



सारंगढ़ में करोड़ो रूपये के जमीन का अवैध प्लाटिंग कर बेचने की तैयारी?
छोटे टुकड़ो में बटांकन एवं डायवर्सन कराया भू-स्वामी नें,
रेरा में बिना पंजीयन के भूमि की राजिस्ट्री की तैयारी
बड़े स्तर पर हो रहा है अवैध प्लाटिंग का बड़ा खेल?
सारंगढ़,
नवीन जिला बना सारंगढ़ में जिला प्रशासन की आंखो मे धूल झोंक कर अवैध रूप से प्लाटिंग करके करोड़ो रूपये की जमीन को बेचने की तैयारी भू-माफियाओ ने कर लिया है। मूल भू-स्वामी के नाम पर जमीनो के छोटे-छोटे टुकड़ो में बटांकन करा लिया गया है साथ ही भूमि का डायवर्सन भी छोटे-छोटे टुकड़ो मे करा लिया गया है। लगभग 7 टुकड़ो मे जमीन की राजिसट्री अगले माह के शुरूवात मे होने वाली है। अवैध प्लाटिंग करते हुए रेरा में बिना पंजीयन कराये जमीन बेचकर मोटा मुनाफा वसूली का भी खेल यहा पर बड़े पैमाने पर खेलने की तैयारी हो रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के बिलासपुर रोड़ में रोड़ ऊपर करोड़ो रूपये की महंगी भूमि पर अवैध प्लाटिंग का प्लान अर्से से बन रहा है। उड़ीसा निवासी कुछ लोगो की भूमि को सारंगढ़ के कुछ भू-माफिया ने औने-पौने दाम पर खरीदा है तथा लगभग 5-7 एकड़ से अधिक की कृषि भूमि को समतल करके अवैध रूप से प्लाट काटकर बेचने का कार्य प्रारंभ करने वाले है। बताया जा रहा है जिन लोगो ने इस भूमि को खरीदी किया है तथा अन्य को बेचने का प्लान बनाया है वे किसी भी हालत में अपने प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीयन नही कराना चाहते है। रेरा में पंजीयन होने पर यहा पर विक्रय हो रही भूमि तथा अवैध रूप से काटे जा रहे प्लाट का खेल बंद हो जायेगा और शासन को मोटी राशी पंजीयन के रूप मे मिलती साथ ही मूलभूत सुविधाएं प्लाट खरीददार को देनी पड़ती इस कारण से उड़ीसा के जिस पार्टी से सौदा करके जमीन को खरीदने का करार किया गया है उस जमीन को मूल भू-स्वामी के और खरीदने वाली तीसरी पार्टी के बीच डायरेक्टर राजिस्ट्री की कार्यवाही शुरू होने वाली है भले ही बीच का तगड़ा मुनाफा वसूली को बीच मे भू-माफिया आसानी से डकारने वाला है। इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर रोड़ में काफी महंगी जमीन को षड़यंत्र के साथ अवैध प्लाट काटकर विक्रय करने के लिये सबसे पहले भू-माफिया गैंग के सदस्यो ने इस भूमि को मूल भू-स्वामी से छोटे –छाटे टुकड़ो मे बटांकन कराया है। उसके बाद इस टुकड़ा जमीन को डायसर्वसन करा दिया गया है। इस डायवर्सन कराने के बाद 7 टुकड़ो मे इस महंगी जमीन को विक्रय करने की तैयारी अंतिम चरण मे चल रहा है। इस कार्य मे अवैध प्लाटिंग को रोकने वाली सरकारी विभाग नगर पालिका सारंगढ़, राजस्व विभाग सारंगढ़ रहस्यमय चुप्पी साधे हुए है। इस संबंध में सूत्र बतात है कि लगभग 5 से 7 एकड़ कृषि भूमि को समतल करा दिया गया है तथा चारदिवारी से घेर दिया गया है। वही इस जमीन का सौदा सारंगढ़ के कुछ भू-माफिया के साथ हुआ है जिसमे हुए एग्रीमेंट में डायरेक्ट तीसरी पार्टी को जमीन का राजिस्ट्री कराने का प्लान फायनल किया गया है। बताया जा रहा है इसके लिये भू-माफियाओ ने इस जमीन को पहले तो छोटे-छोटे टुकड़ो मे जमीन का बटांकन का कार्य संपन्न किया है तथा उसके बाद 7 टुकड़ो में जमीन को 4 डिसमिल से लेकर 7 डिसमिल तक का डायवर्सन किया है। अब मार्च माह मे खरीददारो के नाम पर राजिस्ट्री कराये जाने का योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि कृषि भूमि का डायवर्सन तथा उसका छोटे टुकड़ो मे बटांकन के खेल से ही स्पष्ट हो जा रहा है कि यहा पर अवैध प्लाटिंग करने की तैयारी हो रही है। राजस्व विभाग के संरक्षण मे चल रहे इस बड़ा खेल में सबकुछ जानते हुए भी राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अनजान बने हुए है।
7 टुकड़ो मे होने वाली है राजिस्ट्री?
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार यहा पर प्रति डिसमिल भूमि लगभग 25 लाख रूपये से 33 लाख रूपये में विक्रय किया जा रहा है जबकि क्रेताओ ने उड़ीसा के भू-स्वामी से लगभग 4 लाख रूपये प्रति डिसमिल के दर पर सौदा किया हुआ है। बताया जा रहा है कि इस माह के मार्च के अंतिम दिन तक सौदा हुआ भूमि का पूर्ण भुगतान मूल भू-स्वामी को प्रदान किया जाना है। इसके लिये 4 डिसमिल से लेकर 7 डिसमिल तक का टुकड़ा में भूमि का डायवर्सन तथा बटांकन का कार्य करा लिया गया है अब बिक्री नकल की तैयारी कर शीघ्र ही जमीनो को बिक्री करने का प्लान बनाया गया है। बताया जा रहा है कि अवैध प्लाटिंग का आरोप तथा आगे होने वाली कार्यवाही में सारंगढ़ के भू-माफिया अभी से अपने आप को बचाने में लगे है तथा खुद का नाम कही पर भी नही आने दे रहे है। इस कारण से मूल भू-स्वामी और क्रेता के बीच डायरेक्ट जमीन का पंजीयन कराया जा रहा है जबकि मोटा मुनाफा वसूली भू-स्वामी कर रहे है।
रेरा में पंजीयन से बचने निकाला बीच का रास्ता?
बताया जा रहा है कि जिस जमीन पर अवैध प्लाट काटकर विक्रय करने का प्लान फायनल किया गया है वह लगभग 5 से 7 एकड़ है तथा इस जमीन पर अवैध प्लाटिंग का बड़ा खेल खेलने के लिये इस तगड़ा मुनाफा वसूली के साथ विक्रय करने का प्लान बनाया गया है। साथ ही रेरा में पंजीयन से बचते हुए बड़ी चालाकी से पहले तो मूल भू-स्वामी को छोटे टुकड़ो मे कृषि भूमि को बटांकन करा दिया गया और उसके बाद उसे डायवर्सन करा दिया गया है। अब डायरेक्ट राजिस्ट्री का कार्य कराना ही बाकि रह गया है। ऐसे मे बिना रेरा के पंजीयन के मूल भू-स्वामी और खरीददार के बीच राजिस्ट्री की कार्यवाही कराई जाने वाली है और तगड़ा मुनाफा वसूली भू-माफिया करने वाले है। पूरे खेल मे जिला प्रशासन के आंखो मे धूल झोकने का प्रयास भू-माफिया करने वाले है।