जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ : वन विभाग के शासकीय आवास परिसर से 11 नग सागौन पेड़ की चोरी?

वन विभाग के शासकीय आवास प्रांगण से 11 नग सागौन पेड़ की चोरी?
अभी तक नही पता लगा चोरो का,
वन विभाग इसे राजस्व का मामला बता रहा है?
वही राजस्व मामले में जांच की बात कह रहे है,
कनकबीरा के बीट क्रमांक 924 का है मामला
सारंगढ़,
सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य में 276 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला जंगल कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नेशनल हाईवे के किनारे वन विभाग के शासकीय आवास के बगल में बीट क्रमांक 924 में 11 नग सागौन के पेड़ पर अज्ञात चोरो ने हाथ साफ कर दिया किन्तु वन विभाग के अमले को कुछ पता नही चला। पूरे मामले मे रफा-दफा करने का प्रयास करने वाले वन विभाग अब इस मामले के प्रकाश में आने के बाद आनन-फानन में प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की खानापूर्ति मे जुटा हुआ है। वही सड़क के किनारे सागौन की चोरी का यह मामला वन विभाग की लापरवाह कार्यशैली को दर्शाता है।
सारंगढ़-बिलाईगढ़-एंकर-गोमर्डा वन परिक्षेत्र के वन कर्मी सोते ही रह गए और शासकीय आवास के नजदीक से 11 सागौन के पेड़ चोरी से काट लिए गए। यही नही सड़क किनारे पेंड काटकर समतलीकरण किया जा रहा और जवाबदार अधिकारी अध्ययन कर जानकारी देने की बात कर रहे। मामला सामने आने के बाद वन विभाग के अधिकारी आनन फानन में सक्रियता दिखाते हुए कुछ का पीओआर और कुछ को राजस्व का बता पल्ला झाड़ रहे।
नवगठित जिले में वन माफियाओं के हौसले अधिकारियों की नाकामी के चलते बुलंद है। जंगल में न तो जानवर सुरक्षित है और ना ही बेशकीमती लकड़ियां। शिकार के साथ वनों से सागौन की लकड़ी चोरी हो गई है। 11 नग सागौन के पेड़ और कहीं से चोरी नहीं हुई बल्कि वन कर्मियों के शांतिनगर शासकीय आवास भवन से लगे कक्ष क्रमांक 924 से हुई है।और विभाग के किसी को भनक तक नही लगी,इससे सहज भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि जंगल कितना महफूज है। पूरे मामले की जानकारी मांगने पर अधिकारी रेंजर राजू सिदार पहले घबरा गए और अध्ययन कर जानकारी देने की बात कर टाल गए,लेकिन कलेक्टर के संज्ञान के बाद और मामले में किरकिरी होता देख आनन फानन में रेंजर द्वारा कार्यवाही शुरू की गई पर न तो अभी तक कोई सुराग लगा न पेड़ों की लकड़ी तक बरामद हो सकी है। वहीं वन रेंज अधिकारी का कहना है कि मामले की उन्हें सूचना मिली कि कनकबीरा बीट कक्ष क्रमांक 924 से सागौन के 11 पेड़ चोरी से काट लिए गए हैं। इस पर उन्होंने तत्काल केस काटकर लकड़ी चोरों की तलाश शुरू कर दी। वहीं मुरुम और कुछ पेड़ों की कटाई हुई है वो राजस्व विभाग के हैं जिनकों सूचना दे दी गई है। मामले में एसडीएम मोनिका वर्मा ने जांच उपरांत सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है की सारंगढ क्षेत्र में बीट गार्ड से लेकर अधिकारी सभी स्थानीय हैं। जब से नौकरी लगी है रिटारमेंट तक वन मंत्रालय ने इनको गोमर्डा जंगल का जिम्मा सौंप रखा है,जो वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं।
मुख्य मार्ग पर पेड़ कटाई, समतलीकरण और वन विभाग शासकीय आवास के पास से 11 नग बेशकीमती सागौन लकड़ी की कटकर चोरी हो जाना कर्मचारियों की लापरवाही को बयां कर रहा। शायद वर्षों से विभाग में पूरे स्थानीय कर्मचारी होने के चलते शिकारियों और माफियाओं की सेटिंग जबरजस्त हो गई है,जिससे खुलेआम मामलों को अंजाम दिया जा रहा ।
बहरहाल अब देखना होगा की मामला उजागर होने के बाद जिला प्रशासन कुछ कार्यवाही करती है या फिर प्रकरण फाइलों में दबकर रह जाएगा।
माफियाओ के लिये मलाईदार जंगल बना गोमर्डा अभ्यारण्य?
सारंगढ़ गोमर्डा अभ्यारण्य माफियाओ के लिये मलाईदार जंगल के रूप में जाना जाता है। यहा पर कैम्पा मद से होने वाला कार्य हो या अन्य निमार्ण कार्य हो जंगल के भीतर इस स्तरहीन और कागजो पर ही संपन्न होता है कि अधिकारी और कर्मचारी के साथ अवैध शिकार करने वाले और अवैध कटाई करने वालो की आपसी सांठगांठ हनीमून का स्वरूपधारण कर लेती है। सागौन की अंधाधुंध कटाई और विभिन्न पेड़ो की अंधाधुंध कटाई के लिये गोमर्डा अभ्यारण्य बदनाम हो चुका है। घने जंगल का स्वरूप लेने वाला गोमर्डा अभ्यारण्य में जंगल की कटाई इस कदर से जारी है कि जेसीबी से जगलो को काटकर खेत बनाया जा रहा है। धीरे-धीरे जंगल का रकबा कम होते जा रहा किन्तु वन विभाग अर्से से पेड़ो को कटाई कर खेत बनाने वाले अथवा पेड़ो को बेचने वालो के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर पा रहा है।
वन अधिकार पट्‌टा के लिये जंगल हो रहा है साफ?‌
गोमर्डा अभ्यारण्य मे भी वन अधिकार पट्‌टा दिये जाने के कारण से अभ्यारण्य के गांवो मे दबंगो के द्वारा जंगलो को साफ कर दिया जा रहा है। कागजो पर वर्षो पुराना कब्जा बताकर वन अधिकार पट्‌टा लेने के लिये गोमर्डा अभ्यारण्य के वन भूमि में खेतो का निमार्ण का चलन काफी बढ़ा है। और इस कार्य को संरक्षण देने मे वन विभाग के ही कर्मचारी लगे हुए है। वर्तमान में वन विभाग के द्वारा वन अधिकार पट्‌टा और जंगल के भूमि पर खेत बनाने का कार्य तेजी से कर रहे है। बहम्दई पहाड़ के ऊपर से घने दिखने वाला जंगल अब समतल मैदान दिखने लगा है। वही लगभग खेतो मे धान की फसल लहलहा रही है उनको कोई टोकने वाला नही है। थीपा का जंगल जो कि घना जंगल के रूप जाना जाता था उसको भी वन माफियाओ ने समतल करके खेत का स्वरूप देकर वन अधिकार पट्‌टा के लिये जुगाड़ लगाते है।

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