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सारंगढ़ के राईस मिलरो के द्वारा अमानक चावल की आपूर्ति पर जैजैपुर विधायक की मुख्यमंत्री से शिकायत

सारंगढ़ के राईस मिलरो के द्वारा अमानक चावल की आपूर्ति पर जैजैपुर विधायक की मुख्यमंत्री से शिकायत

सारंगढ़ के राईस मिलरो के द्वारा अमानक चावल की आपूर्ति पर जैजैपुर विधायक की मुख्यमंत्री से शिकायत

वरिष्ठ तकनीकी सहायक विक्रांत माखीजा पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप
सारंगढ़ के मिलरों और जांजगीर के अधिकारियों की मिलीभगत?
सारंगढ़ का पाखड़ चावल जांजगीर जिले में नाम कमा रहा?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/जांजगीर-चांपा,
जांजगीर-चांपा जिले में शासकीय राशन दुकानों और गोदामों में अमानक, घटिया व पुराने चावल की आपूर्ति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जैजैपुर विधायक बालेश्वर साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से शिकायत की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।विधायक ने अपने शिकायत पत्र में बताया है कि जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों और मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह पता चला है कि जिले के विभिन्न हिस्सों में घटिया और अमानक चावल का वितरण किया गया है। इस चावल में 10 प्रतिशत से अधिक पाउडर की मात्रा पाई गई है, जो खाद्य सुरक्षा मानकों का खुला उल्लंघन है और आम जनता के स्वास्थ्य के साथ गंभीर खिलवाड़ भी है। मामले में यह भी सामने आया है कि सारंगढ़ के कुछ मिलरों द्वारा अन्य जिलों के लिए स्वीकृत चावल को अवैध रूप
से जांजगीर-चांपा भेजा गया। आरोप है कि नागरिक आपूर्ति निगम के कुछ अधिकारियों ने इस चावल को बिना किसी रासायनिक जांच के स्वीकार कर लिया।

वरिष्ठ तकनीकी सहायक विक्रांत माखीजा पर गंभीर आरोप

इस पूरे मामले में वरिष्ठ तकनीकी सहायक विक्रांत माखीजा का नाम प्रमुखता से सामने आया है। शुरुआत में उन्होंने भंडारण के लिए जगह नहीं होने का हवाला देते हुए चावल अस्वीकार किया था, लेकिन बाद में वही चावल स्वीकार कर सैकड़ों गांवों में वितरित करवा दिया गया। सूत्रों के अनुसार, माखीजा पर मिलरों से मिलीभगत और आर्थिक लेन-देन के भी आरोप लगे हैं।

उच्च स्तरीय जांच की मांग

विधायक साहू ने इस मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की है। उन्होंने इसे सिर्फ एक आपूर्ति में गड़बड़ी नहीं, बल्कि शासकीय योजनाओं में गहरे भ्रष्टाचार और जनता के साथ विश्वासघात का मामला बताया। मामले को लेकर लगातार जनता और मीडिया से शिकायतें मिल रही हैं। अब सवाल उठता है कि बिना परीक्षण के यह चावल कैसे वितरित किया गया? क्या यह एक संगठित भ्रष्टाचार का हिस्सा है? इस संबंध में जब हम विक्रांत मखीजा से बताया कि यह सब अफवाह है विधायक ने शिकायत किया है तो वो उनका पर्सनल कुछ होगा मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। हालांकि अब शिकायत के बाद जांच के बाद ही तय होगा कि आखिर कौन अच्छा और कौन झूठा?

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