वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी की शिकायत पर सेंट्रल GST नें दो अधिकारियों
को किया सस्पेंड, कारोबारियों से अवैध वसूली की थी शिकायत
रायपुर,
छत्तीसगढ़ में कारोबारियों से अवैध वसूली की शिकायत के बाद सेंट्रल जीएसटी विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो सुपरिटेंडेंट्स को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ये अधिकारी कारोबारियों से अवैध वसूली कर रहे थे, जिससे व्यापारियों में असंतोष और डर का माहौल बन गया था। वित्त मंत्री चौधरी ने तुरंत इस मामले को संज्ञान में लिया और सेंट्रल जीएसटी विभाग से जांच की मांग की।
आपको बता दें कि जांच के बाद इन दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। इस कार्रवाई के बाद सेंट्रल जीएसटी ने छत्तीसगढ़ में काम कर रहे अपने सभी अधिकारियों पर निगरानी कड़ी कर दी है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा, विभाग अब नियमित निरीक्षण और जांच प्रक्रियाओं को और सख्त बनाने की योजना बना रहा है ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार को समय पर पहचाना जा सके और उस पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
क्या था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में सेंट्रल जीएसटी के अधिकारियों द्वारा कारोबारियों से जबरन वसूली करने और उन्हें डरा-धमकाकर मोटी रकम मांगने की शिकायतें सामने आई थीं। इन आरोपों के बाद राज्य के वित्त मंत्री ओपी चौधरी को इस बारे में सूचित किया गया। चौधरी ने तुरंत इस गंभीर मामले की शिकायत दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों से की। मामला बेहद गंभीर होने के कारण केंद्र ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच प्रक्रिया शुरू की। शिकायतों के अनुसार, सेंट्रल जीएसटी के अधिकारी कारोबारियों पर दबाव बनाकर अवैध रूप से बड़ी रकम वसूल रहे थे, जिससे व्यापारी वर्ग में भय और असंतोष का माहौल था। इस वसूली के खिलाफ व्यापारियों ने आवाज उठाई, जिसके बाद चौधरी ने मामले को दिल्ली तक पहुंचाया।
लंबे समय से छत्तीसगढ़ में थे अधिकारी
इस मामले की जांच में सेंट्रल जीएसटी के छत्तीसगढ़ में तैनात सुपरिटेंडेंट्स पल्लव पारगनिहा और आशीष पाठक की अवैध वसूली में लिप्त पाए गए। दोनों अधिकारियों पर आरोप था कि वे व्यापारियों से जबरन वसूली कर रहे थे, और इन गंभीर आरोपों के आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, पल्लव पारगनिहा और आशीष पाठक लंबे समय से छत्तीसगढ़ में तैनात थे और अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे।