जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ नगर पालिका के 7 पार्षदो को हटाने के मामले में हाईकोर्ट का नये सिरे से सुनवाई का निर्देश, अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश को किया निरस्त,

सारंगढ़ नगर पालिका के 7 पार्षदो को हटाने के मामले में हाईकोर्ट का नये सिरे से सुनवाई का निर्देश, अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश को किया निरस्त,

सारंगढ़ नगर पालिका के 7 पार्षदो को हटाने के मामले में हाईकोर्ट का नये सिरे से सुनवाई का निर्देश,
अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश को किया निरस्त,

5 जून को नगर पालिका के उपाध्यक्ष सहित 7 पार्षद पद से
हटाये गये थे,
भूमि आबंटन में अनियमितता का है मामला, 4 लोगो को किया
गया था भूमि आबंटन,
क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर ने जांच में सभी को दोषी पाया था,

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका के उपाध्यक्ष रामनाथ सिदार सहित 7 पार्षदो को पद से हटाये जाने के मामले में हाईकोर्ट ने अतिरिक्त कलेक्टर के आदेश को निरस्त कर दिया है साथ ही नये सिरे से इस मामले मे सुनवाई का आदेश जारी किया है जिसके तारतम्य में अतिरिक्त कलेक्टर ने सभी पक्षो को नोटिस जारी कर 13 नवंबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित किया है। जारी आदेश में हाईकोर्ट ने हटाये गये पार्षदो को अपना पक्ष रखने के लिये शिकायत की प्रति तक भी नही दिये जाने को प्रमुख कारण मानते हुए नियमानुसार तथा विधिसम्मत सुनवाई करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट जस्टिस अरविंद वर्मा के सिंगल बेंच ने किया। दरअसल सारंगढ़ नगर पालिका के उपाध्यक्षर रामनाथ सिदार सहित प्रेसीडेंट इन कौसिंल के 7 पार्षदो को भूमि आबंटन मामले मे अनियमितता पाये जाने पर आशिंक दोषी ठहराते हुए अपर कलेक्टर ने छ.ग.नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्यवाही करते हुए 5 जनू 2025 को आदेश जारी कर पद से पृथक कर दिया है

तथा आगामी अवधि तक के लिये पार्षद पद के लिये अयोग्य घोषित किया गया था। इस आदेश के खिलाफ हटाये गये पार्षदो ने हाईकोर्ट बिलासपुर में अपर कलेक्टर के आदेश को अपने अधिवक्ता के माध्यम से चुनौती
दिया तथा हाईकोर्ट से राहत की मांग करते हुए जवाब दाखिल करने के पूर्व बार-बार मांगने के बाद भी शिकायत की कापी तक नही दिये जाने का तर्क को प्रबलता के साथ रखा। लगभग 4 माह में दोनो पक्षो की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट ने 2 सितंबर 2025 को फैसला सुरक्षित रखा जिसमें 6 नवंबर को जारी किया जहा पर अपर कलेक्टर के द्वारा 5 जून 2025 को पारित किया गया आदेश को निरस्त कर दिया गया। साथ ही अपर कलेक्टर न्यायालय को निर्देश जारी किया कि हटाये गये पार्षदो को शिकायत की कापी तथा अन्य दस्तावेज की नकल प्रदान कर
जवाब दाखिल करने के लिये तय नियमो का पालन कर मामले की नये सिरे से सुनवाई करें।

जिसके तारतम्य में आज अपर कलेक्टर श्रवण टंड़न के द्वारा संबंधित पक्षो को नोटिस जारी कर 13 नवंबर 2025 को सुनवाई नियत करते हुए सभी पक्षो को उपस्थित होने का निर्देश जारी किया। बताया जा रहा है कि शिकायत तथा अन्य दस्तावेज की छायाप्रति प्रदान कर दोषी पाये गये पार्षदो को जवाब दाखिल कराया जायेगा तथा उसके बाद बयान-कथन आदि लेकर मामले मे अपर कलेक्टर अपना फैसला सुनायेगा। सूत्रो की माने तो हाईकोर्ट के निर्देश पर शीघ्र ही इस मामले में नये सिरे से सुनवाई कर फैसला दिया जायेगा।

नगरीय प्रशासन विभाग ने जांच में पाया था 7 पार्षदो को दोषी

दरअसल पूरा मामला 2022 में सामने आया जब संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास इन्द्रावती भवन, छत्तीसगढ़ नवा रायपुर द्वारा शासन के पत्र क्रमांक/8043/6615/18 दिनांक 29.11.2022 के अनुपालन में नगर पालिका सारंगढ़ के सी.एम.ओ. द्वारा नियम कानूनों को ताक में रखकर शासकीय व न.पा. भूमि को निजी लोगों को बेचे जाने संबंधी बंटी केशरवानी, रायगढ़ रोड, सारंगढ़ के शिकायती पत्र में उल्लेखित तथ्यों की जाँच संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय, बिलासपुर से कराई गई।

