जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ में 40 लाख रूपये की लग रही “स्ट्रीट लाईट” में जमकर मनमानी?

कही पर प्लेटफार्म में स्ट्रीट लाईट, तो कही पर जमीन में कर दिया गया स्थापित?
14वां वित्त के मद से हो रहा है काम,
नगर पालिका सारंगढ़ का है मामला,
स्थल निरीक्षण तक नही कर रहे है उपयंत्री,
कार्यालय में ही बैठकर कर रहे है मूल्यांकन
सड़क के बिल्कुल किनारे कर दिया गया लाईट स्थापित,
जहा पर प्लेटफार्म बनाया वहा ऊपर में था 11केव्ही लाईन,
सारंगढ़,
सारंगढ़ नगर पालिका के द्वारा बावाकुटी से विशालपुर तक रायपुर रोड़ नेशनल हाईवे रोड़ पर लगभग 40 लाख रूपये की लागत से स्ट्रीट लाईट लगवाया जा रहा है। किन्तु इस कार्य में ठेकेदार के द्वारा जमकर मनमानी किया जा रहा है। बिना स्थल देखे ही स्ट्रीट लाईट के लिये प्लेटफार्म का निमार्ण कर दिया गया बाद मे खंबे लगाते समय देखा गया कि ऊपर से 11 के.वी. मेन लाईन गुजरी है। ऐसे मे प्लेटफार्म के बिना ही सड़क किनारे गड्‌ढ़े खोदकर खंबा को जाम कर आनन-फानन मे कार्य पूरा किया जा रहा है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार नगर पालिका सारंगढ़ को 14वां वित्त आयोग से लगभग 36 लाख रूपये का आबंटन हुआ था वही लगभग 4 लाख रूपये की राशी पार्षदमद का निकाय मे बिना निमार्ण का बाकि था। ऐसे मे लगभग 40 लाख रूपये की राशी को सारंगढ़-रायपुर नेशनल हाईवे 153 में प्रकाश व्यवस्था के लिये स्ट्रीट लाईट लगाने के लिये स्वीकृति प्रदान किया गया। इस स्वीकृति के पश्चात 14वां वित्त के इस राशी को स्ट्रीट लाईट के लिये निविदा का प्रकाशन किया गया तथा दर स्वीकृति पश्चात कार्यादेश जारी किया गया। बताया जा रहा है कि बावाकुटी के मुहाने से लेकर विशालपुर के मुहाने तक लगभग 40 नग पोल यहा पर स्थापित किया जाना है तथा ऊपर मे लाईट लगाया जाना है इसके लिये वर्कआर्डर जारी होने के बाद ठेकेदार के द्वारा सड़क के बीच से लगभग 8 मीटर की दूरी पर पोल लगाने के लिये प्लेटफार्म बना दिया गया। जिसके ऊपर में स्ट्रीट लाईट लगाया जाना था। बताया जा रहा है कि प्लेटफार्म बनाये जाने के बाद जब पोल लगाने की बारी आई तब ठेकेदार और नगर पालिका के उपयंत्री को ऊपर से गुजरा हुआ 11 के.व्ही. के विद्युत लाईन की याद आई और विद्युत पोल नही लग पाने की जानकारी मिली। ऐसे मे आनन-फानन मे प्लेटफार्म के सामने गड्ढ़ा खोदकर पोल को जमीन पर जाम कर दिया गया और लाईट लगाकर काम को पूर्ण दर्शाने को अंतिम चरण का कार्य जारी रखा है। इस संबंध मे जब मौकेस्थल का निरीक्षण किया गया तो ज्ञात हुआ कि 40 मे से 9 खंबो को प्लेटफार्म पर नही लगाया गया है। उनको प्लेटफार्म से लगभग 5 फीट दूरी पर सड़क की ओर स्थापित कर दिया गया है। जिसके कारण से नेशनल हाईवे से महज 5 फीट की ही दूरी पर विद्युत पोल स्थापित हो गया है। इसके कारण से नेशनल हाईवे के सड़क की चौड़ीकरण होने से विद्युत पोल को हटाया जा सकता है और सड़क के बिल्कुल किनारे पर पोल को स्थापित करने से दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी। इस मामले में जबरदस्त लापरवाही वाली बात यह है कि नगर पालिका सारंगढ़ के सभी निमार्ण कार्य के कार्यादेश में उपयंत्री के द्वारा ले-आऊट दिया जाता है उसके बाद ही ठेकेदार के द्वारा वहा पर काम शुरू किया जाता है किन्तु जब ठेकेदार के द्वारा काम शुरू कर दिया गया और विद्युत पोल के लिये प्लेटफार्म का स्थापना कर दिया गया और वायरिंग को अंडरग्राऊंड सेट कर दिया गया उसके बाद पता चला कि ऊपर से 11 के.