
महतारी एक्सप्रेस के जर्जरता से माताओं को हो रही परेशानी- नंदनी वर्मा
भाजपा महिला मोर्चा की सक्रिय जिलाध्यक्ष सारंगढ़ बिलाईगढ़ एवं पुर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती नंदिनी वर्मा
ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कांग्रेस का आडे हॉथों लिया और इस सरकार के मंशा पर सवाल उठाए। नंदनी वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के 2013 में गर्भवतियों को अस्पताल ले जाने के लिए शुरू की गई महतारी एक्सप्रेस (एंबुलेंस-102) के ज्यादातर वाहन अब लगभग कबाड़ होने की स्थिति में आ गए हैं। यह सेवा अगस्त 2013 में 370 एंबुलेंस के साथ शुरू की गई थी।
महतारी एंबुलेंस हर साल औसतन 6 लाख गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचा रही हैं। इस सेवा के 2018 में पांच साल पूरे हुए और समीक्षा की गई, तब यह बात सामने आई कि 55 कंडम होने के कारण डंप कर दी गई, 315 ही बच गई थीं। अब सभी गाड़ियों की उम्र तकरीबन 10 साल हो चुकी है। इनमें से भी 60 पूरी तरह
कंडम हैं। नई एंबुलेंस क्यों नहीं आ रही हैं। महतारी एम्बुलेंस के जरिए रोजाना औसतन 1800 (सालाना 6 लाख) गर्भवतियों और इनके शिशुओं को अस्पताल लाया, ले जाया जा रहा हैं। अभी एंबुलेंस कम सुविधाओं के साथ ट्रांसपोर्ट
व्हीकल के मोड में हैं, आपात मेडिकल फेसिलिटी नहीं है। 2018 के बाद से स्थिति यह है कि हर 10 गर्भवतियों में से एक की स्थिति ऐसी रहती है कि या तो एंबुलेंस में ही डिलीवरी करवाना मजबूरी हो जाता है, या फिर उनके नवजात के लिए ऑक्सीजन सपोर्ट जरूरी रहता है। कई बार गर्भवतियों की हालत बिगड़ने पर डिलीवरी एंबुलेंस में ही करवाने की मजबूरी हो जाती है। स्टाफ किस तरह ऐसा कर पाता है, इसे समझने के लिए यह जान लें कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं। मेडिकल किट नहीं है, दवाइयां पूरी नहीं हैं। ज्यादातर सीटें फटी हैं। जहां गर्भवती को लिटाते हैं, वहां कई एंबुलेंस में स्टेपनी रखी मिली। भूपेश सरकार के द्वारा इस योजना को आगे बढाने में कोई रूची नही दिखती है। भाजपा सरकार के द्वारा यह योजना प्रारंभ की गई थी आने वाले समय में भी भाजपा की सरकार आने के बाद ही इस योजना के कायाकल्प की संभावना दिख रही है। उक्त बातें प्रेस के माध्यम से भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष नंदनी वर्मा के द्वारा कही गई।