क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर ने दिनांक 20.03.2023 अनुसार न.पा. सारंगढ़ में नियम विरूद्ध शासकीय व न.पा. की भूमि को क्रय मूल्य पर बेचे जाने संबंधी शिकायत सही पाया गया है। जिसके लिये पी.आई.सी. बैठक के अध्यक्षा श्रीमती सोनी अजय बंजारे, न.पा. सारंगढ़ पूर्णतः उत्तरदायी है, क्योंकि छ.ग. नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 51 के तहत् परिषद की समस्त सम्मिलन की अध्यक्षता / कामकाज संचालन के विनियमन हेतु वे प्राधिकृत है। साथ ही पी.आई.सी. की बैठक में उपस्थित रहे सदस्य रामनाथ सिदार उपाध्यक्ष, नगरपालिका परिषद सारंगढ़ एवं न.पा. वार्ड पार्षद श्रीमती कमला किशोर निराला, श्रीमती गीता महेन्द्र थवाईत, श्रीमती सरिता शंकर चन्द्रा, श्रीमती संजिता सिंह सरिता, शुभम बाजपेयी, श्रीमती शांति लक्ष्मण मालाकार आंशिक रूप से उत्तरदायी हैं। जिसके बाद छत्तीसगढ़ शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के निर्देशानुसार नगर पालिका परिषद सारंगढ़ के पार्षदगणों के विरुद्ध, शासकीय एवं नगरपालिका की भूमि के अनुचित तरीके से विक्रय, कर्तव्यों के दुरुपयोग तथा सार्वजनिक हितों की उपेक्षा के आरोपों के आधार पर किया गया।

प्राप्त रिकार्ड के अनुसार संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास, रायपुर द्वारा संयुक्त संचालक, क्षेत्रीय कार्यालय, बिलासपुर से कराई गई जांच में यह तथ्य स्पष्ट रूप से उजागर हुआ कि शासकीय एवं नगरपालिका की भूमि को नियमों को ताक पर रखकर क्रय मूल्य पर निजी व्यक्तियों को विक्रय किया गया। इस प्रक्रिया में नगरपालिका परिषद की पी.आई.सी. (स्थायी समिति) की बैठक में लिए गए निर्णयों में पारदर्शिता और विधिसम्मत प्रक्रिया का घोर अभाव पाया गया। जांच प्रतिवेदन अनुसार पी.आई.सी. की अध्यक्षा श्रीमती सोनी अजय बंजारे मुख्य रूप से दोषी पाई गई हैं, किन्तु उक्त निर्णय में सहभागी रहे सदस्यगण श्री रामनाथ सिदार (उपाध्यक्ष), श्रीमती कमला किशोर निराला, श्रीमती गीता महेन्द्र
थवाईत, श्रीमती सरिता शंकर चन्द्रा, श्रीमती संजिता सिंह सरिता, शुभम बाजपेयी, श्रीमती शांति लक्ष्मण मालाकार भी आंशिक रूप से दोषी पाए गए हैं, जिन्होंने न तो आपत्ति दर्ज की, न ही विधिसम्मत प्रक्रिया के पालन की अपेक्षित जिम्मेदारी निभाई।

