सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला : जातीय समीकरण में उलझ गई भाजपा जिलाध्यक्ष का चयन?
बड़े चेहरो पर टिकी भाजपा कार्यकर्ताओ की उम्मीद,
जातीय समीकरण में साहू या अघरिया समाज पर सत्ताधारी दल का फोकस?
अजा बाहुल्य जिले में संगठन का काम अन्य पिछड़ा वर्ग को सौपने पर विचार?
अंतिम दौर की ओर भाजपा जिलाध्यक्ष की रेस,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला भाजपा जिला अध्यक्ष का चयन अब पार्टी के नये निर्देशानुसार जातीय समीकरण मे उलझ़ गई है। अजा बाहुल्य जिला सारंगढ़ में सत्ताधारी दल भाजपा यहा पर जिलाध्यक्ष का ताज अन्य पिछड़ा वर्ग के सर पर सजाने की तैयारी में है जिसके कारण अभी यह पद उलझ़ गया है। सूत्रो की माने तो अन्य पिछड़ा वर्ग के जातिगत समीकरण में अब इस पद पर साहू समाज या अघरिया समाज के चेहरे को मौका देने की तैयारी हो रही है। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला बनने के 2 साल बाद पहली बार भाजपा का संगठन चुनाव हो रहा है। जिसमें जिलाध्यक्ष का चयन को हरी झंड़ी देने के लिये गत दिनो जिले मे कुछ बड़े चेहरे का आगमन हुआ था। इस आगमन के बहान जिलाध्यक्ष के दावेदारो को टटोलना था जिसके बाद अपना फीड़ बैक प्रदेश नेतृत्व के पास रखना था। बताया जा रहा है कि अजा बाहुल्य जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में बड़ी संख्या में ओबीसी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित करते है इस कारण से पिछ़ले बार बनाया गया जिला भाजपा अध्यक्ष सुभाष जालान जो कि सामान्य वर्ग से आते है उनको हटाकर ओबीसी चेहरे के नाम पर मुहर लगाया जा सकता है। बताया ज रहा है कि नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ में जातीय समीकरण और राजनिति की तासीर को समझने के लिये गत दिनो बड़े नेताओ को आगमन हुआ था। किन्तु प्रदेश भाजपा के द्वारा दिया गया निर्देश में साफ संकेत है कि जिलाध्यक्ष पर जातीय समीकरण का मजबूती से ध्यान रखना है। इस निर्देश में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला भाजपाध्यक्ष के लिये बिछाई गई बिसात में मोहरे मात खाना शुरू हो गये है और अब नये सिरे से समीकरण बनाने मे भाजपा नेता और कार्यकर्ता जुट गये है। प्रदेश भाजपा के सूत्रो की माने तो जातीय समीकरण के हिसाब से सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिला में अन्य पिछ़ड़ा वर्ग के चेहरे को प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है। इस जातीय समीकरण के हिसाब से बिलाईगढ़ ब्लाक में साहू समाज के दावेदारा प्रभावशाली समाज के प्रतनिधित्व के रूप मे मजबूती से दावा कर रहे है वही सरिया-बरमकेला के अघरिया समाज के नेता बड़े प्रबलता के साथ सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला भाजपाअध्यक्ष पद के लिये अपनी दावेदारी ठोक रहे है।
