जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

एस.एन. मिनरल्स, हनुमान क्रेशर, कृष्णा बिल्डकान में माइनिंग विभाग की दबिश



कलेक्टर के मार्गदर्शन में खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह ने की कार्यवाही

सारंगढ़,गुडे़ली के क्रेशरों में खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह आज क्रेशर मालिकों पर कहर बनकर बरसे । वही गुडे़ली के क्रेशर में निरीक्षण के दौरान पहले उन्होंने एसएन मिनरल्स (सीमा केडिया) क्रेशर में जाकर खदान का निरीक्षण किया । क्रेशर में कई सारे अनियमितताएं पाई गई, जिसे देखकर खनिज अधिकारी भड़क उठे । खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह ने सख्त हिदायत दिया है कि या तो क्रेशर को नियम में चलाओ या फिर बंद कर दो । अब पहले जैसे नहीं चलेगा , पहले जो भी चलाए , लेकिन अब नियम और कानून में चलेगा ।उसके बाद उन्होंने हनुमान क्रेशर उद्योग ( हनुमान प्रसाद अग्रवाल , गोड़म) गए और वहां भी क्रेशर का निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान क्रेशर में जो भी अनियमितताएं पाई गई उस पर 3 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है । अगर 3 दिन में क्रेशर मालिक द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो क्रेशर पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो सकती है या सील की भी कार्यवाही हो सकती है । उसके बाद अखबार की सुर्खियों में रहे कृष्णा बिल्डकॉन क्रेशर (अनिल केडिया) में भी निरीक्षण किया गया और वहां के मुंशियों को सख्त हिदायत दिया गया है कि अगर बिना भण्डारण या बिना लीज के क्रेशर संचालित करते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ सरकारी नियमों को ना मानने की कई धाराओं में कार्यवाही की जा सकती है । तत्पश्चात खनिज अधिकारी जेके क्रेशर उद्योग भी निरीक्षण करने पहुंचे । वहां भी निरीक्षण किया गया और निरीक्षण में अनियमितताएं पाए जाने पर उनको भी नोटिस देकर 3 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है ।

8 बिंदुओं में मांगा गया जवाब

खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह द्वारा इन सभी क्रेशर संचालकों को 8 बिंदुओं में जवाब मांगा गया है । पहला – खदान क्षेत्र में सीमा स्तंभ का समीकरण किया जाना है , लेकिन यहाँ नहीं बनाया गया है । दूसरा है – खदान में नाम दर्शाने वाला बोर्ड भी रहना अति आवश्यक है । तीसरा – खदान से आने वाला खनिज उत्पाद एवं बिक्री का रजिस्टर होना अनिवार्य है जो कि क्रेशरों में नहीं पाया गया । चौथा – खदान में वृक्षारोपण आदि का कार्य भी कराना अनिवार्य है , वह भी नहीं पाया गया । पांचवां- खदान का निरीक्षण वर्ष 2019 से नहीं कराया गया है , इसका भी जवाब मांगा गया है । छठवां – खदान में मासिक , वार्षिक एवं अर्धवार्षिक पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है , इसका भी जवाब मांगा गया है । सातवां – खदान में धूल-डस्ट निराकरण के लिए पानी छिड़काव भी करना है , लेकिन दो क्रेशरों में पानी छिड़काव भी नहीं पाया गया और आठवां खदान की खनन नियम रूप से उत्खनन कार्य नहीं किया गया , इसका भी जवाब मांगा गया है । क्रेशर मालिक इन सब नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसका इनको 3 दिन में माइनिंग विभाग में जवाब प्रस्तुत करना है ।अगर 3 दिन में इन क्रेशर मालिकों द्वारा इसका जवाब नहीं प्रस्तुत किया जाता है तो खनिज अधिनियम 1957 एवं गौण खनिज अधिनियम 2015 के तहत कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी और इसका जिम्मेदार खुद क्रेशर मालिक होगा ।वैसे तो कलेक्टर के निर्देश पर खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह क्रेशर मालिकों पर कहर बनकर बरस रहे हैं ।

क्या कहते हैं खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह

सारंगढ़-बिलाईगढ़ कलेक्टर मैडम के निर्देश पर आज हमने गुडे़ली में स्थित एस एन मिनरल्स , हनुमान क्रेशर उद्योग , जेके क्रेशर और पूर्व में खनिज अधिकारी द्वारा कार्यवाही की गई कृष्णा बिल्डकॉन क्रेशर का जांच किया और मुंशीयों को सख्त हिदायत दिया गया है कि क्रेशर को अभी नहीं चलाना है । अगर क्रेशर संचालित होते पाया गया तो इस पर कई धाराओं में कार्यवाही की जाएगी और तीन क्रेशरों के निरीक्षण दौरान कई सारे अनियमितताएं पाई गई । जिसमें तीनों क्रेशर संचालकों को नोटिस देकर 3 दिन में जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है । अगर जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो इन पर और कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी और हमारी माइनिंग विभाग की टीम द्वारा कुछ और क्रेशरों पर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी ।

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