छ.ग. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, नवा
रायपुर अटल नगर के पत्र क्रमांक जैनकोर-34/22/2025-अर्बन नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 12/03/2025 द्वारा संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास इन्द्रावती भवन, छत्तीसगढ़ नया रायपुर के पत्र क्रमांक/लो.आ./204/2022/755 रायपुर दिनांक 28/04/2023 से प्राप्त जांच प्रतिवेदन की छायाप्रति संलग्न कर नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 अनुसार कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया है। इस प्रकरण में कार्यालय कलेक्टर जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ (छ.ग.) के पत्र क्रमांक /1498/व.लि./2025 सारंगढ़, दिनांक 24/04/2025 द्वारा छ. ग. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर के पत्र
क्रमांक जैनकोर-34/22/2025-अर्बन नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 12/03/2025 में नगर पालिका परिषद् सारंगढ़ के पार्षद श्री रामनाथ सिदार, श्रीमती कमला किशोर निराला, श्रीमती गीता महेन्द्र थवाईत, श्रीमती सरिता शंकर चन्द्रा, श्रीमती संजिता सिंह सरिता, श्री शुभम बाजपेयी, श्रीमती शांति लक्ष्मण मालाकार निर्वाचित पार्षद के विरूद्ध छ.ग. नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 अनुसार कार्यवाही हेतु प्राप्त होने पर प्रारंभ किया गया। इस मामले में प्रकरण दर्ज कर शिकायतकर्ता एवं अनावेदकगण/पार्षदों को नोटिस जारी कर मुख्य नगर पालिका अधिकारी न.पा. सारंगढ़ के माध्यम से तामिली कराया गया। सुनवाई तिथि दिनांक 14.05.2025 को शिकायतकर्ता अनुपस्थित रहे तथा अनावेदकगण/पार्षदों की ओर से अधिवक्ता श्री प्रकाश चौधरी उपस्थित रहे। जवाब हेतु समय दिये जाने उपरांत जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। जवाब प्रस्तुति हेतु अवसर प्रदान किये जाने के लिए दिनांक 04/06/2025 को आवेदन प्रस्तुत किया गया। विचारोपरान्त प्रस्तुत आवेदन अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद
5 जून 2025 को अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा 7 पार्षदो को पद से पृथक करने संबंधी आदेश प्रसारित कर दिया। आदेश मे अंकित किया गया था कि नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित पदीय दायित्वों के निर्वहन में चूक किया है इस प्रकार उपरोक्त पार्षदगणों को पदीय दायत्विों के प्रति अवचार का दोषी पाए गए हैं। जिससे उनका पद पर बने रहना वांछनीय नहीं है।

अतएव नगर पालिका अधिनियम 1961, की धारा 41 के तहत् अनावेदकगण पार्षद श्री रामनाथ सिदार, श्रीमती कमला किशोर निराला, श्रीमती गीता महेन्द्र थवाईत, श्रीमती सरिता शंकर चन्द्रा, श्रीमती संजिता सिंह सरिता, श्री शुभम बाजपेयी, श्रीमती शांति लक्ष्मण मालाकार को पार्षद पद से पृथक किये जाने का आदेश पारित किया जाता है। छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 41 की उपधारा (3) में निहित प्रावधानों के अनुपालन में यह आदेश भी पारित किया जाता है कि उक्त पार्षद, यथास्थिति, किसी भी नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत का, उसकी आगामी अवधि के लिए पार्षद बनने का पात्र नहीं होगा। इसी आदेश के खिलाफ हटाये गये पार्षदो ने हाईकोर्ट की शरण लिया था जिसमे इस आदेश को निरस्त करने का आदेश के साथ नये सिरे से मामले की सुनवाई करने का निर्देश हाईकोर्ट के जस्टिस अरविदं वर्मा ने प्रदान किया।

बिना आवश्यक दस्तावेज के कैसे करे जवाब दाखिल?

हाईकोर्ट में हटाये गये पार्षदो ने मांग किया था कि उन्हे शिकायत की कापी सहित आवश्यक दस्तावेजो की कापी मांगने पर भी उपलब्ध नही कराया गया जिसके कारण से जवाब दाखिल नही किया जा सका। जिसके आधार पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया गया था। हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद वर्मा ने मामले मे दोनो पक्षो की दलीले सुनी तथा आदेश को सुरक्षित रखा था जिसे 6 नवंबर को सुनाया गया जिसमें अपर कलेक्टर के आदेश दिनांक 5 जून 2025 को निरस्त करते हुए मामला संबंधित अतिरिक्त कलेक्टर को पुनः नए सिरे से, शीघ्रता से, संबंधित
नियम/कानून/विनियम के अनुसार, याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का पर्याप्त/उचित अवसर प्रदान करने/उपलब्ध कराने और उत्तर दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय देने के बाद, वापस भेजा गया है।

किसको-किसको आबंटित किया गया है भूमि?

नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुसार जिन लोगो को सारंगढ़ नगर पालिका में भूमि का आबंटन किया गया उसमें नंद बरेठा गंगाराम बरेठा, निवासी-सारंगढ़ ने बस स्टैण्ड परिसर दक्षिण स्थित दुकान क्रमांक 01 के बगल में रिक्त भूमि, मो. इजराईल अंसारी निवासी सारंगढ़ ने बस स्टैण्ड परिसर दक्षिण स्थित दुकान क्रमांक 10 के बगल में रिक्त भूमि, श्रीमती शारदा देवी जायसवाल, निवासी-सारंगढ़ ने सिनेमा हॉल स्थित दुकान क्रमांक 01 बगल में रिक्त भूमि और सत्येन्द्र सिंह ठाकुर, निवासी-सारंगढ़ जनपद कार्यालय के सामने स्थित निकाय के
रिक्त भूमि आबंटित किया गया है।

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