हर किलोमीटर मे हो गये है सैकड़ो गड्ढ़े,
पेच रिपयेरिंग तक नही कर रहा है लोक निमार्ण विभाग
प्रस्ताव स्वीकृति की प्रतीक्षा में बदहाल सड़क बनते जा रहा है जानलेवा?
37 करोड़ का प्रस्ताव अटका राजधानी में?
सारंगढ़/बरमकेला,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के बिलाईगढ़ विकासखंड़ के प्रमुख सड़क बरमकेला-कटंगपाली-टिमरलगा मार्ग की स्थिति दिन-प्रतिदिन जर्जर होते जा रही है। इस सड़क पर आवागमन करना काफी कठिन काम हो गया है। ऐसा लगता है कि इस सड़क पर गड्ढ़े नही है बल्कि गड्ढ़े पर सड़क बना हुआ है। यहा पर जर्जर सड़क के साथ उड़ती धूल से क्षेत्रवासी परेशान है। वही कलेक्टर के बदहाल सडको के रिपेयरिंग करने के निर्देश के बाद भी लोक निमार्ण विभाग इस सड़क की तरफ देख भी नही रहा है। बताया जा रहा है इस सड़क के पुर्ननिमार्ण के लिये 37 करोड़ का प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति के लिये भेजा गया है किन्तु अभी तक राजधानी में स्वीकृति अटकी हुई है। ऐसे मे रोड़ के पुर्ननिमार्ण की स्वीकृति भी नही मिल रही है और रो़ड़ का मरम्मत भी नही हो रहा है।
बरमकेला अंचल का प्रसिद्ध रोड़ बरमकेला-कटंगपाली-टिमरलगा मार्ग नया जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला को मजबूत राजस्व देने वाला गांवो का सड़क के रूप मे जाना जाता है। इस सड़क में कटंगपाली, नौघटा, बोंदा, साल्हेओना और बिलाईगढ़ अ जैसे गांव पड़ते है जो डोलोमाईट पत्थर खदान और क्रेशरो के लिये मशहूर है। इस खनन क्षेत्र से बड़ी राशी डीएफएम फंड तथा गौण खनिज मद को प्राप्त होती है। शासन को मजबूत रायल्टी इस खनन क्षेत्र से मिलता है किन्तु इस क्षेत्र के बदहाल सड़क को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शासन-प्रशासन ने इस क्षेत्र को उपेक्षित छोड़ दिया है। बरमकेला से कटंगपाली-चंद्रपुर सड़क की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है तथा लगभग 8 किलोमीटर की क्षेत्र अत्यंत ही जर्जर हो गया है। बरमकेला से कटंगपाली 8 किलोमीटर की दूरी को तय करने में लगभग 1 घंटे का समय लगता है। साथ ही कही पर भी गाड़ी पलटने की संभावना बलवती हो गई है। सड़को पर हुए गहरे गड्ढ़े कही पर एक फीट भी गहरा हो चुका है किन्तु लोक निमार्ण विभाग इस रोड़ के मरम्मत तक में रूचि नही ले रहा है। बताया जा रहा है कि इस रोड़ को पेच रिपेयरिंग करने के लिये लोक निमार्ण विभाग ही अभी राजी नही है इस संबंध मे सूत्र बताते है कि इस रो़ड़ के पुर्ननिमार्ण के लिये लगभग 37 करोड़ रूपये की स्वीकृति का प्रस्ताव राज्य शासन के पास भेजा गया है किन्तु अभी तक इस प्रस्ताव को स्वीकृति नही मिल पाई है। इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिये राजधानी में दबाव बनाया जा रहा है जिस पर आश्वासन मिला कि जल्द ही इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दिया जायेगा। किन्तु इस स्वीकृति के प्रत्याशा के बीच इस सड़क पर सफर करना जोखिमभरा हो गया है। हर किलोमीटर पर हो चुके हजारो गड्ढ़े कभी भी बड़े हादसा का कारण बन सकते है। यहा पर लगभग 1 फीट से भी गहरे गड्ढ़े हो चुके है वही कई स्थान पर यह इतने चौड़े हो गये है कि चार पहिया वाहन का चलना काफी मुश्किल भरा काम हो गया है। लोक निमार्ण विभाग के द्वारा इन गड्ढ़ो को भरने का कोई भी काम नही किया जा रहा है और वर्षाकाल समाप्त होने के बाद भी अभी तक बरमकेला-कटंगपाली सड़क पर एक पेच रिपयेरिंग भी नही किया जा गया है।
गुर्दे-गुबार से जीना मुहाल हो गया है क्षेत्रवासियो का?
बरमकेला से कटंगपाली रोड़ की बदहाली के कारण से क्षेत्रवासी काफी परेशान हो गये है। अर्से से मरम्मत तक नही होने से रोड़ पर इस कदर डस्ट जमा हो गया है कि गड्ढ़ो के बीच जब वाहनो का आवागमन हो रहा है तो उसके पीछे गुबार का बड़ा सा घेरा साथ चल रहा है। दुपहिया वाहन सवारो की स्थिति बद से बदत्तर हो जा रही है। धूल से चेहरा-आंख सभी प्रदूषित हो जा रहे है। इस बदहाली से निजात दिलाने के लिये किसी भी प्रकार से पहल नही होने से पूरा रोड़ बदहाली की भेंट चढ़ गया है और इस रोड़ के पुर्ननिमार्ण के लिये क्षेत्रवासी नये जिले के अधिकारियो की ओर उम्मीद भरे नजर से देख रहे है। इस रोड़ की बदहाली से परेशान क्षेत्रवासीयो का आक्रोश भी काफी बढ़ गया है किन्तु इस रोड़ के पुर्ननिमार्ण के लिये कोई पहल नही होने से क्षेत्रवासी भी कुछ नही कर पा रहे है।
37 करोड़ का प्रस्ताव के चक्कर मे पेच रिपयेरिंग अटका?
बरमकेला-कटंगपाली-चंद्रपुर तक की 18 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर हर दिन सैकड़ो वाहनो का रेलमपेल बना हुआ है। इस व्यावसायिक सड़क की बदहाल स्थिति की कल्पना इस बात से किया जा सकता कि ट्रेक्टर तक इस रोड़ पर नही चल पा रहे है। बताया जा रहा है कि महानदी के तट से आने वाला रेतीभरा ट्रेक्टर इस रोड़ को छोड़ दिया है तथा सूरजपुर और सरिया वाला रोड़ से आवागमन कर रहे है। ऐसे मे बदहाली का नया रिकार्ड बनाता हुआ इस रोड़ के पुर्ननिमार्ण के लिये 37 करोड़ रूपये की प्रस्ताव क्षेत्रवासियो के लिये समस्या का कारण बन गया है। लोक निमार्ण विभाग की नजरे इस 37 करोड़ रूपये की सड़क का स्वीकृति की ओर है किन्तु इस स्वीकृति के आस में अभी तक वर्षाकाल समाप्त होने के बाद ना तो गड्ढ़ो को भरा गया है और ना ही पेच रिपयेरिंग का काम हो रहा है। इस कारण से पूरा सड़क गुर्दे-गुबार वाला हो गया है। लोक निमार्ण विभाग के एसडीओ इस मामले मे उपेक्षित रवैया अपना रहे है जिसके कारण से क्षेत्रवासियो को जर्जर सड़क का सामना करना पड़ रहा है।