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उड़ीसा की औद्योगिक कंपनी ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग गांवो में किसानो से खरीद रही है अवैध रूप से कृषि भूमि ?

उड़ीसा की औद्योगिक कंपनी ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग गांवो में किसानो से खरीद रही है अवैध रूप से कृषि भूमि ?

उड़ीसा की औद्योगिक कंपनी ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग गांवो में किसानो से खरीद रही है अवैध रूप से कृषि भूमि?

500 एकड़ का चूना पत्थर खदान के लिये जमीन खरीदी शुरू,

मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड को मिला है लालाधुरवा जोगनीपाली चूना पत्थर ब्लॉक,

अभी तक ग्राम पंचायत सहित किसी भी विभाग का एनओसी नही?

फिर भी प्रभावित क्षेत्र के किसानो से औनेपौने दाम पर खरीदा जा रहा है कृषि भूमि?

मात्र 9.47 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से खरीदा जा रहा है कृषि भूमि?

खनिज विभाग और राजस्व विभाग की शह पर खरीदी?

उपपंजीयक कार्यालय में पौने चार एकड़ की राजिस्ट्री संपन्न,

सारंगढ़,

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के प्रसिद्ध गुड़ेली खनिज क्षेत्र में 500 एकड़ का प्रस्तावित चूना पत्थर ब्लाक के आबंटन के लिये शुरू हुई कार्यवाही के बीच उड़ीसा की कंपनी मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड ने खनि पट्‌टा प्राप्त करने के पूर्व ही किसानो से कृषि भूमि की खरीदी शुरू कर दिया है। गत दिनो 3.83 एकड़ कृषि भूमि को किसान मीठा प्रसाद पिता ननकू ग्राम धौराभाठा से कंपनी मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल ने मात्र 9.47 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से खरीदी किया है। जबकि उक्त चूना पत्थर ब्लाक के लिये निजी जमीन अधिग्रहण होने की दशा में कंपनी को भू-अर्जन के रूप में लगभग 25 लाख रूपये प्रति एकड़ का दर से भुगतान करना पड़ता। ऐसे मे कंपनी आने वाले दिनो में लगभग 200 एकड़ से अधिक कृषि भूमि का खरीदी का प्लान दलालो के माध्यम से तैयार कर रही है। उड़ीसा की कंपनी को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में किस आधार पर कृषि भूमि खरीदने का अधिकार दिया गया तथा किस आधार पर प्रभावित क्षेत्र की भूमि को भू-अर्जन के पहले की खरीदी कर करोड़ो रूपये बचाने के लिये कंपनी अभी से मनमानी करने पर तुली है? यह नये जिले में जिला प्रशासन के लिये बड़ा सवाल के रूप मे सामने है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के प्रसिद्ध गौण खनिज क्षेत्र लालाधुरवा जोगनीपाली मे चूना पत्थर के ब्लाक के लिये छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग 200.902 हेक्टेयर यानि 500 एकड़ क्षेत्र पर खनिज चूनापत्थर का खनिपट्टा स्वीकृति हेतु संदर्भित टेंडर दिनांक 24.11.2022 को जारी किया गया था। खनिज (नीलामी) नियम, 2015 के नियम 9 (9) (iii) के अनुक्रम में मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड से प्राप्त 23.55% उच्चत्तम बोली के आधार पर विभागीय समसंख्यक पत्र दिनांक 17.01.2023 द्वारा कंपनी को सफल बोलीदार घोषित किया गया है। मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड कंपनी ने अपफ्रंट पेमेंट का 20% (बीस प्रतिशत) प्रथम किश्त के रूप में दिनांक 31.01.2023 को रूपये 2.11,27,588/- (दो करोड़ ग्यारह लाख सत्ताईस हजार पांच सौ अठ्यासी रूपये) नीलामी राशि मद में जमा किया गया है। तथा 16 विभिन्न शासकीय विभागो से एनओसी की कार्यवाही शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि धौरांभाठा ग्राम पंचायत के द्वारा भी अभी तक इस कंपनी को एनओसी नही दिया गया है। फिर भी कंपनी मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड ने लालाधुरवा जोगनीपाली मे चूना पत्थर के ब्लाक के लिये अभी से किसानो को बहलाफुसलाकर कृषि जमीन की खरीदी कंपनी के नाम पर शुरू कर दिया है। जबकि अभी तक कंपनी को अंतिम तौर पर चूना पत्थर ब्लाक का आबंटन नही किया गया है। ऐसे मे धौराभाठा के किसानो को बहला-फुसलाकर उड़ीसा की कंपनी मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड ने 3.83 एकड़ से अधिक की भूमि की खरीदी कंपनी के नाम पर करते हुए अभी से जमीन खरीदी शुरू कर दिया है।

