
सारंगढ़ जनपद पंचायत में गौण खनिज मद का मामला गर्माया, 7 करोड़ में भाजपाई बीडीसी को नही मिलेगा “फूटी-कौड़ी”!

वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी के सामने पहुंचा मनमानी की शिकायत,
दिग्गज कांग्रेस नेताओ को हराने वाले भाजपाई बीडीसी का प्रस्ताव रद्दी की टोकरी में,
भाजपा के शासन मे भाजपाई बीडीसी हासिये पर?
गौण खनिज के बहाने कांग्रेस अपनी बीडीसी टीम करेगी मजबूत?
मामला हुआ हाई-प्रोफाईल, फिर से अटक सकता है गौण खनिज?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे विकास कार्यो के लिये आया गौण खनिज मद के 19 करोड़ रूपये की राशी को लेकर विवादो का रिश्ता फिर से सामने आ गया है। इसमे से 7 करोड़ रूपये सारंगढ़ जनपद पंचायत को मिलना है तथा तय किया गया प्रस्ताव के मुताबित कांग्रेस के दिग्गजो को हराने वाले भाजपाई बीडीसी को एक रूपये का भी काम नही दिया जा रहा है। विशेष बात यह है कि भाजपाई बीडीसी को फंड़ नही देने के कांग्रेसी नेताओ के राय के साथ भाजपा के भी कुछ दिग्गज साथ खड़े है। अपनी ही पार्टी के सत्ता होने के बाद गौण खनिज मद की राशी से विकासकार्य की चाह रखने वाले भाजपाई जनप्रतिनिधि को खूब पापड़ बेलने पड़ रहे है। गौण खनिज मद का हाईप्रोफाईल मामला अब राजधानी पहुंच गया है।
दरअसल वितीय वर्ष 2020-21 का गौण खनिज मद का ग्राम पंचायत और
जनपद पंचायत और जिला पंचायत के हिस्सा की राशी सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला को प्राप्त हो गया है। 3 जनपद पंचायत सारंगढ़ जनपद, बरमकेला जनपद पंचायत और बिलाईगढ़ जनपद पंचायत सहित 21 ग्राम पंचायतो को कुल 19 करोड़ रूपये की राशी भेजी गई है। वर्तमान मे यह राशी जिला पंचायत सारंगढ़-बिलाईगढ़ के खाते मे आ गई है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभावित गांवो में होने वाले विकास कार्यो को लेकर जनपद पंचायत सारंगढ़ को 7 करोड़ रूपये का मद मिला है जिसको आबंटन करने के लिये जनपद सदस्यो से प्रस्ताव मंगाया गया है तथा उसके
अनुसार प्रस्ताव पारित कर गौण खनिज मद की राशी का बटवारा किया जायेगा। किन्तु जनपद पंचायत के सदस्यो से गुपचुप ढंग से प्रस्ताव मंगाकर इस 7 करोड़ रूपये की राशी का कार्ययोजना बना लिया गया है जिसके अनुसार जनपद पंचायत सारंगढ़ के कुछ भाजपाई बीडीसी को एक रूपये का भी प्रस्ताव को इस कार्ययोजना में शामिल नही किया गया है।

इस बात की जानकारी मिलने के बाद भाजपाई बीडीसी में आक्रोश व्याप्त है तथा गौण खनिज मद की राशी का कांग्रेसीकरण किये जाने को लेकर बडे मंत्रीयो के पास शिकवा-शिकायत का दौर शुरू हो गया है। सूत्रो की माने तो गौण खनिज मद में कांग्रेसी बीडीसी को पूर्ण महत्व मिलने तथा भाजपाई समर्थित बीडीसी को शून्य मिलने की कार्ययोजना की जानकारी राजधानी स्तर पर गर्म होते ही संबंधित विभाग के अधिकारियो को गौण खनिज को लेकर चेतावनीभरा निर्देश मिल गया है जिसके कारण से गौण खनिज मद की राशी अभी अधर में अटकते दिख रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के सर्मथन से जनपद पंचायत में राज करने वाली जनपद अध्यक्ष और जनपद