व्ही. का लाईन प्रवाहित हो रहा है यहा पर लोहे का पोल और लाईट नही लग सकता है। और ऐसा एक पोल पर नही था ऐसा लगभग 10 से अधिक पोल पर था। इस कारण से अपनी गलती को छुपाने के लिये ठेकेदार और उपयंत्री के द्वारा पोल को प्लेटफार्म के स्थान पर दूसरे स्थान पर खाली खोदकर बिना प्लेटफार्म बनाये ही सेट कर दिया गया और पोल जामकर विद्युत पोल को स्थापित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि लगभग माह भर से चल रहा इस निमार्ण कार्य को देखने के लिये उपयंत्री कभी भी मौके स्थल पर नही आये और बिना ले-आऊट के ही ठेकेदार के द्वारा इस निमार्ण का संपन्न कराने का काम किया जा रहा था। अब जब पोल को स्टैंड करने की बारी आई तब 11के.व्ही.के विद्युत लाईन की जानकारी सामने आई।
पूर्व कलेक्टर ने पालिका की बैठक मे चेताया भी था
इस संबंध मे सबसे खास बात यह है कि नगर पालिका में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के प्रथम कलेक्टर रहे डी.राहुल वेंकट ने पूरे मामले में पालिका मे आयोजित बैठक के दौरान उपयंत्री को निर्देश भी दिया था। उन्होने कहा था कि जिस सड़क पर काम शुरू किया जा रहा है वह नेशनल हाईवे है तथा सड़क के बीच से लगभग 8 मीटर की दूरी पर ही स्थापित किये जाने से भविष्य मे सड़क की चौड़ीकरण होने से भी लगा हुआ लाईट को कोई परेशानी नही होगा। जिस पर नगर पालिका के उपयंत्री श्री कंवर ने कलेक्टर डी.राहुल वेंकट के निर्देश का पालन का आश्वासन दिया था और पर्याप्त दूरी की जानकारी प्रदान किया था। किन्तु स्थल पर अवलोकन करने से ऐसा कुछ भी नही दिख रहा है और कई पोल मोड़ पर ही सड़क के डामर रोड़ से बिल्कुल बगल में स्थापित दिख रहा है।
गुणवत्ता का ख्याल बिल्कुल भी नही?
बावाकुटी से विशालपुर मुख्यमार्ग पर स्थापित किया जा रहा 40 लाख रूपये की लागत की इस स्ट्रीट लाईट में गुणवत्ता का ख्याल नही रखा जा रहा है। 9 पोल को मिट्‌टी पर ही जाम कर दिया गया है। वही प्राक्कलन में निर्धारित मोटाई के गेज के स्थान पर पतला गेज का पोल लगाया जा रहा है। जानकारो की माने तो मिट्‌टी के अंदर जाम करके लगाया गया पोल बहुत जल्द ही झुककर गिर सकता है। वही नेशनल हाईवे सड़क से महज 5 फीट की ही दूरी पर इस पोल को स्थापित किये जाने से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहेगी। पूरे निमार्ण कार्य की जांच करने से बड़े स्तर पर मनमानी की शिकायत सही पाई जायेगी।
आफिस में बैठकर उपयंत्री कर रहे है मूल्यांकन?
इस निमार्ण कार्य की जिम्मेदारी को सम्हालने वाले उपयंत्री ने एक भी दिन निमार्ण कार्य को देखना भी नही चाहा है। अपने आफिस चेंबर में ही बैठकर निमार्ण कार्य का मूल्यांकन करने में उपयंत्री को महारत हासिल है। बताया जा रहा है कि पोल के लिये बनाया जाने वाला प्लेटफार्म के लिये उपयंत्री मौके पर जाते तो उनकी नजर 11 के.व्ही. के लाईन पर जरूर जाती। ऐसे मे या तो साईड परिर्वतन कर दिया जाता या अन्य कोई विकल्प पर ध्यान दिया जाता। किन्तु आफिस से ही ले-आऊट देने वाले उपयंत्री और ठेकेदार के बीच के हनीमून से 40 लाख रूपये की लागत से बन रहे स्ट्रीट लाईट शुभारंभ से पहले ही कई स्थान पर झुकने और कई स्थान पर मनमानी निमार्ण के कारण से सुर्खियो मे आ गई है।

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