जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

टिमरलगा में हुए दर्दनाक हादसा में 4 की मौत से क्षेत्र में सन्नाटा पसरा….हादसा या सुनियोजित घटना….. पढ़िए विस्तृत खबर…

टिमरलगा में हुए दर्दनाक हादसा में 4 की मौत से क्षेत्र में सन्नाटा पसरा….हादसा या सुनियोजित घटना….. पढ़िए विस्तृत खबर…

सारंगढ़ के टिमरलगा में दर्दनाक हादसा : पत्थर खदान में रात को गिरा कार, 4 की मौत
गांव की सरपंच मीना पटेल उसके पति महेन्द्र पटेल एवं सास पार्वती पटेल, ससुर फूलसिंह पटेल की मौत,
हादसे में बची 15 वर्षीय बेटी रोशनी, तैरकर निकली बाहर,
टिमरलगा में शोक की लहर, एक साथ 4 की मौत से मातम पसरा
हादसा या पूर्व नियोजित? इस बात की लेकर अंचल में चर्चा गर्म
कार में थे 5 लोग सवार , बच्ची ने शीशा तोड़ कर निकली बाहर
मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया, मृतको के परिजन को 4-4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता
सारंगढ़ पुलिस ने किया हादसे की जांच शुरू
सारंगढ़,
नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ थानार्न्तगत आने वाला टिमरलगा में आज बड़ा हादसा हो गया। बीती रात को एक कार टिमरलगा के पत्थर खदान मे समा गया। इस हादसे में कार मे सवार 5 लोगो मे से 4 लोगो की पानी में डूबने से मौत हो गई। वही परिवार की एक बच्ची खिड़की तोड़कर बाहर तैरकर आकर अपना जान बचा लिया। इस दर्दनाक हादसे में मृतको मे टिमरलगा ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती मीना पटेल उनके पति महेद्र पटेल और महेन्द्र के माता पार्वती पटेल, पिता फूलसिंह पटेल शामिल है। घटना मे सरपंच की 15 वर्षीय पुत्री रोशनी ही बच पाई है। इस ह्दयविदारक घटना से सारंगढ़ अंचल आज स्तब्ध हो गया तथा क्षेत्र मे मातम छा गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ विकासखंड़ के ग्राम पंचायत टिमरलगा में 29-30 दिसंबर की दरम्यानी रात लगभग 12 बजे उस वक्त हड़कंप मच गया जब टिमरलगा की सरपंच श्रीमती मीना पटेल की सुपुत्री रोशनी बदहवास हालत में दौड़ते हुए घर के पास के पेट्रोल पंप आई और जोर से चिल्लाकर खदान मे कार के डूबे होने की बात पेट्रोलपंप के कर्मचारियो से बोली। पानी मे भिगी हुई लड़की की बातो को सुनकर पंप के कर्मचारी और वहा पर उपस्थित कुछ गांववासी खदान की ओर दौड़े और मामले की सूचना टिमरलगा के कुछ निवासियो को दिया। जिसके बाद खदान के पास पहुंचे ग्रामवासियो ने सारंगढ़ पुलिस को पूरे मामले की सूचना दिया जिस पर तत्काल की सारंगढ़ पुलिस मौके पर पहुंचकर हादसे की जानकारी देर रात लिया। वही घटना मे 4 लोगो की कार सहित डूबने की खबर से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया तथा पुलिस कप्तान स्वयं ही देररात को मौकेस्थल पर पहुंच गये तथा स्थिति का जायजा लिया तथा अलसुबह से रेस्कयू आपरेशन शुरू करने के लिये पोकलैंड़ और गोताखोरो की टीम को अर्लट करने का निर्देश दिया साथ ही पूरे मामले की जानकारी सरपंच की 15 वर्ष की पुत्री रोशनी से लिया। वही सुबह होते तक पूरे घटना की खबर अंचल में आग की तरह फैल गई तथा सैकड़ो की भीड़ घटना स्थल के पास पहुंच गई तथा गोतोखारो की टीम के साथ भी रेसक्यू आपरेशन मे जुट गई तथा क्रेन और हाईड्रा की मदद से कार को बाहर निकाला गया। उससे पहले मृतक सरपंच के सुसर फूलसिंह का शव को खदान से बाहर निकाला गया जो कि पानी के ऊपर आ गया था। वही बाद मे तीन शव और बरामद किया गया।