
चन्द्रपुर में गौरवपथ निर्माण अधूरा, विधायक रामकुमार यादव ने दी आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी, 500 मीटर मे ही पलट जाते है ट्रक जैसे भारी वाहन बदहाल हो गया है चंद्रपुर-रायगढ़ की सड़क,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/चंद्रपुर,
नगर पंचायत चन्द्रपुर में वर्षों से अधूरा पड़ा गौरवपथ का निर्माण अब जनप्रतिनिधियों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। क्षेत्र के विधायक रामकुमार यादव ने कलेक्टर सक्ती को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि यदि 12 अगस्त 2025 तक गौरवपथ का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ, साथ ही विधानसभा क्षेत्र में उर्वरक खाद की कमी और बिजली कटौती की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे आम जनता और किसानों के साथ मिलकर आर्थिक नाकेबंदी और धरना-प्रदर्शन करेंगे।
श्रद्धालुओं और आम नागरिकों को हो रही परेशानी
विधायक यादव ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि चन्द्रपुर स्थित माँ चन्द्रहासिनी देवी का शक्ति पीठ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। हर साल नवरात्रि और अन्य पर्वों पर लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान में गौरवपथ निर्माण का लगभग 75% कार्य अधूरा है, जिससे श्रद्धालुओं और आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 500 मीटर में ही पलट जाते हैं ट्रक, एंबुलेंस तक फंस जाती हैं, मरीज समेत आमजनता हो रही हालाकान ज्ञात हो की विधायक ने गौरवपथ के निर्माण की बात कही है वहा के उस हिस्से का निर्माण अब तक नहीं हो पाया है, वहां की हालत इतनी खराब है कि मात्र 500 मीटर के हिस्से में ही भारी वाहन जैसे ट्रक और कंटेनर अक्सर पलट जाते हैं। सड़क पर बने गहरे गड्ढों के कारण एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं के वाहन भी फंस जाते हैं, जिससे गंभीर मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। आम नागरिकों, स्कूली बच्चों और दुपहिया वाहन चालकों को भी रोजाना जोखिम उठाना पड़ रहा है।
औद्योगिक वाहनों पर लगाया आरोप
विधायक ने आरोप लगाया कि अडानी, एनटीपीसी लारा, जिन्दल, वेदांता, आरकेएम, डीबी समेत क्षेत्र की बड़ी औद्योगिक कंपनियों के भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के कारण सड़क की हालत और बदतर हो गई है। इन वाहनों के कारण गौरवपथ निर्माण कार्य भी रुक गया है। उन्होंने मांग की कि इन कंपनियों के वाहनों की आवाजाही पर तत्काल रोक लगाई जाए और गौरवपथ निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जाए।
12 अगस्त तक समय सीमा
यादव ने प्रशासन को स्पष्ट शब्दों में चेताया कि 12 अगस्त 2025 तक समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आर्थिक नाकेबंदी और चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।