
सारंगढ़ जनपद सीईओ की शह पर आरोपी को मिल रहा मौका ?
भाजपा सरकार में अधिकारी भाजपाइयों को नहीं देते महत्त्व
सीईओ के संरक्षण में आरोपी कर रहा लीपापोती ?
क्या जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल करेंगे हस्तक्षेप ?
सारंगढ़ टाईम्स.
सारंगढ़ विधानसभा बहुत ही अजब गजब विधानसभा है और जब से यह जिला का रूप लिया है तब से और भी ज्यादा यहां पर गड़बड़ घोटाले होने लगे हैं.
ताजा मामला ग्राम पंचायत गोडा का है. जहां पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ग्राम पंचायत में फर्जीवाड़ा और स्तरहीन निर्माण को लेकर कलेक्टर से लिखित में आवेदन किया था.
आश्चर्य का विषय यह रहा की भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री व सदस्यों ने जैसे ही शिकायत की. उक्त शिकायत के 1 घंटे के भीतर ही शिकायत की प्रति कलेक्ट्रेट ऑफिस से लीक होकर वायरल हो गई और सीधे ग्राम पंचायत गोड़ा के सरपंच के मोबाइल में पहुंच गई अपने आप में यह बेहद ही आश्चर्यजनक घटना है, क्योंकि जब कोई व्यक्ति शिकायत करता है तो कहीं ना कहीं उसे खतरा बना रहता है.
ऐसे में जिला प्रशासन के द्वारा बहुत ही लापरवाही पूर्ण कार्य किया गया जिसके कारण शिकायतकर्ताओं के घर पहुंचने के पहले उनकी शिकायत की प्रति पूरे गांव में वायरल हो गई.
इसके पश्चात उनके मन में एक प्रकार का डर पैदा करने का प्रयास लगातार आरोपियों के द्वारा किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ की भूमिका बहुत ही संदिग्ध नजर आ रही है क्योंकि जिस प्रकार से जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा लगातार ग्राम पंचायत गोड़ा में आरोपियों को अभय दान देकर लगातार समय दिया जा रहा है.
उसका उपयोग करते हुए जो अधूरे कार्य थे उन्हें उक्त आरोपियों के द्वारा लगातार पूर्ण किए जा रहे हैं यहां पर दो तस्वीर आपके समक्ष है जिसमें एक तस्वीर में शेड नहीं लगा है, तो वहीं दूसरी तस्वीर में शेड लगा हुआ है जिसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जनपद सीईओ के द्वारा आखिर किस कदर तक आरोपियों को अभयदान प्रदान किया जा रहा है.जब शिकायत की गई थी उस समय तक उक्त भवन में शेड निर्माण नहीं हुआ था लेकिन जैसे ही आवेदन दिया गया उसके बाद आनन फानन में शेड लगाया गया है. कुल मिलाकर अभयदान देने का खेल यहां बदस्तूर जारी है.
क्या
सबसे बड़ा आश्चर्य का विषय यह है कि उक्त शिकायत भारतीय जनता पार्टी के सालर मालदा मंडल महामंत्री के साथ भारतीय जनता पार्टी के अन्य सदस्यों ने किया है किंतु जिस प्रकार से जिला प्रशासन के द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के आवेदनों को मजाक बना दिया गया है, उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष ज्योति पटेल को अब इस मामले में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है.
जिस प्रकार से जनपद पंचायत सीईओ के द्वारा आरोपियों को अभय दान दिया जा रहा है और कलेक्टर के द्वारा जांच समिति गठित करने के निर्देश के पश्चात भी लगातार आरोपियों को मौके पर मौका दिया जा रहा है, उसे देखते हुए कह सकते हैं की जिलाध्यक्ष ज्योति पटेल को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करवाने के लिए पहल करने की आवश्यकता है.