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार टिमरलगा मे 29-30 दिसंबर कर दरम्यानी रात 12 बजे बस्ती के पास के पत्थर खदान में सरपंच श्रीमती मीना पटेल और सरपंच पति महेन्द्र पटेल और उनके माता पार्वती पटेल पिता फूलसिंह पटेल और उनकी पुत्री रोशनी की कार गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगो की मौत हो गई। जिसकी सूचना हादसे मे जिंदा बचे महेन्द्र पटेल की पुत्री रोशनी ने ग्रामीणो को दिया। इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार 29 दिसंबर की शाम को सरपंच पति महेन्द्र पटेल ने टिमरलगा के उपसरपंच रोहित पटेल से उसकी किया सेल्टास कार सीजी 13 एसए 6704 को कोरबा जाने के लिये लिया तथा शाम को लगभग 6 बजे कार मे पूरा परिवार सवार होकर टिमरलगा से निकला, इस कार को महेन्द्र पटेल खुद की चला रहा था तथा उसके बगल मे उसकी पत्नी श्रीमती मीना पटेल बैठी थी तथा पीछे सीट पर उनके माता पार्वती पिता फूलसिंह और 15 वर्षीय पुत्री रोशनी सवार थी। महेन्द्र पटेल पूरे परिवार के साथ उड़ीसा के भठली गया तथा वहा पर श्री श्याम मंदिर में भगवान का दर्शन करने के उपरांत लगभग 11 बजे रात को वापस टिमरलगा आ गया। गांव मे घर के पास खदान के पास कार को खड़ी करने के बाद बाहर शौच के लिये बाहर गया महेन्द्र पटेल ने वापस आकर कार को इस प्रकार से चलाया कि वही सीधा पत्थर खदान मे समा गया। वही रास्ते पर कार के मुड़ने का टायरो का निशान है जिससे साफ पता चल रहा है कि कार मुड़कर खदान में समायी है। कच्ची रास्ता होने तथा खदान के पास पर मिट्‌टी का कोई ढेर नही होने के कारण से खदान मे कार गिर गई तथा लगभग 30 से 35 फीट पानी भरा हुआ खदान में कार डूब गई। इस हादसे मे कार की खिड़की तोड़कर महेन्द्र की 15 वर्ष की पुत्री रोशनी कार से बाहर आई तथा खदान में तैरकर बड़ी मुश्किल से बाहर निकलकर आस-पास चिल्लाई किन्तु किसी का कोई जानकारी नही मिलने पर दौड़कर पास के पेट्रोल पंप चली गई तथा वहा के कर्मचारियो को पूरी बात बताई।
सुबह पुलिस ने गातोखोरो की मदद से डूबे हुए लोगो का रेसक्यू शुरू किया तथा हाईड्रा और क्रेन मौक पर मंगाकर मृतको की तलाश शुरू किया थोड़ी की देर मे खदान के पानी मे तैर रही एक व्यक्ति की लाश मिली जिसे निकालने पर उनकी पहचान महेन्द्र पटेल के पिता फूलसिंह के रूप में किया गया। दो घंटे के बाद हादसे में शिकार कार का लोकेशन भी पता चल गया किन्तु साथ ही साथ तीन और लाश भी बरामद हो गई, सभी लाशो को बाहर निकालने और हादसे मे डूबी कार को निकालने से वहा पर मातम छा गया तथा सैकड़ो की संख्या में उपस्थित ग्रामवासियो के मन मे शोक की लहर दौड़ पड़ी। इस हादसे मे सरपंच का पूरा परिवार तबाह हो गया। उसकी एक पुत्री को छोड़कर शेष सभी की मृत्यु हो गई। इस ह्द्य विदारक घटना से पूरे क्षेत्र सहम सा गया है।