सदस्यो को आपस में एकता बनाने के स्थान पर दिग्गज कांग्रेस नेताओ को हराकर वाहवाही पाये भाजपाई समर्थित बीडीसी को प्रताड़ित करने का कार्य सारंगढ़ जनपद पंचायत में किया जा रहा है। सूत्रो की माने तो कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओ के आज्ञा के अनुसार ऐसे बीडीसी जिन्होने कांग्रेस के बड़े नेताओ को जनपद पंचायत के चुनाव में धूल चटा दिया था उनके प्रस्ताव को रद्दी की टोकरी में डाला गया है। वही कांग्रेस के दिग्गज बीडीसी भाजपा के राज मे गौण खनिज मद से लाखो रूपये का विकास कार्य कराकर ना सिर्फ मजबूत होगे बल्कि आने वाले
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के लिये इन्ही विकास कार्यो के नाम लेकर मजबूत काम करेगें। ऐसे मे भाजपा के सरकार मे भाजपाई बीडीसी ही प्रताड़ित दिख रहे है। जनपद में भाजपा समर्थित सदस्यों के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा एकजुट? शीर्षक पढ़ने में थोड़ा अटपटा जरूर है लेकिन पुर्णतः सत्य। पुरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सारंगढ़ बिलाईगढ़ इकाई बहुत ही विरला रूप ले चुकी है। जनपद चुनाव के समय से ही कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ने में कोई कसर नही छोडने वाले, पार्टी के तथाकथित वरिष्ठ नेताओं ने ऐसी राजनितिक चाल चली की बहुमत होने के बाद भी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी ना तो अध्यक्ष बन सके और ना ही उपाध्यक्ष। यहां पर दुसरी बात यह भी है कि जो अध्यक्ष बना वो भी भाजपा का ही कार्यकर्ता था
जिसे डंके की चोट में भाजपा के ही नेताओं ने एन वक्त भगा दिया अर्थात भले ही अध्यक्ष कांग्रेस के पाले से बना हो लेकिन चाल भाजपा के ही नेता चल रहे थे। अब स्थिति और ज्यादा गंभीर हो चुकी है क्योंकि जनपद चुनाव में जो जनपद सदस्य भाजपा को समर्थन दिये थे अब उनको विकास कार्य हेतु फण्ड नही दिया जा रहा है। जिन लोगों ने भाजपा को समर्थन दिया अब वो भाजपा नेताओं के रवैये के कारण बहुत ज्यादा नाराज दिख रहे हैं और स्वयं को ठगा हुआ महसुस कर रहे हैं। जिन भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों को विकास कार्य हेतु फण्ड जारी नही किया जा रहा है वो पुर्व में वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मिलकर उन्हे पुरी बात बता चुके हैं। वहीं बीते दिनों कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे से मिलकर भी पुरी जानकारी प्रदान कर चुके हैं, जिस पर सभी क्षेत्रों में विकास कार्य को लेकर संभावना जताई जा रही है।
60 से 70 हजार ग्रामीण आबादी क्षेत्र उपेक्षित?
जनपद पंचायत में जिस प्रकार से भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों को विकास कार्य हेतु काम नही देने के अडिग कांग्रेसी रूख के कारण लगभग 60 से 70 हजार की जनसंख्या वाले ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक विकास को लेकर एक ईट तक नही रखा पायी है। भाजपा के सरकार में भी जिस प्रकार से भाजपा के जनपद सदस्य विकास कार्य को लेकर संघर्ष कर रहे हैं वह अपने आप में तीसरी दुनिया के आश्चर्य से कम नही है। प्रत्येक जनपद क्षेत्र में लगभग 6 से 7 हजार के वोटर होते हैं और कुल जनसंख्या 9 से 10 हजार की होती है। ऐसे में वर्तमान में भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों वाले क्षेत्रों में कुल 60 से 70 हजार की जनसंख्या है जो जनपद की राजनिति के कारण विकास से लगातार दुर होती जा रही है।
आखिर क्यों दिख रहा है जनपद में सलवाजुडूम वाली राजनिति?
