
गायों के रखरखाव को लेकर क्यों नही है कोई ठोस व्यवस्था
आखिर कब गौवंशों को लेकर प्रशासन होगा सख्त
दुर्घटनाग्रस्त और बिमार गायों की कौन लेगा सुध
सारंगढ़ टाईम्स.
सारंगढ़ अंचल बीते कुछ समय से गौ वंशों को लेकर बहुत ज्यादा चर्चित हुआ है। आये दिन गौ तस्करी की घटनाएं यहां पर सुनने को मिलते रहती है जिसके कारण धर्मप्रमियों और पशुप्रेमियों में भी आए दिन आक्रोश देखने को मिलता रहता है। कुछ दिन पहले भी गौवंशों के मृत्यू को लेकर गौसेवकों ने मुद्दा उठाया था जिसके बाद उक्त मामले को लेकर जांच भी हुई लेकिन हमेशा की तरह बिना किसी ठोस कार्यवाही के वह विषय भी ठंडे बस्ते में चला गया। सारंगढ़ अंचल में जिस प्रकार से गायों की तस्करी को लेकर मुद्दा गरम होता रहा है उस लिहाज से पुलिस के द्वारा कभी भी कठोर कार्यवाही देखने को नही मिलती है।
साल भर पहले भी गौ मांस के मामलों ने यहां पर तुल पकड़ा था जिसके बाद कुछ दिन तो उसका असर हुआ लेकिन उसके बाद फिर से आया राम गया राम की तर्ज पर मामला समाप्त हो गया। इस बार गायों को जहर देकर मारने का मामला सामने आया है जिसमें जिला पशुचिकित्सा अधिकारी ने बकायदा स्वीकार किया की गायों की मौत जहर सेवन के कारण हुई है
लेकिन अभी तक आरोपियों तक कानुन के हांथ नही पहुंच पाए हैं। जिस प्रकार से गौवंशों को लेकर कानुन व्यवस्था ढुलमुल हो चुकी है उसे लेकर क्षेत्र में बहुत ज्यादा आक्रोश देखने को मिल रहा है। गौसवकों के समुह में इन बातों को लेकर बहुत ज्यादा रोष है। आखिर बेजुबान जीवों को कब न्याय मिलेगा इस बात को लेकर गौसेवक बहुत ज्यादा चिंतित हैं।