
नगर पालिका सारंगढ़ : 34 लाख रूपये की स्ट्रीट लाईट लगाने का “टेंड़र” हुआ निरस्त! ठेकेदार कर चुका है पहले से ही काम?

काम पूरा कराने के बाद नगर पालिका निकाला है टेंड़र?
बिना वर्क आर्डर के ही सारंगढ़ में लग गया है स्ट्रीट लाईट?
चहेते ठेकेदार को काम नही मिलते देख सीएमओ ने अपरिहार्य कारणो से कर दिया टेंड़र निरस्त?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका को अनोखा कारनामा सामने आया है। जेलपारा के पुलिया और लोहारिन डबरी और खेलभाठा के पहुंच मार्ग के पास लगभग 34 लाख रूपये की लागत से लगाये जाने वाले स्ट्रीट लाईट को टेंड़र को सीएमओ नगर पालिका ने अपरिहार्य कारणो से निरस्त कर दिया है। वही मौके स्थल का निरीक्षण करने से ज्ञात हुआ कि दोनो ही स्थान पर स्ट्रीट लाईट का स्थापना पूर्ण हो चुका है तथा कागजी खानापूर्ति कर ठेकेदार को भुगतान करने के लिये टेंडर को जारी किया गया था किन्तु काम करने वाले ठेकेदार को टेंडर नही मिलता देख सीएमओ ने अपरिहार्य कारण का हवाला देकर टेंड़र को ही निरस्त करने का आदेश दे दिया। अब इस पूरे मामले की जांच की मांग हो रही है। जो काम बिना वर्क आर्डर के ही टेंडर के पहले की पूरा हो गया है उसके लिये अभी टेंड़र आखिर कैसे निकाला जा रहा है? टेंड़र निरस्त होने के कारण की जानकारी सीएमओ ज्ञानपुंज कुलमित्र से नही मिल पाई है।

जिला मुख्यालय सारंगढ़ का नगरीय निकाय सारंगढ़ नगर पालिका में टेंड़र में
अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि वार्ड क्रमांक 02, वार्ड क्रमांक 05 तथा वार्ड क्रमांक 07 में 34.56 लाख रूपये की लागत से सड़क पर स्ट्रीट लाईट लगाया जाना प्रस्तावित था और इसके लिये नगर पालिका सारंगढ़ के द्वारा ई-टेंडर नोटिस 30 सितंबर 2025 को जारी किया गया था जिसके अनुसार टेंडर क्रमांक 176847 में निविदा आमंत्रित किया गया था। इस ई-टेंडर को निकालने की तिथि 23 अक्टूबर को 5.30 बजे शाम तक रखी गई थी। किन्तु टेंड़र के अंतिम तिथि के पूर्व ही 22 अक्टूबर 2025 को मुख्य नगर पालिका अधिकारी
सारंगढ़ के द्वारा पत्र क्रमांक 2760 के द्वारा आदेश जारी किया गया जिसमें निविदा निरस्त करने की सूचना दिया गया। टेंड़र के निरस्त होने की कारण के बारे मे सीएमओ ने अपरिहार्य
कारण का हवाला दिया है। बताया जा रहा है कि 23 अक्टूबर को शाम को 5 बजे इस टेंडर में भाग लिया जाना था किन्तु उससे पहले ही 22 अक्टूबर को यह टेंड़र को निरस्त करने का आदेश प्रसारित कर दिया गया। और कारण में सिर्फ अपरिहार्य कारण का हवाला दिया गया है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सीएमओ द्वारा इस कार्य को अपने चहेते ठेकेदार को ही काम दिलाना चाह रहे थे और नगर पालिका सारंगढ़ में लगभग 9 ठेकेदारो के द्वारा इस कार्य के लिये टेंड़र में भाग लिया गया था जो कि सीएमओ ज्ञानपुंज कुलमित्र को नागवार गुजरा और
उन्होने टेंडर को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। बिना वर्क आर्डर के ही सारंगढ़ में लग गया है स्ट्रीट लाईट? बताया जा रहा है कि 34 लाख रूपये की लागत से लगने वाले स्ट्रीट लाईट का यह कार्य माहभर पहले से हो चुका है।

जेलपारा पुलिया, लोहारिन डबरी के तालाब पार और खेलभाटा मैदान के पास दुग्धशीत केन्द्र से मेन रोड़ तक 34.56 लाख रूपये की लागत से स्ट्रीट लाईट लगाया जा चुका है। सीएमओ ज्ञानपुंज कुलमित्र के मौखिक आदेश पर एक ठेकेदार के द्वारा यह कार्य संपन्न कर दिया गया है। अब ठेकेदार को भुगतान करने के लिये कराया गया कार्य को टेंड़र के माध्यम से स्वीकृति दिलाकर वर्क आर्डर देकर अभी का निमार्ण दर्शाकर भुगतान किया जाना था किन्तु इस टेंड़र मे अन्य ठेकेदारो ने भी भाग लिया तथा अपना-अपना भावपत्र भी एन्ट्री कर दिया जिससे सीएमओ का काम किये हुए ठेकेदार को वर्कआर्डर देने का प्लान टाय-टाय फिस्स
हो गया। जिसके बाद उन्होने टेंड़र के निर्धारित अंतिम तिथि का इंतजार किये बिना ही टेंड़र को निरस्त करने का आदेश दे दिया। यहा पर सवाल यही खड़ा हो रहा है कि टेंड़र में ऐसा क्या समस्या थी कि अपरिहार्य कारण का हवाला देकर समय के पूर्व ही टेंड़र को निरस्त कर दिया गया? क्या इसके लिये उच्चाधिकारियो से अनुमति लिया गया है? अगर ऐसा नही है तो सीएमओ के मनमानी यहा पर साफ तौर पर दिख रही है।

बहरहाल अब पूरे मामले में जांच की मांग किया जा रहा है कि आखिर बिना वर्क आर्डर के स्ट्रीट लाईट कैसे लग गई? और उसके लिये अब टेंडर कैसे निकाला
गया है? कौन से अपरिहार्य कारण है जिसके कारण से टेंड़र को निरस्त कर दिया गया? ऐसे कई सवाल है जिसका जवाब सामने आना जरूरी है।




