जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सरसीवां सीएमओ ने अध्यक्ष पुत्र एवं उपाध्यक्ष पर लगाया मारपीट और गाली-गलौच का आरोप?

सरसीवां सीएमओ ने अध्यक्ष पुत्र एवं उपाध्यक्ष पर लगाया मारपीट और गाली-गलौच का आरोप?

सरसीवां सीएमओ ने अध्यक्ष पुत्र एवं उपाध्यक्ष पर लगाया मारपीट और गाली-गलौच का आरोप?

 

सरसीवां पुलिस से मांगी सुरक्षा,
विधायक कविता लहरे ने किया दोषियो पर कार्यवाही की मांग

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के सरसीवां नगर पंचायत के सीएमओ ललित कुमार ने नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गुलेचंद बंजारे के पुत्र सोमेष बंजारे तथा उपाध्यक्ष नारायण साहू पर कार्यालयीन समय में गाली- गलौच और मारपीट करने का आरोप लगाया है तथा सरसीवां पुलिस से सुरक्षा की मांग किया है। वही बिलाईगढ़ विधायक श्रीमती कविता लहरे ने सरकारी अधिकारी के साथ गाली-गलौच और मारपीट की निंदा करते हुए दोषियो पर कार्यवाही की मांग किया है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार थाना प्रभारी सरसीवां को दिये एक पत्र में नगर
पंचायत सरसीवां में पदस्थ सीएमओ ललित कुमार ने सुरक्षा की मांग किया है। इस पत्र में उन्होने लिखा है कि ललित कुमार, नगर पंचायत सरसीवां में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, के पद पर पदस्थ है 5 अगस्त को कार्यालयीन कार्य के दौरान कार्यालय के सभाकक्ष में उपस्थित अध्यक्ष पुत्र सोमेश बंजारे व उपाध्यक्ष नारायण साहू एवं पार्षदों द्वारा बुलाया जा रहा हैं बोलकर उसे एवं लेखापाल अखिलेश भारद्वाज को भृत्य शिवकुमार एवं भुषण लहरे द्वारा बुलाया गया। सभाकक्ष में जाने पर अध्यक्ष पुत्र सोमेश बंजारे एवं नारायण साहू द्वारा गाली गलीच करते हुए हाथापाई करने लगा बचाव करते हुए वह वहां से निकला। अध्यक्ष पुत्र सोमेश बंजारे द्वारा जातिवाद में फंसाने की धमकी दिया गया। सीएमओ ललित कुमार उनके इस प्रकार का कृत्य से भयभीत एवं आंशकित है कि कोई अप्रिय घटना घटित ना हो जाये। उपरोक्त कारणों से सीएमओ ने सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने का निवेदन किया है।

विधायक कविता लहरे ने किया दोषियो पर कार्यवाही की मांग वही दूसरी ओर बिलाईगढ़ विधायक श्रीमती कविता लहरे ने सोशल मिडिया में इस मामले को लेकर पोस्ट किया है उसमे उन्होने लिखा है कि भाजपा की दबंगई इतनी बढ़ गई है कि अब अधिकारियों को खुद
की सुरक्षा माँगनी पड़ रही है! मेरे बिलाईगढ़ विधानसभा के नगर पंचायत सरसींवा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री ललित कुमार जी को भाजपा नेताओ द्वारा धमकाया गया, गाली-गलौज और मारपीट की कोशिश की गई।सोचिए! जिस अधिकारी को जनता की सेवा करनी है, उसे अब भाजपा नेताओं से अपनी जान की सुरक्षा माँगनी पड़ रही है! क्या अब छत्तीसगढ़ में भाजपा के खिलाफ बोलना या काम करना खतरे से खाली नहीं? सवाल सिर्फ एक अधिकारी का नहीं है, ये सवाल है – कानून का, संविधान का, और लोकतंत्र के सम्मान का। भाजपा का यही “संगठनात्मक अनुशासन”है हम इस घटना की घोर निंदा करते हैं और माँग करते है कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।

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