जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : 24 घंटे में ही कलेक्टर और एसपी बदले, कलेक्टर धर्मेश साहू और एसपी पुष्कर शर्मा का ट्रांसफर!

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : 24 घंटे में ही कलेक्टर और एसपी बदले, कलेक्टर धर्मेश साहू और एसपी पुष्कर शर्मा का ट्रांसफर!

सारंगढ़-बिलाईगढ़ : 24 घंटे में ही कलेक्टर और एसपी बदले, कलेक्टर धर्मेश साहू और एसपी पुष्कर शर्मा का ट्रांसफर!

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला का किया गया
प्रशासनीक सर्जरी,
जिले में पदस्थ दोनो बड़े अधिकारियो को भेजा
गया लूप-लाईन,
कलेक्टर धर्मेश साहू पंचायत एवं ग्रामीण विकास
में विशेष सचिव,
एसपी पुष्कर शर्मा वाईआईपी वाहिनी माना के
सेनानी बने,
परफार्मेंस खराब होने पर ट्रांसफर की चर्चा?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
नया जिला बनने के बाद पहली बार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 24 घंटे के अंदर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक दोनो बड़े पदो पर कार्यरत आईएएस और आईपीएस अधिकारी का स्थानान्तरण आदेश जारी किया गया है। शनिवार की शाम को कलेक्टर धर्मेश साहू के स्थानान्तरण आदेश के 24 घंटे भी नही बीत पाये थे कि रविवार को छुट्‌टी के दिन एसपी पुष्कर शर्मा का भी स्थानान्तरण आदेश जारी हो गया। शनिवार की शाम से रविवार की शाम तक दोनो बड़े अधिकारी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला से ट्रांसफर कर दिये गये। नये कलेक्टर के रूप मे डां संजय कन्नौजे और नये एसपी के रूप में अंजनेय वार्ष्नेय को सारंगढ़-बिलाईगढ़ में पदस्थ किया गया है। बताया जा रहा है कि सारंगढ़ में
प्रशासनीक और कानून व्यवस्था की स्थिति को संतोषजनक नही पाये जाने पर उक्त ट्रांसफर किया गया है।

नया जिला बना सारंगढ़-बिलाईगढ़ में पहली बार ऐसा स्थिति हुआ है कि कलेक्टर और एसपी को 24 घंटे के अंदर ट्रांसफर कर दिया गया है। यहा पर नये कलेक्टर के रूप में डॉ. संजय कन्नौजे को पदस्थ किया गया है जो कि बालोद मे जिला पंचायत के सीईओ के पद पर कार्यरत थे। वही यहा कलेक्टर रहे धर्मेश साहू को विशेष सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास में पदस्थ किया गया है। इसी प्रकार से जिले मे नये एस.पी. के रूप में धमतरी के एसपी अंजनेय वार्ष्नेय को सारंगढ़-बिलाईगढ़ का एसपी बनाया गया है वही यहा पर एसपी के रूप मे पदस्थ के एसपी पुष्कर शर्मा को वीआईपी वाहिनी माना का सेनानी नियुक्त किया गया है। बताया जा रहा है कि दोनो बड़े अधिकारियो के काम-काज से मुख्यमंत्री संतुष्ट नही थे तथा शासन की योजनाओ की जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाने मे जिला सारंगढ़-
बिलाईगढ़ पीछे रह गया। सूत्रो की माने तो सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर कई शिकायते प्रदेश के मुखिया के पास पहुंची थी तथा चाकू गोदकर हत्या और गोलीकांड़ जैसे घटनाओ को लेकर सारंगढ़-बिलाईगढ़ पुलिस की छबि सही नही सुधर रही थी। वही प्रशसन मे कसावट नही देखी जा रही थी। नया और छोटा जिला बनने के बाद भी अधिकारियो पर नियंत्रण नही के बराबर हो गया था। अधिकारियो की मनमानी हावी चल रही थी। कलेक्टर का नियंत्रण सरकारी अमले में नही दिख रहा था। ऐसे कारणो से कलेक्टर का परफार्मेंस भी सही नही जा रहा था जिसमे सुधार के लिये समीक्षा बैठक में चेतावनी भी दिया गया था किन्तु कोई सुधार नही दिखा। वही पुलिस कप्तान कार्यप्रणाली को लेकर भी संतोषजनक फीडबैंक राजधानी नही पहुंच पाई। पुराने वर्षो से पदस्थ पुलिस प्रभारियो के भरोसे ही पुलिस का कामकाज यहा पर चल रहा था। मैदानी स्तर की समस्या और कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने मे कप्तान असफल रहे जिसके कारण से महीने भर से उनको हटाये जाने की
चर्चा गर्म थी।

नया जिला मे विकास कम जंजाल ज्यादा?

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला महज दो अनुविभाग को मिलाकर बनाया गया है किन्तु यहा पर प्रशासनीक पकड़ काफी ढ़ीली रहने की शिकायत लगातार आ रही थी। शासन के योजनाओ के नाम पर अधिकारियो के बीच लालफीताशाही पूरे उफान पर चल रहा था। वही कागजी घोड़े ही नये जिले मे दौड़ाये जा रहे थे। मैदानी स्तर पर कोई बदलाव नये जिले मे नही दिख रहे है। जिनके कारण से नया जिला बनने का कोई फायदा सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिलेवासियो को नही मिल पाया। वही चढ़ावा का दर मनमानी हो गया और सरकारी अमला मनमुताबित निर्णय लेने लग गया जिसके कारण से जिला प्रशासन का डर खत्म हो गया। वही पुलिस कार्यप्रणाली को लेकर भी स्थिति संतोषजनक नही रही थी। वर्षो से रायगढ़ जिले और अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के नाम पर पदस्थ पुलिसकर्मी वही पुराने चेहरे थे जो कि थाना सम्हाले हुए थे और रूटिन का काम ही संपन्न कर रहे थे। चोरी और कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने मे असफल दिख रहे थे। जिसके कारण से सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में प्रशासनीक सर्जरी की आवश्यकता
पड़ गई।

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