घटना की खबर लगते ही पहुँचे अधिकारी

यह हादसा रात्रि करीब 10:00 से 12:00 बजे के बीच हुआ । जैसे ही इसकी सूचना सारंगढ़ कोतवाली को लगी उसके बाद कोतवाल ने तुरंत अपने उच्च अधिकारी एसपी और एडिशनल एसपी को ख़बर दी । तब रात को ही अधिकारी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए और घटना की बारीकी से जांच किया गया । वहीं रात का अंधेरा होने से गाड़ी को बाहर निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा । तभी सुबह होते ही गोताखोरों और क्रेन की मदद से गाड़ी को बाहर निकाला गया । वही गाड़ी को बाहर निकलते ही सरपंच मीनू पटेल, महेंद्र पटेल और उनकी सास की गाड़ी में फंसकर पानी में डूबने से मौके पर ही मौत हो चुकी थी ।

हादसा या कुछ और…. संवेदनशील है पूरा घटना?

सारंगढ़ के टिमरलगा के सरपंच के परिवार के 4 सदस्यो का इस हादसे मे दुखद मृत्यु होना और एक मात्र पुत्री का ही जिवित बचने के बाद तरह तरह के कयास लगाये जा रहे है। दबी जुबान से पूरे घटना को हादसा बताने के साथ साथ इस बार को भी कह रहे है कि सरपंच और उसके पति काफी परेशान रहते थे तथा 15 दिन से ज्यादा ही तनाव मे रहते थे। कुछ लोगो ने बताया कि मार्केट से लिया गया कर्ज के कारण से दोनो मे टेंशन ज्यादा था। वही कुछ लोग इस घटना को लापरवाही भरा हादसा मान रहे है। बताया जा रहा है कि कर्ज और कर्ज का दबाव का मामला काफी ज्यादा चर्चा मे है। इस कारण से सारंगढ़ पुलिस भी पूरे मामले मे बारिकी से जांच करने की बात कह रही है। अगर कर्ज के कारण से परिवार का सामूहिक आत्महत्या वाली स्थिति जांच मे सामने आती है तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना का रूप धारण करेगी। बहरहाल अभी पूरे मामले मे कारणो का पता लगाने मे सारंगढ़ पुलिस लगी हुई है। इसलिये अभी से किसी निष्कर्ष पर पहुंचना गलत होगा। पुलिस की जांच के बाद ही कुछ कहना सही होगा।

समय खराब या हर निर्णय गलत?

इस हादसे के पूरे मामले को लेकर सरपंच पति महेन्द्र पटेल के करीबियो से इस घटना की चर्चा करने पर जो बात छनकर सामने आ रही है उसमे समय खराब होना सबसे बड़ा कारण के रूप मे सामने आया है। कुछ परिचितो ने बताया कि चुनावी खर्च और कोरोना काल के बाद आर्थिक स्थिति चरमराई जरूर थी किन्तु निराशा वाली बात नही थी। मार्केट मे बड़ा रकम की चर्चा तो है लेकिन कोई ठोस प्रमाण किसी के पास नही है। वही सोने का हंड़ा और उसमें निकले सोना का पीलत निकलना तथा इसके लिये भी बड़ा खर्च करना जैसे बात अभी हवा में तैर रहा है। कुछ लोगो का कहना है कि 15 दिन से अधिक समय से महेन्द्र पटेल तनाव मे था और अपना मोबाईल को भी बंद कर दिया था। शायद कर्ज का रकम को वापस लेने के लिये दवाब के कारण से मोबाईल बंद करके रख दिया था। वही तीन दिन पूर्व ही मोबाईल आन किया था। ऐसे कई सवाल और जवाब अभी हवा मे तैर रहे है जिसकी जांच बहुत की जरूरी है।