इस संबंध मे जानकारो ने बताया कि लिये छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग 200.902 हेक्टेयर यानि 500 एकड़ क्षेत्र पर खनिज चूनापत्थर का खनिपट्टा स्वीकृति हेतु जो टेंडर निकाला था उसका सफल बोलीदार उड़ीसा की कंपनी मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड है किन्तु उक्त कंपनी को अभी तक किसी भी विभाग की ओर से एनओसी नही मिला है। साथ ही प्रभावित खनन क्षेत्र मे आने वाले शासकीय-निजी भूमि का आंकलन कर भू-अर्जन की कार्यवाही होना बाकि है। ऐसे में प्रभावित होने वाले भूमि को अभी से कंपनी के द्वारा खरीदी किये जाने से सीधा तौर पर किसानो को मिलने वाला मुआवजा मे सेंधमारी करना है। उड़ीसा की कंपनी को छत्तीसगढ़ में कृषि भूमि की खरीदी का अधिकारी कैसे प्रदान कर दिया गया? जबकि यह कंपनी अभी सफल बोलीदार के समस्त अर्हताओ को पूरा नही किया है। ऐसे मे किसानो से कंपनी के नाम पर जमीन की खरीदी करना समझ से परे है?

मात्र 9.47 लाख रूपये प्रति एकड़ की दर से खरीदा जा रहा है कृषि भूमि?

इस संबंध में उपपंजीयक कार्यालय सारंगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार 31 जुलाई 2024 को उड़ीसा की कंपनी मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड के द्वारा धौराभाठा-जोगनीपाली चूना पत्थर खनन प्रभावित क्षेत्र के किसान से डायरेक्ट कंपनी के नाम पर कृषि भूमि खरीदी किया गया है। बताया जा रहा है कि धौराभांठा के किसान मीठा प्रसाद पिता ननकू से 36 लाख रूपये में 3.83 एकड़ कृषि भूमि खरीदी किया गया है। जो कि प्रति एकड़ की दर से 9.47 लाख रूपये हो रहा है। जबकि किसानो को बरगलाया जा रहा है कि किसानो को 18 लाख रूपये प्रति एक़ड़ की दर से भुगतान किया जायेगा। लेकिन जब भूमि राजिस्ट्री की बारी आ रही है तब मात्र 9.47 लाख रूपये की दर से ही भुगतान कर किसानो का शोषण किया जा रहा है।

भूअर्जन में प्रति एकड़ 25 लाख रूपये देना पड़ता किसानो को?

बताया जा रहा है कि शासकीय गाईडलाईन के अनुसार जोगनीपाली-धौराभाठा चूना पत्थर ब्लाक के लिये 500 एकड़ के जमीन में लगभग 200 एकड़ भूमि निजी मद की है। ऐसे मे यहा पर भू-अर्जन की कार्यवाही होने पर कंपनी को शासकीय दर से ढ़ाई गुना अधिक दर पर किसानो को मुवायजा भुगतान करना पड़ता तथा यह राशी लगभग 25 लाख रूपये प्रति एकड़ होता। अभी खरीदी करने पर कंपनी को किसानो को महज 9.47 लाख रूपये ही प्रति एकड़ देना पड़ रहा है। ऐसे मे भू-अर्जन और चूना पत्थर ब्लाक आबंटन के पूर्व ही कंपनी लगभग 200 एकड़ से अधिक कृषि भूमि को मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड कंपनी अपने नाम पर खरीद कर करोड़ो रूपये को बचाना चाहती है। यह सीधा तौर पर किसानो के हक पर डाका डालना है।

   खनिज विभाग और राजस्व विभाग के पास जवाब नही?

