जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

कुपोषित मासूम को मिला नया जीवन – जिला अस्पताल सारंगढ़ की टीम ने 15 दिन में लौटाई मुस्कान…

कुपोषित मासूम को मिला नया जीवन - जिला अस्पताल सारंगढ़ की टीम ने 15 दिन में लौटाई मुस्कान...

कुपोषित मासूम को मिला नया जीवन – जिला अस्पताल सारंगढ़ की टीम ने 15 दिन में लौटाई मुस्कान…

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन तथा कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे के कुशल पर्यवेक्षण में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में जिला अस्पताल सारंगढ़ की पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) टीम ने कुपोषण से पीड़ित एक दो वर्षीय बच्ची का सफल उपचार कर उसे नया जीवन प्रदान किया है। बच्ची अत्यंत कमजोर और बार-बार बीमार रहती थी।

जिला अस्पताल में भर्ती कर जांच की गई तो उसे गंभीर कुपोषण (Severe Acute Malnutrition) की स्थिति में पाया गया। भर्ती के बाद चिकित्सकों की टीम ने लगातार 15 दिनों तक विशेष उपचार और पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराया। बच्ची को नियमित रूप से एफ-75 एवं एफ-100 डाइट, आवश्यक दवाइयाँ, टीकाकरण और चिकित्सीय निगरानी दी गई। धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य सुधारने लगा, वजन बढ़ा और चेहरा फिर से खिल उठा। मासूम के परिजनों ने बताया कि अब बच्ची पहले से कहीं अधिक स्वस्थ है

और सामान्य गतिविधियाँ करने लगी है। इस उपचार में डॉ. दीपक जायसवाल (सिविल सर्जन) डॉ. भारती पटेल (शिशु रोग विशेषज्ञ) श्रीमती सरला कुर्रे (एफ डी) श्रीमती भुवनेश्वरी पटेल (स्टाफ नर्स) सहित पोषण पुनर्वास केंद्र की पूरी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। जिला अस्पताल सारंगढ़ की यह सफलता कहानी बताती है कि समय पर उपचार और सतत चिकित्सीय देखरेख से कुपोषण को मात दी जा सकती है। सिविल सर्जन डां.दीपक जायसवाल ने कहा- कुपोषण किसी एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की समस्या है।

यदि हम सब मिलकर समय पर ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें NRC तक पहुँचाएं, तो अनेक नन्हीं जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। हर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और स्वास्थ्य कर्मी ऐसे बच्चों की पहचान कर माता-पिता को समझाएँ कि वे उपचार से न घबराएँ — NRC में हर सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। आपके आस- पास यदि कोई बच्चा कमजोर, सुस्त या बार-बार बीमार दिखे, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती कराएँ। एक छोटी सी जागरूकता किसी मासूम के जीवन में नई रोशनी ला सकती है।

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