
शराब के नशे में धुत्त होकर “सरकारी गुरूजी” आते है स्कूल, हस्ताक्षर करके फिर चले जाते है? प्रबंधन समिति और प्राचार्य देते है देख लेने की धमकी?
13 फरवरी को मामले की सूचना डीईओ को देने के बाद भी कार्यवाही शून्य?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे चेहरा देखकर कार्यवाही करने की परंपरा जारी?
एडवांस मे उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर घूमने निकल पड़ते है सरकारी गुरूजी?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के शास.उ.मा.शाला गुड़ेली मे सरकारी गुरूजी शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल आते है और उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करके वापस चले जाते है। आपत्ति करने पर प्राचार्य और शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के साथ भी दुर्व्यवहार करने पर गुरूजी उतारू हो जाते है। मामले की लिखित शिकायत 13 फरवरी को करने के आज 20 दिन होने के बाद भी इस सरकारी गुरूजी पर कार्यवाही नही होने से इनके हौंसले बुलंद है। वही बालक-बालिका वाले इस स्कूल में कभी भी बड़ी घटना नशे मे टुन्न रहने वाले सरकारी गुरूजी के कारण से घट सकती है।
सारंगढ़ शिक्षा विभाग में कार्यरत सरकारी कर्मचारियो पर कार्यवाही चेहरा देखकर हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण शासकीय उ.मा.शाला गुड़ेली के नशे मे धुत्त रहने वाले सरकारी गुरूजी व्याख्याता के खिलाफ शिकायत के 20 दिन गुजरने के बाद भी कार्यवाही नही होने से स्पष्ट दिख रहा है। नशे मे स्कूल आने वाले सरकारी गुरूजी के खिलाफ शिकायत किसी और ने नही बल्कि स्कूल के प्राचार्य और शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने किया है और उनके विभिन्न मनमानी क्रिया-कलाप की जानकारी भी दिया है किन्तु ना तो कोई जांच समिति बनाई और ना ही नशे में धुत्त करने वाले सरकारी गुरूजी के खिलाफ कोई कार्यवाही हुई जिसके कारण से अब सरकारी गुरूजी खुद बुलंद हौंसले के साथ सभी को देख लेने की धमकी देने पर उतारू हो गये है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शासकीय उ.मा.शाला गुड़ेली सारंगढ़ में त्रिनाथ सिंह सिदार (व्याख्याता एल०बी०) विषय राजनीति शास्त्र के पद पर कार्यरत् है। इस स्कूल के प्राचार्य के द्वारा 13 फरवरी 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी सारंगढ़-बिलाईगढ़ को लिखित मे शिकायत किया गया कि उनके द्वारा अक्सर शराब पीकर साथी के साथ आना और उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के पश्चात् बिना सूचना के शाला से चले जाने का कृत्य पाया गया है। प्राचार्य ने बताया कि त्रिनाथ सिंह सिदार के द्वारा निम्नानुसार शालेय कार्य विरुद्ध आचरण पाया गया है जिसमें वह दिनांक 11.02.2025 से 12.02.2025 को बिना सूचना के अनुपस्थित पाया गया है
साथ ही वह दिनांक 13.02.2025 को उपस्थिति रजिस्टर में दिनांक 14.02.2025 का एडवांस हस्ताक्षर किया तथा नास्ता करने के बहाने स्कूल से अपने साथी के साथ निकला और फिर स्कूल वापस नहीं आया। वही शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष द्वारा स्कूल आकर फोन से कारण पूछने पर उनके साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया। उन्होने बताया कि गत माह शाला में बिना सूचना के अनुपस्थित पाये जाने पर चार दिन का वेतन काटने की कार्यवाही की गई थी। वही त्रिनाथ सिदार के द्वारा शराब पीकर शाला में आने और कक्षा संचालन के दौरान छात्र-छात्राओं के साथ अनुचित डांट-फटकार करने का कृत्य पाया गया है। त्रिनाथ सिंह सिदार के द्वारा अनियमित स्कूल आने जाने से अध्यापन व्यवस्था पर गलत प्रभाव पड़ने के साथ-साथ छात्र-छात्राओं का विषय राजनीति शास्त्र का अध्यापन नियमित नहीं हो पा रहा है। इसलिये उक्त व्याख्याता के प्रति उचित कार्यवाही करने निवेदन प्राचार्य के द्वारा किया गया। किन्तु आज पर्यन्त तक शराब के नशे मे धुत्त सरकारी गुरूजी त्रिनाथ सिदार पर कोई कार्यवाही नही किया गया है। ना जांच और ना ही कार्यवाही, शराबी गुरूजी के हौंसले बुलंद? बताया जा रहा है कि 13 फरवरी 2025 को किया गया शिकायत को लगभग 20 दिन बीत गये है किन्तु कार्यवाही के नाम पर शून्य है। आज तक जांच तक नही कराया गया है और ना ही कार्यवाही के लिये कोई पहल किया गया है। जिसके कारण से शराबी गुरूजी के हौंसले बुलंद है तथा अब शाला प्रबंधन समिति और प्राचार्य को उनके द्वारा ही देख लेने की धमकी दिया जा रहा है। को-एजुकेशन स्कूल में शराबी शिक्षक के अभद्र आचरण एक संवेदनशील मामला है और ऐसे मामले मे स्कूल के प्राचार्य के द्वारा दिया गया शिकायत पर भी ध्यान नही देने से कभी भी स्कूल मे बडी घटना घट सकती है। ऐसे मे जिला शिक्षा अधिकारी का शराबी शिक्षक पर कार्यवाही के लिये कोई पहल तक नही करना कई सवालो को जन्म दे रहा है।