इस पूरे मामले में जिला खनिज अधिकारी हीरादास भाराद्धाज तथा राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियो से उड़ीसा की कंपनी के द्वारा सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे कृषि भूमि के खरीदी संबंधी अधिकार तथा किसी भी विभाग के एनओसी के बिना चूना पत्थर ब्लाक के लिये अभी से कंपनी द्वारा जमीन की खरीदी-बिक्री करने की अनुमति संबंधी सवाल पर कोई जवाब नही दिया गया। फाईलो को उलट-पलट करने के अलावा बड़े सरकारी अधिकारी इस पूरे मामले में जवाब देने मे कतराते दिखे जिसके कारण से स्पष्ट दिख रहा है कि मामला में कई गड़बड़ी का काम अभी से शुरू हो गया है।

       कौन से कृषि भूमि की हुई खरीदबिक्री?

इस संबंध मे उपपंजीयक कार्यालय सारंगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार धौराभांठा के किसान मीठाप्रसाद उम्र 64 वर्ष पिता ननकू जाति- अघरिया (अन्य पिछड़ा वर्ग), पेशा-कृषि, निवासी ग्राम धौराभांठा, तहसील सारंगढ़, जिला- सारंगढ़-बिलाईगढ़ (छत्तीसगढ़) से 3.83 एकड़ कृषि भूमि को मेसर्स ग्रीन सस्टेनेबल मेनुफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड, प्लॉट नं. 176/476 सब. प्लॉट, एएमएसबी इन्फ्रा, बेगुनिया दुमुदुमा भुवनेश्वर, खोरधा उड़िसा की ओर से अधिकृत डायरेक्टर श्री मुकेश डालमिया, उम्र 48 वर्ष, लिंग-पुरूष, पिता स्व. फूलचंद डालमिया, जाति- अग्रवाल (सामान्य), पेशा-नौकरी, निवासी जे.एम.जे. लोचन नगर रायगढ़ वार्ड नं-27 जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) ने 36,28,000/- छत्तीस लाख अ‌ट्ठाईस हजार रूपये में खरीदी किया है। बताया जा रहा है कि इस सौदा में भूमि खसरा नं. 134/1/ख, रकबा 0.0720 हेक्टेयर, खसरा नं. 158/4, रकबा 0.2740 हेक्टेयर, खसरा नं. 177/4, रकबा 0.1090 हेक्टेयर, खसरा नं. 104/10, रकबा 0.1250 हेक्टेयर, खसरा नं. 104/11, रकबा 0.0200 हेक्टेयर,खसरा नं. 104/12, रकबा 0.0730 हेक्टेयर, खसरा नं. 48/4, रकबा 0.0410 हेक्टेयर, खसरा नं. 129/4, रकबा 0.0460 हेक्टेयर, खसरा नं. 77/2, रकबा 0.4540 हेक्टेयर, खसरा नं. 122/4, रकबा 0.3060 हेक्टेयर, खसरा नं. 122/5, रकबा 0.0320 हेक्टेयर भूमि को पुरा बिक्री किया गया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से होगी शिकायत- मयूरेश केशरवानी

इस मामले में भाजपा जिला मिडिया प्रभारी और नगर पालिका पार्षद मयूरेश केशरवानी ने कहा कि ग्रामीणों को ठगने का काम पहले भी हुआ है जिसके कारण ग्रामीणजनों को उनका हक नही मिल पाता है। इस मामले में भी सिलसिलेवार शिकायत की जावेगी ताकि ग्रामीणजन धोखे का शिकार ना हों। इसके साथ ही साथ जिला खनिज अधिकारी कर भुमिका भी संदिग्ध है उक्त विषय पर भी शिकायत किया जावेगा।

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