

सारंगढ़ अंचल में रेल सुविधा के लिये आखिर क्यो मांग नही करती है सांसद गोमती साय?
रेल मंत्री से मिली गोमती साय लेकिन सारंगढ़ के मामले में नही किया चर्चा?
आखिर सारंगढ़ के साथ ऐसा उपेक्षित व्यवहार क्यों?
सारंगढ़,
सारंगढ़ अंचल में रेल लाईन के लिये सांसद गोमती साय कोई प्रयास नही कर रही है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सें मिलने के बाद भी रायपुर-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन के स्वीकृत परियोजना के बारे मे सांसद गोमती साय का कोई पहल नही करने से क्षेत्र में निराशा का माहौल है। वही जिला निमार्ण के बाद अंचल में विकास के लिये रेल सुविधा मील का पत्थर साबित होगी किन्तु इसके लिये सांसद का पहल तक नही करना कई सवालो को जन्म दे रहा है।
रायगढ़ लोकसभा की सांसद श्रीमती गोमती साय आज नई दिल्ली में रेल मंत्री अश्विन वैष्वण से मुलाकात किया और वंदे भारत ट्रेन को रायगढ़ से चलाने की मांग की। किन्तु इस मुलाकात में उन्होने सारंगढ़ अंचल के रेल सुविधा को लेकर कोई चर्चा नही किया। जबकि रेल बजट मे आज भी रायपुर-बलौदाबाजार-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन का परियोजना को दक्षिण-पूर्व रेल्वे जोन के प्रस्तावित नये रेल लाईन मे रखा गया है और इसके लिये बजट भी जारी किया गया है। ऐसे में स्वीकृत हो चुकी इस परियोजना के लिये डीपीआर को जल्द स्वीकृति देने और बजट में मजबूत राशी आबंटित करने की मांग नही करके सांसद श्रीमती गोमती साय सारंगढ़ अंचल के साथ उपेक्षित व्यवहार कर रही है। इस मामले में आज जिस प्रकार से वंदे भारत ट्रेन को रायगढ़ से चलाने की मांग करने के लिये सांसद गोमती साय केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव से मुलाकात किये और प्रबलता के साथ अपनी मांग रखी वैसे ही प्रबलता के साथ सारंगढ़ अंचल में रेल सुविधा की भी मांग सांसद गोमती साय को रखना चाहिये। किन्तु ऐसा लगता है कि सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र के अर्न्तगत आने वाला सारंगढ़ अंचल को रेल सुविधा से महरूम रखना चाह रही है। एक बार भी सांसद गोमती साय केन्द्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव से पहल नही किया है जबकि रायपुर से झारसुगड़ा तक के लिये प्रस्तावित यह रेल परियोजना का प्रारंभ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से हो रहा है तो समापन उड़ीसा के झारसुगड़ा से हो रहा है। इस परियोजना के लेकर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव सक्रिय हो सकते है क्योकि वे खुद उड़ीसा के निवासी है। ऐसे मे केन्द्रीय रेल मंत्री के समक्ष रायपुर-झारसुगड़ा रेल परियोजना का मामला उठाने मात्र से ही इस पर त्वरित पहल हो सकती है किन्तु पता नही क्यो सांसद गोमती साय इस सुनहरे मौके पर भी सारंगढ़ अंचल को रेल सुविधा नही दिलवा रही है। उल्लेखनीय है कि सारंगढ़ अंचल में रेल सुविधा की मांग काफी पुरानी है तथा 1998 में एनडीए की केन्द्र सरकार ने इस रेल मार्ग का सर्वेक्षण का कार्य किया था। 2014 मे इस परियोजना को पंख लगा था जब केन्द्र सरकार के द्वारा इस परियोजना को स्वीकृत प्रदान किया गया था और इसके लिये डीपीआर बनाने का प्रक्रिया प्रारंभ कर दिया गया था। किन्तु इस परियोजना को लेकर कभी भी मजबूत राशी बजट में आबंटित नही किया जा रहा है जिसके कारण से यह परियोजना मूर्त रूप लेन से दूर रही है। वही केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा इसके लिये अपने अपने मद का खर्च उठाने और उड़ीसा सरकार के भी द्वारा इसके लिये पहल करने जैसी सारी समस्या का एक मात्र समाधान वर्तमान केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव है। किन्तु केन्द्रीय रेल मंत्री के समक्ष रायगढ़ लोकसभा सांसद श्रीमती गोमती साय इस मामले मे कोई पहल नही कर रही है।
रायपुर-झारसुगडा के स्थान पर नया रायपुर-खरसिया रेल लाईन?
