जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल में धान खरीदी के पहले की माफियाओ की तैयारी पूरी, बरमकेला के उड़ीसा बार्डर में सक्रिय हो गये धान कोचिया?

सारंगढ़ अंचल में धान खरीदी के पहले की माफियाओ की तैयारी पूरी, बरमकेला के उड़ीसा बार्डर में सक्रिय हो गये धान कोचिया?

सारंगढ़ अंचल में धान खरीदी के पहले की माफियाओ की तैयारी पूरी, बरमकेला के उड़ीसा बार्डर में सक्रिय हो गये धान कोचिया?

डोंगरीपाली क्षेत्र में कई बड़े व्यापारियो का खेला-लीली हो गया शुरू?
धान कोचिया का सारंगढ़ में डूबान जमीन और फर्जी रकबा एन्ट्री कराने का प्रयास जारी?
हर साल गड़बड़झाला पर होता है आधा दर्जन से अधिक एफआईआर?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
छत्तीसगढ़ सहित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हो रहा है। सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला के 86 धान खरीदी केन्द्रो में धान खरीदी को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिये जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है किन्तु उड़ीसा बार्डर वाले एरिया में धान कोचिया अभी से सक्रिय हो गये है। कई व्यापारियो ने उड़ीसा बार्डर पर अपना खेला शुरू कर दिया है। राजस्व विभाग और कृषि उपज मंडी के छापामार कार्यवाही में कभी भी पकड़ में नही आने वाले इस बड़े धान कोचिया रकबा पंजीयन के खेल से ही बड़ा गड़बड़झाला शुरू कर दिये है। हर साल सारंगढ़
अंचल में धान खरीदी में करोड़ो रूपये का अफरा-तफरी में आधा दर्जन के आसपास एफआईआर होते आ रहा है। देखना है कि इस बार धान कोचिये पर जिला प्रशासन भारी पड़ेगा? या हर बार की तरह बड़ा खेल फिर होगा।
प्रदेश के सबसे बड़े धान उत्पादक ब्लाक के रूप में सारंगढ़ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में धान का उत्पादन किसानो के आय का प्रमुख तथा एक मात्र साधन है। ऐसे मे उड़ीसा बार्डर तथा धान सोसायटी के बड़े खिलाड़ी फिर एक बार धान के ऊंचे दरो में अपना फायदा देखने के नियत से गांव-गांव में अवैध रूप से खरीदी करने तथा उसको किसानो के नाम पर खपाने के खेल मे जुट गये है।

बताया जा रहा है कि धान खरीदी में हर वर्ष बड़ा खेला सारंगढ़ अंचल में होते आ रहा है। इस बात प्रशासन के द्वारा अपनाई गई कसावट के बाद भी समिति के सर्वेसर्वा के साथ मिलकर बड़ा खेल का प्लान बन चुका है। सूत्रो  माने तो सारंगढ़ में धान खरीदी में बड़ा खेला उड़ीसा के धान तथा डलवा फसल का होता है। उड़ीसा में अभी भी धान का सरकारी दर छत्तीसगढ़ के सरकारी दर से कम है इस कारण से बार्डर ईलाके में काफी मात्रा में धान को छत्तीसगढ़ मे खपाने की योजना है। बताया जा रहा है कि इस कार्य को अंजाम देने के लिये अभी से बड़े स्तर पर धान का सौदा करके उसे उड़ीसा बार्डर वाले गांवो में सुरक्षित रखा जा रहा है जिसको समय भांपकर सोसायटी मे खपा दिया

जायेगा। बताया जा रहा है कि बड़े स्तर पर धान का जाखिरा सीधे सोसायटी ना जाकर संबंधित राईस मिल मे पहुंचकर कागजो पर खरीदी का दर्शाने का भी यहा कार्य होते आ रहा है और इस बार भी बड़े स्तर पर कार्य करने की मंशा दिख रही है। बताया जा रहा है कि बरमकेला अंचल के उड़ीसा बार्डर पर आधा दर्जन से अधिक चर्चित चेहरे फिर से उड़ीसा का धान सारंगढ़- बिलाईगढ़ के सोसायटी मे खपाने के लिये तैयार हो चुके है। विशेष बात यह है कि धान खरीदी का सीजन शुरू होने के पहले ही कई चर्चित चेहरे राजस्व विभाग और मंडी, प्रशासन आदि के
वर्षो से पदस्थ कर्मचारियो से मिलीभगत करके अपना धान को खपाने मे लग जाते है। बरमकेला अंचल के तीस से अधिक गांव की उड़ीसा से दूरी महज 2 किलोमीटर से भी कम है। ऐसे मे मुख्य मार्ग पर किया गया धान चेकिंग के नाम पर बेरिकेटिंग से दूर गुपचुप ढंग से इन बार्डर के गांवो से धान का आवागमन आसानी से हो जाता है। सूत्रो की माने तो जिन गांवो में प्रति एकड़ धान की पैदावार 20 क्विंटल से कम होती है ऐसे गांवो के किसानो के नाम पर उड़ीसा का धान को खपाया जाता है। वही फर्जी रकबा वृद्धि का खेल भी यहा पर वर्षो से किया जा रहा है जिसकी सूक्ष्म जानकारी राजस्व विभाग के कई करिंदो को है। गत वर्ष भी उड़ीसा का व्यापक धान की खपत छत्तीसगढ़ के धान खरीदी उत्सव के दौरान हो चुकी है। आधी रात को उड़ीसा के अवैध धान का परिवहन का बड़ा खेल होता है और पुराने घाघ अधिकारी-कर्मचारी होने के कारण से बिना किसी कार्यवाही के धान खपाने का बड़ा खेल संपन्न हो जाता है। सारंगढ़ में डूबान जमीन और फर्जी रकबा एन्ट्री कराने का प्रयास? सारंगढ़ अंचल में धान खरीदी केन्द्र में सर्वाधिक बदनाम केन्द्र में गाताड़ीह, कोसीर, जशपुरकछार, छिंद, कनकबीरा, हरदी समेत आधा दर्जन सोसायटियो का नाम आता है जहा हर वर्ष बड़े स्तर पर घपला होता है तथा यहा पर धान खरीदी में कई बार एफआईआर होता है। इस वर्ष भी बड़े स्तर पर खेला करने की तैयारी को अंजाम देने के लिये समन्वय बनाने का काम हो चुका है। बताया जा रहा है कि जशपुरकछार में महानदी पर डूबान भूमि मे आने वाले जमीनो का भी पंजीयन धान खरीदी वाले खेल मे हुआ है वही कई ऐसे बड़े-बड़े चहरे है जिनका रकबा में बड़ा अंतर आ रहा है। एक-दो एकड़ की भूमि दस से पन्द्रह एकड़ में तब्दील हो गई है। ऐसा आज नही लगभग 5 बरस से चलते आ रहा है। इस कारण से यहा पर धान खरीदी एक बड़ा उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। जिला प्रशासन के दबाव के बाद भी कई सोसायटी में फर्जी किसानो के नाम पर बड़ा खेल खेला गया है। देखना यह है कि धान खरीदी के इस खेल मे जिला प्रशासन इस बार कोचियो और धान माफियाओ पर दबाव बनाने मे कामयाब होता है या हर वर्ष की तरह जिला प्रशासन पर धान कोचिया भारी पडेगें।

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