
प्राथमिक शाला रेंजर पारा सारंगढ़ और डीपापारा सरिया को गलत जानकारी देकर कराया गया बंद? सीईओ जिला पंचायत ने रेंजरपारा के स्कूल के जांच मे अधिकारियो को पाया दोषी,
जांच रिर्पोट में निलंबित डीईओ एल.पी.पटेल और सरिया के प्राचार्य एवं समन्वयक पाये गये
दोषी, कलेक्टर को भेजा जांच प्रतिवेदन, फिर से स्कूल खोलने की अनुसंशा,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे युक्तियुक्तकरण में लगातार सामने आ रहा है अधिकारियो की
मनमानी?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्रार्न्तगत आने वाला शासकीय प्राथमिक शाला रेंजरपारा और सरिया नगर पंचायत क्षेत्रार्न्तगत आने वाला शास.प्राथमिक शाला डीपापारा सरिया को बंद करने के शिक्षा विभाग के फैसले के खिलाफ कलेक्टर सारंगढ़ के द्वारा कराया गया जांच में दोनो स्कूल को नियम विरूद्ध बंद करने का फैसला पाया गया। जांच अधिकारी जिला पंचायत सीईओ ने दोनो की मामले मे शिक्षा विभाग के अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश करते हुए दोनो स्कूल को पुन: बहाल कर खोलने के लिये डीपीआई में प्रस्ताव भेजने की बात भी कही है। दरअसल सारंगढ़ नगर पालिका क्षेत्र मे आने वाला शासकीय प्राथमिक शाला रेंजरपारा और सरिया के शासकीय प्राथमिक शाला डीपापारा को युक्तियुक्तकरण के तहत बंद करके समीप के स्कूल मे समायोजन कर दिया गया जिसके विरूद्ध मोहल्लेवासियो ने कई बिन्दु पर मनमानी निर्णय को लेकर आपत्ति जताते हुए जांच की मांग कलेक्टर से किया था जिसमें जिला पंचायत सारंगढ़ के सीईओ को जांच अधिकारी बनाया गया था जहा पर दोनो स्कूल को बंद करने का निर्णय को नियम विरूद्ध पाया गया। शासकीय प्राथमिक शाला रेंजर पारा सारंगढ़ को नियम विरुद्ध बंद कर 1 कि.मी. दूर शासकीय प्राथमिक शाला सहसपुर में मर्ज कर रेंजर पारा स्कूल बंद करने के संबंध में मिली शिकायत के जांच मे बताया गया कि शासकीय प्राथमिक शाला रेंजर पारा डाईस कोड 22041629704 जो कि अनुसूचित जाति बाहूल्य क्षेत्र में स्थित है।
जिसकी दर्ज संख्या 18 है, इस क्षेत्र में अत्यंत गरीब व मजदूर अनुसूचित जाति के लोग निवासरत है, इस स्कूल को नियम विरूद्ध बंद कर 1 कि.मी दूर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला सहसपुर में मर्ज कर दिया गया है। जबकि शासन के नियमानुसार शहरी क्षेत्र में मर्ज के लिये 2 स्कूलो के बीच की दूरी 500 मीटर होनी चाहिये। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यालय सारंगढ़ में दावा आपत्ति किया गया था, जिसमें रेंजर पारा के पार्षद व निवासी द्वारा 1 कि. मी. दूरी का प्रमाण पत्र सहित सबूत दिया गया था। दावा आपत्ति उपरांत शासकीय प्राथमिक शाला रेंजर पारा को मर्ज शाला सूची से बाहर कर दिया गया था। परन्तु अंतिम सूची में पुनः जोड़ दिया गया और शाला को बंद कर प्राथमिक शाला सहसपुर में मर्ज कर दिया गया है। चूंकि युक्तियुक्तकरण हेतु गठित समिति द्वारा परिशिष्ट 3 ब (संशोधन हेतु प्रस्ताव) में दोनो विद्यालयों की परस्पर दूरी 0.8 कि.मी. होना बताया गया है। परन्तु पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुभाग स्तरीय समिति के द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को नजर अंदाज कर रेंजर पारा की सूची को 5 किलोमीटर से कम दर्शाते हुए बंद कर दिया गया। अतः विद्यालयों की परस्पर दूरी 500 मीटर से अधिक होने के कारण युक्तियुक्तकरण से पृथक किये जाने हेतु डीपीआई के प्रतिवेदन भेजा जाना उचित होगा एवं उक्त प्रकरण में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एल.पी. पटेल के विरूद्ध कार्यवाही हेतु डीपीआई को प्रतिवेदन भेजा जाना उचित होगा।
वही प्राथमिक शाला डीपापारा सरिया के मामले में समिति एवं मोहल्ले वासियो के द्वारा शिकायत किया गया कि प्राथमिक शाला कन्या सरिया में युक्तियुक्तकरण कर प्राथमिक शाला डीपापारा सरिया को मिला दिया गया है। जिसको नही मिलाया जाये। दोनो शालाओं की दूरी का अंतर 02 कि.मी. है एवं नगर पंचायत सरिया से आउट एरिया में है और घर बस्ती से दूर है तथा नेशनल हाईवे मुख्य मार्ग होने के कारण छोटे बच्चे सड़क पार कर स्कूल नहीं जाएंगे एवं शासन के द्वारा लिया गया निर्णय युक्तियुक्तकरण के तहत प्राथमिक शाला डीपापारा सरिया को नही लिया जावे, प्राथमिक शाला डीपापारा सरिया को यथावत रखने के संबंध में आवेदन किया गया है। उक्त संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत बरमकेला से दूरी के संबंध में जांच कराया गया, जिसमें मुख्य मार्ग से स्कूल की दूरी 1.8 किलोमीटर पाया गया। अतः उक्त संबंध में प्राचार्य एवं संकुल समन्वय के द्वारा गलत जानकारी प्रदाय की गई थी। प्राचार्य पुरूषोत्तम चौधरी एवं संकुल समन्वय श्री उमाचरण साहू के विरूद्ध कार्यवाही हेतु शासन को पत्र लिखा जाना प्रस्तावित है। प्राथमिक शाला डीपापारा सरिया को पुनः खोलने हेतु पत्र शासन को भेजा जाना प्रस्तावित है।