आर्यन मिनरल्स एंड मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड में लाखों टन अवैध डोलोमाइट्स डंप
हजारों जिंदगियों के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ , प्रदूषण विभाग बेखबर
सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम बोंदा में स्थित आर्यन मिनरल्स एंड मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड में इन दिनों अवैध पत्थर की सेलिंग कर क्रेशर मालिक मालामाल हो रहा है और खनिज विभाग है कि इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं । रायगढ़ खनिज विभाग में नवपदस्थ खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का प्रभार दिया गया है , लेकिन अधिकारी हैं कि उनके कामकाज से ही उनको इस क्रेशर की ओर झांकने का भी फुर्सत नहीं मिल रहा है या फिर कहें कि ऑफिस में काम बहुत ज्यादा हो जा रहा है । रायगढ़ जिले से अलग होकर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बना हुआ है और इसमें सिर्फ एक ही अधिकारी को प्रभार दिया गया है । यहां और निरीक्षकों की जरूरत आन पड़ी है , क्योंकि यहां कम-से-कम 100 -150 क्रेशर स्थित है , इनको भी देखना बहुत जरूरी है और एक ही अधिकारी होने से इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है , जिसका फायदा क्रेशर मालिक बखूबी से उठा रहे हैं ।वैसे ताजा मामला आर्यन मिनरल्स एंड मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड बोंदा की है , जहां क्षमता से ज्यादा अवैध तरीके से माल रखा गया है । अगर माइनिंग विभाग इस क्रेशर में जाकर देखे तो बहुत सारी खामियां मौजूद मिलेगा , क्योंकि क्रेशर को देखने से पता चल रहा है कि वहां कम-से-कम लाखों टन डोलोमाइट भरा हुआ है ।आखिर इसकी क्षमता से अधिक माल आया कहां से ? यहाँ अवैध तरीके से डोलोमाइट खुदाई कर इस क्रेशर में खपाया जा रहा है और ओडिशा में बेचा जा रहा है , क्योंकि सरिया में खनिज जांच चौकी नहीं होने से क्रेशर मालिक इसका बखूबी फायदा उठा रहे हैं और शासन को लाखों की नहीं करोड़ों की चुना लगा रहे हैं ।
पर्यावरण नियमों की उड़ा रहे हैं धज्जियां
पर्यावरण विभाग के अधिकारी तो हमेशा सुर्खियों में रहते हैं , क्योंकि इन्हें सोने से फुर्सत ही नहीं मिलती तो कार्यवाही क्या करेंगे या फिर मोटे लिफाफा की चढ़ावा में चढ़ गए हैं पर्यावरण विभाग के अधिकारी ? बड़े रसूखदार होने से इनके क्रेशरों को झांकने भी नहीं आ रहे हैं और बोंदा के ग्रामवासी क्रेशर के डस्ट से परेशान हैं ।
क्रेशर संचालित होने से स्कूली छात्रों को हो रही है परेशानियां
छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों के लिए कई सारे नई-नई योजनाएं लाकर दे रही है , लेकिन यहाँ आर्यन मिनरल्स एंड मेटल्स प्राइवेट लिमिटेड की मेहरबानी से स्कूली छात्र बहुत परेशान हो रहे हैं । क्रेशर संचालित रहती है और जब हवा की रुख पूर्व दिशा की ओर होती है तो स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है , क्योंकि क्रेशर का धूल-डस्ट उड़कर स्कूल की ओर जा रहा है । यह बड़े रसूखदार होने पर क्रेशर में नियमों का पालन ही नहीं हो रहा है । एक भी जाली नहीं ढका हुआ है , सब खुला छोड़ दिया गया है । ना तो माइनिंग नियमों का पालन हो रहा है , ना एक भी बाउंड्री वॉल है और ना ही कहीं पर बोर्ड लगा हुआ है कि कितनी एरिया में क्रेशर है और कहां पर लीज है ? इसकी कोई भी जानकारी नहीं है , लेकिन बड़े रसूखदार होने से इनको माइनिंग और पर्यावरण विभाग द्वारा अभयदान दे दिया गया है । धन्य है ऐसे अधिकारी जो कार्यवाही के नाम पर डबल जीरो साबित हो रहे हैं ।सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और ऐसे अधिकारी जो कार्यवाही ना करें उनको इस जिले में रहना भी नहीं चाहिए । जो क्रेशर मालिक छात्रों की ज़िन्दगियों के साथ खिलवाड़ कर रहा है उस पर एक बार कार्यवाही की जरूरत आन पड़ी है । अब आगे देखते हैं माइनिंग या प्रदूषण विभाग इस पर क्या कार्यवाही करती है या फिर रायगढ़ जिले से होकर अलग सारंगढ – बिलाईगढ़ जिले के कलेक्टर इसको संज्ञान में लेते हैं ।
अवैध पत्थर आर्यन मिनरल्स में खपाया जा रहा है
वही प्राप्त जानकारी के अनुसार जमीन को छलनी – छलनी करके अवैध तरीके से डोलोमाइट की खुदाई कर इस क्रेशर में खपाया जा रहा है , क्योंकि वहां एक ट्रैक्टर वाला से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गांव के ग्रामीण द्वारा अवैध तरीके से डोलोमाइट खुदाई कर इस क्रेशर में खपाया जा रहा है और शासन को लाखों की चुना लगाया जा रहा है व माइनिंग विभाग है कि मुख दर्शन बन सिर्फ तमाशा ही देख रहे हैं , कार्यवाही के नाम पर डबल जीरो साबित हो रहे हैं । जैसे ही जिला परिवर्तन हुआ और नए-नए अधिकारी आए तो कार्यवाही भी सुस्त नजर आ गई है । देखते हैं खबर प्रकाशित होने के बाद तेज तर्रार खनिज अधिकारी क्या कदम उठाते हैं ।