वही सारंगढ़ जिला मुख्यालय के नाम पर यादव समाज इस पद पर दावेदारी रख रहा है। किन्तु चुनावी समीकरण को देखने पर बिलाईगढ़ ब्लाक के चार नगर पंचायत बिलाईगढ़, भटगांव, सरसीवां और पवनी में नगरीय चुनाव तथा ग्रामीण क्षेत्र में साहू फैक्टर मजबूत साबित होगें तो बरमकेला ब्लाक के बरमकेला और सरिया नगर पंचायत और ग्राम पंचायत चुनाव में अघरिया समाज निर्णायक भूमिका निभा सकते है। किन्तु मामला सारंगढ़ जिला मुख्यालय पर आने पर भाजपा का गत चुनावो में ट्रेक रिकार्ड का अवलोकन भी किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि सारंगढ़ जिला मुख्यालय से भाजपा जिलाध्यक्ष के लिये यादव समाज पर सत्ताधारी दल भाजपा की नजर है। ऐसे मे जातीय समीकरण मे भाजपा जिलाध्यक्ष का पद उलझ़ गया है और कोई भी एक नाम पर सर्वसम्मति नही बन पा रहा है। क्षेत्रवाद मे बिलाईगढ़-सारंगढ़ और बरमकेला मे मुकाबला? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के साथ विड़ंबना यह कि दो अनुविभागो को मिलाकर इस जिला का गठन किया गया है जिसमे से सारंगढ़ अनुविभाग जिसमे सारंगढ़, बरमकेला और सरिया क्षेत्र आते है जो कि पहले रायगढ़ जिला मे आता लगभग 225 ग्राम पंचायत और दो नगर पंचायत और 1 नगर पालिका के साथ सारंगढ़ अंचल रायगढ़ जिला का प्रतिनिधित्व करता था वही 2 नगर पंचायत बिलाईगढ़ और भटगांव केसाथ 125 ग्राम पंचायत के साथ बिलाईगढ़ अनुविभाग बलौदाबाजार-भाटापारा जिला का प्रतिनिधित्व करता था। बलौदाबाजार जिला रायपुर संभाग तथा रायगढ़ जिला बिलासपुर संभाग में आता था। ऐेसे मे जिला बनने के दो वर्ष बाद भी राजनितिक विचारधारा में एकमत का कोई उचित कारण अभी तक दिखाई
नही दे रहा है।
नये जिले में भाजपा की स्थित बदहाल?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ मे भाजपा की स्थिति काफी कमजोर मानी जा रही है। यहा पर जिलाध्यक्ष के रूप में सरसीवां (बिलाईगढ़ अनुविभाग) के सुभाष जालान गत दो वर्षो से पदस्थ है। वही इन दो वर्षो में जिले के दोनो विधानसभा सीट को तथा लोकसभा चुनाव में जांजगीर लोकसभा के तहत आने वाला बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भी भाजपा को करारी परायज का सामना करना पड़ा है। सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र सारंगढ़ तथा बरमकेला ब्लाक के क्षेत्र मे बड़ी जीत लोकसभा चुनाव के दौरान ही मिली। वही प्रदेश मे सत्ता में शानदार वापसी करने के बाद भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ भाजपा अभी भी एक्टिव मूड में ना तो खुद आ पाई है और ना ही कार्यकर्ताओ को एक्टिव कर पाई है। ऐसे मे नये चेहरे पर फोकस कर उर्जावान जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की ओर भाजपा के प्रदेश के कर्णधारो की नजर है।
चौंकाने वाला नाम हो सकता है फायनल?
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में भाजपा के नये जिलाध्यक्ष के लिये चौकाने वाला नाम सामने आ सकता है। सूत्रो की माने तो सारंगढ़ अंचल में जनपद पंचायत चुनाव, नगर पालिका चुनाव और विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी पराजय का कारण कार्यकर्ता नही बल्कि संगठन के नेताओ को दोषी दिया जा रहा है। वही बिलाईगढ़ अनुविभाग मे भी नेताओ के कारण से कार्यकर्ताओ में काफी रोष है तथा इसका परिणाम नगरीय चुनाव और ग्रामीण पंचायती चुनाव में साफ तौर पर सत्ताधारी दल को भुगतना पड़ सकता है। ऐसे मे भाजपा के प्रदेश के कर्णधार ऐसे चेहरे पर मंथन कर रहे है जो निर्विवाद और साफ छबि के साथ-साथ पूरे जिले में पार्टी को मजबूती के साथ संचालित कर सके। सूत्र बताते है कि ऐसे चेहरे के रूप में भाजपा के प्रदेश की टीम के नाम मजबूत रूप से दो नाम है जिसमे से एक को कमान आने वाले दिनो मे सौपा जा सकता है।