टेंगनापाली के आयुष ट्रेडर्स राईसमिल में 3.5 करोड़ से अधिक का धान गायब?
रायपुर से आई खाद्ध विभाग की टीम को नही मिला 9 हजार क्विंटल धान?
18 हजार क्विंटल धान का उठाव किया आयुष ट्रेडर्स नें,
मौके पर मिला 9 हजार क्विंटल धान,
शेष धान स्टाक में नही? स्टाक का किया गया भौतिक सत्यापन
जे.के.राईस मिल और आयुष ट्रेडर्स को लेकर कलेक्टर को प्रेषित किया गया प्रतिवेदन,
सारंगढ़ में राईस मिलर्स की मनमानी चरम पर?
सारंगढ़़,
सारंगढ़ में गत वर्ष का साढ़े 7 करोड़ रूपये का चावल जमा नही करने वाले 5 राईसमिलर्स पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही हो पाई है वही आसन्न वर्ष 2022-23 का 3.5 करोड़ रूपये का धान उठाने के बाद आयुष ट्रेडर्स टेंगनापाली के गोदाम में धान नही मिला। रायपुर और रायगढ़ से आई खाद्ध विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा किया गया इस कार्यवाही के बाद राईस मिलर्स के बीच हड़कंप मच गया है। वही जांच टीम ने अपना जांच प्रतिवेदन कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। राईस मिलर्स के मनमानी पर प्रशासन अंकुश नही लगा पा रहा है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार टेंगनापाली में मेसर्स आयुष ट्रेडर्स के नाम से राईस मिल इसी वर्ष प्रारंभ हुआ है वही इसी परिसर मे ही पुराना राईस मिल मेसर्स जे.के.राईस मिल पहले से संचालित है। इसमे से जे.के.राईस मिल टेंगनापाली के द्वारा गत वर्ष 2021-22 का चावल लगभग 4 हजार क्विंटल अभी तक नान मे जमा नही किया गया है जबकि प्रशासन के द्वारा इसके लिये अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित किया गया था। वही सारंगढ़-बरमकेला के 5 राईस मिलर्स के द्वारा गत वर्ष के लगभग 7 करोड़ रूपये के चावल को नान मे जमा नही करने पर प्रशासन के द्वारा इनका बैंक गारंटी को जप्त करने और एफआईआर करने की कार्यवाही की बात कही गई थी किन्तु आज पर्यन्त तक इन राईस मिलर्स का ना तो बैंक गारंटी जप्त किया गया और ना ही इनके खिलाफ एफआईआर की कार्यवाही किया गया। इस बीच जे.के.राईस मिल टेंगनापाली सारंगढ़ के द्वारा प्रशासन के द्वारा किया जा रहा कार्यवाही को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर मे चुनौती दे दिया गया जहा से जे.के.राईस मिल टेंगनापाली सारंगढ़ को 5 दिन का वक्त चावल को जमा करने के लिये देने का निर्देश माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर ने प्रदान किया। गत वर्ष के चावल को जमा नही करने का मामला के माननीय हाईकोर्ट पहुंचने के बाद सारंगढ़ में राईस मिलर्स के द्वारा इस वर्ष किया गया धान उठाव और चावल जमा के मामलें में सूक्ष्म नजर रखने के लिये शिकायत प्राप्त होने वाले राईस मिलर्स में धान का भौतिक सत्यापन के लिये टीम राजधानी से 20 दिसंबर को सारंगढ़ पहुंची तथा सबसे आयुष ट्रेडर्स टेंगनापाली और जे.के.राईस मिल टेंगनापाली सारंगढ़ में छापामार कार्यवाही कर स्टाक का भौतिक सत्यापन का कार्य किया। इस संबंध में सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आयुष ट्रेडर्स टेंगनापाली सारंगढ़ में इस वर्ष उठाव किया गया धान लगभग 18 हजार क्विंटल में से लगभग 9 हजार क्विंटल धान गायब पाया गया जिसका बाजार मूल्य लगभग 2 करोड़ रूपये है। वही इस जे.के.राईस मिल के द्वारा अभी तक चावल जमा नही किया गया है जिसका बाजार मूल्य लगभग ड़ेढ़ करोड़ रूपये है। इस प्रकार से अनुमानित लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपये का धान स्टाक में जांच टीम को नही मिला है। बताया जा रहा है कि आयुष ट्रेडर्स में अभी तक 18 हजार क्विंटल से अधिक का धान उठाया गया है किन्तु चावल एक लॉट भी जमा नही किया गया है ऐसे मे मौके पर सिर्फ 9 हजार क्विंटल धान ही पाया गया शेष 9 हजार क्विंटल धान कहा गया? इस पर राईस मिल संचालक कोई जवाब नही दे पाया। वही सूत्र दावा कर रहे है कि आयुष ट्रेडर्स के नाम पर उठाया गया धान को मिलिंग कर जे.के.राईस मिल के द्वारा पिछले वर्ष का बचत चावल को जमा किया जा रहा है। इस कारण से दोनो मिल पर कड़ी कार्यवाही हो सकती है।
जांच टीम ने प्रतिवेदन कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ को दिया?
इस संबंध मे सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के टेंगनापाली में एक ही परिसर मे स्थित जे.के.राईस मिल तथा आयुष ट्रेडर्स राईस मिल के द्वारा अनियमितता की शिकायत राजधानी तक पहुंची थी जिसकी जांच के लिये राजधानी और पुराना जिला रायगढ़ के खाद्ध विभाग के अधिकारियो की टीम को सारंगढ़ भेजा गया और पूरे मामले में सूक्ष्म जांच का आदेश दिया गया था। इस तारतम्य मे 20 दिसंबर को सारंगढ पहुंची टीम ने देर रात तक जांच का काम पूरा कर अपना प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ को प्रेषित किया है। सूत्रो की माने तो देर रात तक पूरे मामले में जांच प्रतिवेदन बनाया गया है उसमें लगभग साढ़े 3 करोड़ रूपये के धान का अफरा-तफरी का आरोप प्रमाणित पाये जाने का उल्लेख है। हालांकि अभी तक इस मामले में आगे किया गया कार्यवाही की जानकारी नही मिल पाई है किन्तु जांच प्रतिवेदन और भौतिक सत्यापन में पूरा मामला उजागर होने की बात सूत्र बता रहे है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
सारंगढ़ में राईसमिलर्स के द्वारा किया जा रहा मनमानी के खिलाफ नान के एमडी ने गत वर्ष के चावल जमा नही करने वाले फर्म के खिलाफ बैंक गारंटी जमा करने का निर्देश दिया था जिसकी कार्यवाही पर रोक लगाते हुए फर्म जे.के.राईस मिल टेंगनापाली सारंगढ़ के प्रोपराईटर ने माननीय हाईकोर्ट में मामले को लेकर याचिका दायर कर दिया। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार माननीय न्यायालय ने 5 दिन के भीतर गत वर्ष का बाकि चावल को जमा करने का निर्देश शासन को प्रदान किया। सूत्रो की माने तो इस मामले मे नान के एमडी को भी माननीय न्यायालय मे उपस्थित होने संबंधी आदेश दिया। वही इस बीच राजधानी मे शिकायत पहुंची की आयुष ट्रेडर्स के नाम पर इस वर्ष धान का उठाव किया जा रहा है किन्तु मिलिंग जे.के.राईस मिल के द्वारा किया जा रहा है तथा गत वर्ष का बचत चावल को जमा किया जा रहा है। इस कारण से दोनो राईस मिल के द्वारा गत वर्ष और आसन्न वर्ष के धान का स्टाक का वेरीफिकेशन के लिये राजधानी रायपुर और रायगढ़ से खाद्ध विभाग की संयुक्त टीम बनाकर भेजा गया। इस टीम के सदस्यो में पुसौर के खाद्ध निरीक्षक, रायगढ़ के खाद्ध निरीक्षक सहित राजधानी के दो खाद्ध निरीक्षक शामिल थे।
7 करोड़ का चावल गबन के मामले में कार्यवाही ढ़ीला?
दरअसल पूरा मामला गत वर्ष के बचत चावल को जमा नही करने को लेकर गर्म हुआ है। सारंगढ़ और बरमकेला के 5 राईस मिलर्स के द्वारा गत वर्ष का धान तो उठाया तो गया किन्तु 7 करोड़ रूपये का चावल को निर्धारित अंतिम तिथि 30 नवंबर तक जमा नही किया। जिसके कारण से नान के एमडी ने समय-सीमा और प्रदान करने से इंकार करते हुए इन राईस मिलर्स के बैंक गारंटी को जप्त कर कार्यवाही का निर्देश दिया था। किन्तु आज माह भर होने को आ रहा है एक भी राईस मिलर्स का ना तो बैंक गारंटी जप्त किया गया है और ना ही 7 करोड़ रूपये के चावल को गबन करने के मामले में किसी भी राईस मिलर्स पर किसी भी प्रकार से एफआईआर किया गया है। इस कारण से इस सत्र का धान का उठाव दूसरे फर्मो के नाम पर करके पुराने सत्र का चावल को जमा करने के लिये बड़ा खेल सारंगढ़ के कुछ राईस मिलर्स के द्वारा खेला जा रहा है। 7 करोड़ के चावल बाकि होने के बाद भी कार्यवाही नही होने से राईस मिलर्स के हौंसले बुलंद है तथा अभी भी मनमानी करने में उतारू हो गये है। इस कारण से अब राजधानी से टीम जांच करने और कार्यवाही करने के लिये सारंगढ़ पहुंची।
अब देखना यह है कि पूरे मामले कलेक्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ चावल नही देने वाले राईस मिलर्स तथा आयुष ट्रेडर्स और जे.के.राईस मिलर्स पर क्या कार्यवाही करती है?