दिलचस्प बात यह भी है कि जनपद पंचायत में भले ही कांग्रेस की अधिकृत जनपद अध्यक्ष है लेकिन प्रदेश में तो भाजपा की सरकार है, ऐसे में शासन चाहे तो भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों की बात सुन सकती है लेकिन जिले के मुख्य पदाधिकारी आखिर ऐसी कौन से कार्य में व्यस्त रहते हैं जिसके कारण से स्वयं के पार्टी के समर्थित जनपद सदस्यों की बात नही सुन पा रहे हैं यह भी बेहद हास्यास्पद विषय है। जनपद पंचायत में गौण खनिज और 15वें वित्त का राशि लगभग 15 से 16 करोड़ अभी आना शेष है जिसे लेकर बकायादा कुछ दलालों नुमा लोगों
द्वारा 20 प्रतिशत कमीशन खोरी के साथ कार्यों का लिस्ट बनाया जा चुका है लेकिन भाजपा के तरफ से इन कार्यो में भाजपा जनपद सदस्यों को कार्य देने के लिए कोई पहल नही की गई है। वहीं कांग्रेस के सदस्य बडी ही आसानी के साथ अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवा रहे हैं जिससे स्पष्ट हो रहा है की कहीं ना कहीं भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों के लिए गड्ढे खोदने वाले उनकी अपनी ही पार्टी के हैं।
कुछ जनपद क्षेत्रों का विकासहीन होना तय
जनपद चुनाव में जिस प्रकार से कुछ बडे और धाकड़ चेहरों को करारी हार का सामना करना पड़ा, उस हार का बदला अब उक्त क्षेत्र के भोली भाली जनता से लेने की तैयारी पुरी हो चुकी है। जी हां सारंगढ़़ जनपद पंचायत के इस बार के चुनाव में कांग्रेस के कुछ बडे चेहरों को करारी हार का सामना करना पड़ा और जनता ने नए चेहरों पर दांव लगाया लेकिन अब जो जानकारी छनकर आ रही है उसके अनुसार चुनाव में हारे हुए चेहरे इस प्रयास में हैं कि जीत दर्ज करने वालों के क्षेत्र में कोई विकास कार्य ना हो। इसके लिए किसी भी स्तर तक की राजनिति करने में कोई गुरेज नही की जा रही है। जिस प्रकार से अभी तक की स्थिति बनी हुई है उसे देखते हुए आने वाले चार सालों में भी विशेष तौर पर तीन जनपद क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नही होंगे। ऐसे में भाजपा को समर्थन देने वाले अन्य सदस्य भी संगठन द्वारा मिल रहे असहयोग को लेकर बेहद रूष्ठ हैं और आने वाले दिनों में इन मामलों की वृहद स्तर पर शिकायत दर्ज करवाने वाले हैं। तो क्या भाजपा समर्थित जनपद सदस्य देंगे अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना? जिस प्रकार से जनपद सदस्यों के द्वारा संगठन के अध्यक्ष, महामंत्री, उपाध्यक्ष समेत सभी मुख्य पदाधिकारियों के पास अपनी व्यथा लेकर बताया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई निराकरण नही हुआ है, ऐसे में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में जनपद
सदस्यों के द्वारा अपने ही सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जा सकता है। अगर ऐसी स्थिति निर्मित हुई तो प्रदेश में शासन प्रशासन और संगठन सभी की किरकिरी होना तय है। देखना यह है कि संगठन की राजनिति के जानकार और सबका साथ सबका विकास के सिद्वांतों का पालन करने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल इस मामले में क्या पहल करते हैं। क्या ज्योति पटेल भाजपा समर्थित जनपद सदस्यों के हितों की रक्षा कर पाएंगे या फिर जनपद सदस्यों को अपने
हक की लड़ाई स्वयं ही लड़नी पडेगी।
आखिर भाजपा के राज में कार्य ना मिल पाने का कारण कौन?
सोंचनीय विषय है कि प्रदेश मे भाजपा की सरकार है, ऐसे में सारंगढ़ जनपद पंचायत में भाजपा के ही सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र को विकास से मरहुम रखने में आखिर कौन कौन बडे चेहरे हैं। क्या भाजपा का ही कोई बड़ा चेहरा जिसकी पहुँच मुख्यमंत्री निवास तक है वह खेला कर रहा है? या फिर जिला संगठन स्तर से ही जनपद सदस्यों के साथ बड़ी राजनिति हो रही है? बहरहाल मिल रही जानकारी के अनुसार जल्द ही इस मामले में जनपद सदस्य पुर्व की भांति पुनः प्रदेश स्तर पर जाकर अपनी बात रखने वाले हैं। भाजपा में वैसे तो कई चेहरे हैं जो इन दिनों कांग्रेस के एजेंट की तरह कार्य कर रहे हैं और कांग्रेस को लाभ पहुंचाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं, लेकिन उक्त नेता और नेत्रियों की ऐसी कृत्यों के कारण आम भाजपा कार्यकर्ताओं में भी बहुत ज्यादा रोष देखने को मिल रहा है।



