

पुलिस कप्तान को अंधेरे में रखकर अवैध महुआ शराब खूब बनवा व बिकवा रही डोंगरीपाली पुलिस?
मंजूरपाली, करपी, महुआपाली, खम्हरिया, अकबरटोला, केरमेली के जंगलों में खुलेआम चल रहा है महुआ शराब की फैक्ट्री?
शिकायतकर्ता को धमकी दे रहे है शराब माफिया
नये जिले में महुआ शराब बना कमाई का साधन,
सारंगढ़,
छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में अवैध महुआ शराब का गोरखधंंधा खूब फल-फूल रहा है। तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा को अंधेरे में रखकर डोंगरीपाली पुलिस द्वारा अपने थाना क्षेत्र में चढ़ावा लेकर खूब बनवा व बिकवा रही है। ओडि़शा सीमावर्ती क्षेत्र से लगे इस थानाक्षेत्र के गांव-गांव में अवैध महुआ शराब की मिनी फैक्ट्री संचालित हो रही है। ग्रामीणों के शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों का गुस्सा कभी भी फूट सकता है।
डोंगरीपाली थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत हट्टापाली, आश्रित ग्राम मंजूरपाली, करपी ग्राम पंचायत के महुआपाली, खम्हरिया ग्राम पंचायत के खम्हरिया, अकबरटोला, केरमेली के जंगलों में खुलेआम महुआ शराब की फैक्ट्री संचालित हो रही है। इसकी जानकारी बच्चे-बच्चे को हैं। स्थानीय ग्रामीण डोंगरीपाली पुलिस में नामजद शिकायत कर रहे हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। दरअसल, डोंगरीपाली पुलिस द्वारा सभी तस्करों से मंथली कमीशन फिक्स है। हर महीने चढ़ावा मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो रही है।
गांवों में रोजाना विवाद की स्थिति
अवैध महुआ शराब का गोरखधंधा धड़ल्ले से संचालित हो रही है। इसकी जद में छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी आ रहे हैं। शराब के कारण गांवों में रोजाना विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। हर गांव में शाम को लड़ाई-झगड़े हो रहे। गांवों का माहौल पूरी तरह से अशांत हो चुका है, लेकिन खाकी वर्दी की आड़ में अपनी तिजोरी भरने का काम कर रहे पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है।
शिकायतकर्ताओं को दे रहे धमकी
डोंगरीपाली पुलिस की खुलेआम संरक्षण से शराब कोचियों के हौसलें सातवें आसमान पर है। अवैध शराब की शिकायत करने वाले शिकायतकर्ताओं को खुलेआम जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वहीं मारपीट करने से भी पीछे नहीं हट रहे। इससे ग्रामीण डरे व सहमे हुए हैं। वहीं डोंगरीपाली टीआई व एक एएअसाई के खिलाफ भारी आक्रोश पनप रहा है। अगर जल्द ही एसपी द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय का ग्रामीण घेराव भी कर सकते हैं।