सारंगढ़ में रेल सुविधा को लेकर सबसे बड़ा संशय इस स्वीकृत रेल परियोजना के स्थान पर नया रेल लाईन का प्रस्ताव तथा उस पर त्वरित क्रियान्वयन होना है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में रेल परियोजनाओ को गति देने के लिये केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से उपक्रम बनाया गया और उस कंपनी का नाम छत्तीसगढ़ रेल विकास निगम दिया गया। इस निगम के द्वारा निजी क्षेत्र से संसाधन उपलब्ध कराने का कार्य को गति देने का करना था किन्तु यहा पर इस निगम के द्वारा नये रेल लाईन का ही प्रस्ताव कर उसको पूरा करने मे उर्जा लगाया गया। इस संबंध में जानकारो की माने तो नया रायपुर-बलौदाबाजार-खरसिया नई रेल लाईन 266 किलोमीटर का इसी छत्तीसगढ़ रेल विकास निगम का स्वीकृत नया रेल मार्ग है। किन्तु केन्द्रीय रेल मंत्रालय के द्वारा रायपुर-बलौदाबाजार-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईल 310 किलोमीटर का अलग से तथा पूर्व से स्वीकृत है। ऐसे में दोनो रेल लाईन में अंतर है। किन्तु अभी तक रायपुर-बलौदाबाजार-सारंगढ़-झारसुगड़ा के लिये डीपीआर का पूर्ण नही होना बड़ा दुर्भाग्य की बात है।
310 किलोमीटर और 2163 करोड़ की प्रस्तावित है यह परियोजना
सारंगढ़ में रेल सुविधा के लिये स्वीकृत रेल परियोजना रायपुर-बलौदाबाजार-सारंगढ़-झारसुगड़ा रेल लाईन की कुल लंबाई 310 किलोमीटर है तथा इसके लिये 2014 के अनुसार अनुमानित खर्च 2163 करोड़ रूपये आना था। इस रेल परियोजना के लिये डीपीआर बनाने के लिये कल्सटेंसी का भी चयन कर लिया गया है तथा 463 लाख रूपये का निविदा भी फायनल हो गया है किन्तु इसके बाद भी इस परियोजना के लिये फाईल धूल खा रही है। ऐसे में इस रेल परियोजना के लिये केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विन वैष्णव से मुलाकात कर पहल करने से इस परियोजना को पंख लग सकते है किन्तु पता नही क्यों सांसद गोमती साय इस परियोजना को लेकर पहल नही कर रही है? क्या कोई उनको इस परियोजना को लेकर मिस गाईड कर रहा है? अथवा इस परियोजना के बारे मे सांसद को जानकारी का अभाव है? यह ऐसे सवाल है जिसके कारण से सोशल मिडिया मे सांसद गोमती साय इस रेल परियोजना को लेकर काफी ट्रोल हो रही है।
वंदे भारत ट्रेन रायगढ़ से चलाने की मांग को लेकर रेल मंत्री से मिली सांसद गोमती साय
रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय ने शुक्रवार को सत्र के दौरान केंद्रीय रेलमंत्री श्री अश्विन वैष्णव से मुलाकात कर 11 दिसंबर से बिलासपुर से नागपुर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को रायगढ़ से चलाने की मांग की। औपचारिक चर्चा के दौरान रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय ने केंद्रीय रेलमंत्री श्री अश्विन वैष्णव से कहा कि वंदे भारत ट्रेन को रायगढ़ से शुरू करने से पूरे छत्तीसगढ़ को इसका लाभ मिलेगा। इस पर रेलमंत्री श्री वैष्णव ने कहा कि आपके प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर उचित कार्यवाही की जाएगी।