
ग्रामीण अंचलों में फर्जी प्रदूषण जांच केंद्र का खुलासा — बिना लाइसेंस के हो रही जबरन वसूली?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
जिले के विकासखंड बिलाईगढ़ अंतर्गत कई ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र के नाम पर अवैध वसूली का बड़ा मामला सामने आया है। बिना वैध पंजीयन और बिना परिवहन विभाग की अधिमान्यता के एक फर्जी चलित वाहन केंद्र द्वारा ग्रामीणों से जबरन वसूली की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, एक पुरानी ओमनी गाड़ी (क्रमांक CG 04 HD 0288) पर बैनर लगाकर खुद को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत चलित प्रदूषण जांच केंद्र बताया जा रहा है। उस पर “छत्तीसगढ़ शासन, परिवहन विभाग द्वारा अधिकृत चलित वाहन प्रदूषण जांच केंद्र, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ और एक संदिग्ध कोड अंकित किया गया है। इस कथित केंद्र के द्वारा ग्रामीण इलाकों में मोटरसाइकिल, स्कूटी, लूना जैसे वाहनों को जबरदस्ती रोककर बिना किसी तकनीकी जांच के केवल एक पीली पर्ची पर “प्रदूषण प्रमाणपत्र”जारी कर दिया जाता है,
जिस पर देविशी मोबाईल पीयूसी टेस्टिंग सेंटर कुवन लिखा है। यह प्रमाणपत्र पूरी तरह फर्जी है और इसे तकनीकी जांच या वैध प्रक्रिया के बिना ही काटा जा रहा है। जैतपुर,जोरापाली, भिनोदी, गाताडीह, नारबंद, परसदा सहित दर्जनों गांव प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि 4-5 लोगों की टीम गांवों में भ्रमण कर रही है जो रास्ते में किसी भी वाहन चालक को रोककर डराते हैं और बिना किसी पूछताछ के 100 लेकर एक पीली पर्ची थमा देते हैं। वाहन जांच के नाम पर ना कोई मशीन काम करती है और ना ही प्रदूषण मापन होता है।
जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा? नियमों का खुला उल्लंघन
बता दे कि यह टीम विभागीय आदेशों को भी धता बता रही है। बलौदाबाजार जिले के जिला परिवहन अधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश है कि प्रदूषण जांच केंद्र केवल स्थायी जगहों पर, चॉइस सेंटर की तरह संचालित किए जाएं और केवल जरूरतमंद लोगों को प्रमाणपत्र दें। जब जिला परिवहन अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा – हमें शिकायत प्राप्त हुई है, हम मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे।