
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में सरकार का बड़ा एक्शन,
22 अधिकारियों को किया सस्पेंड, सारंगढ़-बिलाईगढ़ के जिला आबकारी अधिकारी सोनल नेताम भी निलंबित,
3200 करोड़ के स्कैम में था खास रोल
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़/रायपुर
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित करोड़ों के शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने बड़ी कार्रवाई की थी। टीम ने 29 आरोपी अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय में चालान (चार्जशीट) पेश किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने 22 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया, जबकि शेष 7 अधिकारी पहले ही रिटायर हो चुके हैं।
ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि साल 2019 से लेकर 2023 के बीच ये
अधिकारी उन बड़े जिलों में पदस्थ या कार्यरत थे, जहां घोटाला हुआ। उन्होंने यहां करीब 90 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की है। वहीं, कुछ अधिकारी इस अवैध शराब बिक्री के लिए राज्य स्तर पर समन्वय का काम भी करते थे। अवैध ट्रांसपोर्टिंग करने के नाम पर भारी भरकम रिश्वत लेकर राज्य को आर्थिक नुकसान पहुंचाया।
15 जिलों में ऐसे पहुंच रही थी अवैध शराब
जांच के दौरान खुलासा हुइ की राज्य स्तर पर बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर 15 जिलों को चुना गया। ये वे जिले थे जिनमें देशी शराब की खपत अधिक थी। जहां शराब की खपत अधिक थी वहां आबकारी सिंडिकेट के निर्देश पर डिस्टिलरियों में अतिरिक्त शराब का निर्माण किया गया। फिर इनको ट्रकों में भरकर शराब सीधे चुने हुए जिलों के अधिक बिक्री वाली शराब दुकानों में भेजी जाती थी। इस तरह बिना किसी प्रकार का गवर्नमेंट ड्यूटी चुकाए, डिस्टलरी से वेयर हाउस लाई गई। फिर शासकीय डिपो से मांग के आधार पर दुकानों में लाई वैध शराब के समान कीमत पर बेची गई।
ये 22 अफसर हुए निलंबित
आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव, विकास गोस्वामी, नीतू नोतानी, दिनकर वासनिक, अनिमेष तेनाम, विजय सेन शर्मा, इकबाल खान, नितिन खंडूजा, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, अशोक सिंह, गरीबपाल दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर, सोनल नेताम, प्रमोद नेताम, मोहित जायसवाल, रविश तिवारी, रामकृष्ण मिश्रा, प्रकाश पाल और अलेख राम सिदार इसमें शामिल हैं। वहीं, ईओडब्ल्यू ने जिन 29 लोगों की लिस्ट दी है। उसमें से 7 रिटायर हो चुके हैं जबकि एक की बीमारी से मौत हो चुकी है।