
बरमकेला अंचल में मांग के अनुरुप किसानों को नहीं मिल रहा डीएपी व यूरिया
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/साल्हेओना .
खरीफ सीजन के तहत किसानों को खेती किसानी के दौर में जरुरी रसायनिक खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। आलम यह है कि सहकारी समितियों में भी मांग के अनुरुप डीएपी, युरिया, पोटाश जैसे खाद नहीं भेजा जा रहा है। ऐसे में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण में खाद – बीज कम मात्रा में पाने से परेशान है। बुधवार को देर
शाम तक किसान खाद पाने के लिए सहकारी गोदाम के बाहर डटे रहे। अंचल के सहकारी समिति साल्हेओना में एक पखवाड़े पहले रसायनिक खाद व धान बीज का वितरण किया गया था। बुधवार को दूसरी बार डीएपी, युरिया, सुपर फास्फेट खाद बांटने की सूचना पाकर विश्वासपुर, मानिकपुर बडे़, बरगांव, धोबनीपाली, साल्हेओना, छुहीपाली, कटंगपाली, दुलमपुर के सैकड़ों किसान लेने पहुंचे थे।
सहकारी समिति साल्हेओना की प्रबंधन की ओर से तीन दिन पूर्व जिन किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड जमा था उन्हें ही रसायनिक खाद का वितरण शुरु किया। खाद लेने पहुंचे किसानों ने बताया कि जितनी मात्रा में उन्हें खाद चाहिए उतनी नहीं देकर आधी मात्रा में डीएपी, युरिया थमा दिया गया। जबकि प्रति एकड़ खेतिहर जमीन हेतु एक बोरी डीएपी, दो बोरी युरिया व एक बोरी सुपर फास्फेट खाद दिया जाना है। किंतु सहकारी समिति के प्रबंधन का कहना है कि उन्हें भी मांग के अनुरुप रसायनिक खाद की आपूर्ति नहीं मिला है, इस वजह से खाद को कम मात्रा में बांटकर दे रहे हैं। इस बार डीएपी खाद की कीमत 1350 , युरिया खाद की कीमत 266 व सुपर फास्फेट खाद की कीमत 516 रु. है। किसानों को कम मात्रा में खाद मिलने पर व्यापारियों के पास जाकर दोगुने दामों में खाद की व्यवस्था करना पड रहा है। इस तरह की समस्या सहकारी समिति गोबरसिंहा, लोधिया, बरमकेला, लेंध्रा, डोंगरीपाली में देखा जा सकता है और यहां के किसानों की भी परेशानी बनी हुई है।
बैरंग लौटे किसान
बुधवार को कुछ किसानों ने डिमांड बुक जमा करने के बाद भी खाद नहीं पाए। इसमें से रमेश पटेल दुलमपुर, हेमलाल पटेल दुलमपुर, कुबेर चरण पटेल धोबनीपाली, मकरध्वज मालाकार छुहीपाली, जगन्नाथ मालाकार बरगांव सहित कई किसान बिना खाद लिए वापस हो गए
पोटाश के दाम को लेकर संशय
पूरे जिले में डीएपी, यूरिया खाद की भारी मांग है। वही पोटाश की भरपूर भण्डारण किया गया है। पोटाश की कीमत पिछले साल के अपेक्षा इस साल कम बताया जा रहा है। पोटाश प्रति बोरी 1535 है। लेकिन पोटाश की वाजिब दाम को लेकर संशय की स्थिति है। वही दूसरी तरफ कई सहकारी समितियों में पोटाश खाद ही नहीं मंगाया है, क्योंकि महंगे खाद होने के कारण किसान पोटाश की उठाव नहीं करते हैं।
क्या कहते है प्रबंधक
" बचे हुए किसानों के लिए दोबारा खाद की मांग पत्र भेजा जा रहा है।
बंशीधर पटेल, प्रबंधक, सहकारी समिति, साल्हेओना