क्या कहते है सारंगढ़ पुलिस कप्तान

इस संबंध में सारंगढ़ बिलाईगढ़ एसपी राजेश कुकरेजा ने बताया कि सारंगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम टिमरलगा की सरपंच मीनू पटेल अपने पति महेंद्र पटेल और सास-ससुर एवं 15 वर्षीय बेटी रोशनी के साथ गुरुवार को ओड़िशा के भठली दर्शन के लिए गये थे और वापस आने के दौरान देर रात 11.30 बजे गांव के पास ही पानी से भरे पत्थर खदान में की ओर किसी कार्य के सिलसिले में गया था। जिसके बाद कार को बैक करने के दौरान कार अनियंत्रित होकर पानी से लबालब पत्थर खदान में गिर गया। इस घटना के बाद सरपंच की बेटी कार से बाहर निकल जाने की वजह से सलामत बच गयी। वहीं बाकी चार लोगों की पानी में डूबने से मौत हो गई। बाहर निकलने के बाद रोशनी ने घटना की जानकारी पास ही स्थित पेट्रोल पंप में स्थित कर्मचारियों को दी जिन्होंने सारंगढ़ पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए मौके पर पहुंचे।वहीं सूचना मिलते ही एसपी राजेश कुकरेजा भी रात 12 बजे घटना स्थल पर पहुंच गये एसपी के साथ पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान रात में पुलिस ने महेंद्र पटेल के पिता का शव बरामद कर लिया है। इस घटना को देखते हुए होम गार्ड और गोताखोरों की भी मदद ली गई। पानी में डूबे अन्य लोगों की तलाश करते रहे और सुबह होने के बाद हाइड्रा वाहन मंगाई गई जिसकी मदद से गहरे पानी से कार को बाहर निकाला गया औऱ सभी 4 शव को बरामद कर लिया गया। शव को पीएम के लिए सारंगढ़ अस्पताल ले जाया गया है तथा देर शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस इस पूरे घटना क्रम की जांच में जुट गई है।

बेटी रोशनी सुरक्षित बाहर नही निकलती तो पता भी नही चलता?

इस पूरे मामले में जो बात छनकर सामने आ रही है उसके अनुसार उपरसरपंच की कार को मांगकर कोरबा के नाम पर टिमरलगा से जाना तथा भठली श्याम मंदिर से दर्शन कर वापस 11 बजे रात को आना तथा खदान के पास शौच के लिये महेन्द्र पटेल का रूकना तथा उसके बाद कार को ऐसा चलाना जिससे कार सीधा खदान मे गिर गया। यह सब जांच का विषय का बिन्दु बन गया है। किन्तु इस हादसे मे अपने आपको बचाकर खिड़की तोड़कर 15 वर्ष की पुत्री रोशनी बाहर निकलकर घटना की जानकारी नही दिये रहती तो शायद किसी को दो-तीन दिन तक घटना की कोई जानकारी ही नही मिलती। क्योकि परिचितो को कोरबा जाने का जानकारी देकर उपसरपंच की वाहन से सरपंच परिवार गांव से निकला था तथा देर रात 11 बजे की वापसी मे किसी ने भी उन्हे नही देखा था। ऐसे में पूरा हादसा गोपनीय ही रह जाता।


मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मृत्यु पर गहरा दुःख प्रकट किया

राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत दी जाएगी प्रति मृत सदस्य चार-चार लाख रूपए की मुआवजा राशि

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की सारंगढ़ तहसील के टिमरलगा गांव में बीती रात सड़क दुर्घटना में एक ही परिवार के चार सदस्यों की मृत्यु की घटना पर गहरा दुःख प्रकट किया है। ग्राम टिमरलगा में कार अनियंत्रित होकर बंद पड़ी खदान, जिसमें लगभग 20 से 25 फीट पानी भरा था, गिरने से यह दःुखद घटना घटी। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारजनों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने और इस घटना में परिवार की घायल बेटी को अच्छी से अच्छी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिये है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत इस घटना में मृत प्रति सदस्य चार-चार लाख रूपए की मुआवजा राशि मृतकों के परिजनों को दी जाएगी।

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