्त पड़े
भूखंड़ जो कि पटवारी हल्का नंबर 28 के खसरा नंबर 224/1 ख में रकबा 6.90 एकड़ की यह भूमि 1923 से लेकर 2018 तक राजस्व रिकार्ड में शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की शासकीय भूमि के तौर पर दर्ज थी इस भूमि को 2018 में राजस्व निरीक्षक के एक प्रतिवेदन के आधार पर राजस्व भूमि से आबादी भूमि घोषित कर दिया गया तथा राजस्व रिकार्ड में संशोधन करते हुए इसके निजी भूमि के रूप मे दर्ज कर दिया गया इसी भूमि पर कुछ दिनो से धडा़धड़ निमार्ण कार्य प्रारंभ किया गया तथा युद्ध स्तर में दुकानो का निमार्ण पूर्ण किया गया। बिलासपुर रोड़ के गौरवपथ में बीच सड़क से महज 30 फीट की दूरी पर बनाया गया यहा आधा दर्जन से अधिक दुकानो को लेकर शिकवा-शिकायत का दौर शुरू हुआ और शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को रिकार्ड संशोधन करके इसे निजी भूमि बनाने का भी शिकायत उच्चस्तर पर किया गया।

वही गत दिनो न्यायालय तहसीलदार नजूल के द्वारा इस भूमि पर किया जा रहा निमार्ण कार्य पर तत्काल रोक लगाने का आदेश जारी किया गया। बताया जा रहा है कि इस आदेश के बाद दुकानो का निमार्ण को अभी फिलहाल बंद कर दिया गया है। वही आसपास के सभी भूमियो पर निमार्ण कार्य पर रोक लगाने का आदेश प्रसारित किया गया है। किन्तु कुछ भूमियो पर आज भी निमार्ण कार्य चल रहा था। एक दो भूमि पर कालम निमार्ण और कुछ भूमि पर भूमि पर सीसी रोड़ बनाने की तैयारी चल रही है। वही पूरे मामले मे निमार्ण कार्य पर रोक लगाये जाने के बाद संबंधित भूमि स्वामियो मे हड़कंप मच गया है।

इस संबंध में सूत्र बताते है कि सारंगढ़ के बिलासपुर रोड़ में गौरवपथ में किसान
राईस मिल के सामने के रिक्त भूमि जो कि वर्षो से रिक्त पड़ी हुई थी तथा राजस्व रिकार्ड में 2018 तक इस भूमि को शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि दर्शाया जा रहा था उस भूमि को राजस्व निरीक्षक के एक फर्जी प्रतिवेदन के आधार पर शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि से हटाकर आबादी और निजी भूमि के तौर पर दर्ज कर दिया गया। जबकि शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि का मद परिर्वतन करने का अधिकारी राज्य सरकार के शक्ति में नही है। राज्य सरकार के राजस्व अधिकारी इस मामले में किसी भी प्रकार का आदेश प्रसारित नही कर सकते है। किन्तु सारंगढ़ में शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि
को ना सिर्फ आबादी भूमि बता दिया गया है बल्कि इसे 20 लोगो के नाम पर दर्ज भी कर दिया गया है और सारंगढ़ के नजूल शीट में इसे निजी बताया जा रहा है जिसके आधार पर कुछ लोगो ने इस भूमि का व्यपवर्तन कराकर इसके निमार्ण के लिये नगर पालिका सारंगढ़ से अनुमति भी ले लिया है और निमार्ण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 1923 से सारंगढ़ ग्राम के राजस्व रिकार्ड में शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को एकाएक निजी भूमि बनाये जाने पर जांच की कार्यवाही भी शुरू हो गई है। ऐसे मे सारंगढ़ मे आने वाले दिनो मे करोड़ो रूपये के सरकारी छोटे झाड़ के जंगल मद के भूमि का निजी व्यक्तियो के नाम में दर्ज होने संबंधी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने की संभावना दिख रही है।

बहरहाल देखना है कि शासकीय छोटे झाड़ के जंगल मद की भूमि को निजी भूमि तथा आबादी भूमि दर्शाकर फर्जीवाड़ा करने के इस मामले मे कौन-कौन अधिकारी
नपेगें?

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