
सारंगढ़ के घोराघाटी में स्थित लातनाला सिंचाई परियोजना के लिये 75 करोड़ रूपये की स्वीकृति
16 करोड़ रूपये की लागत से बनी अधूरी लातनाला डायवर्सन से नही हो पा रही थी सिंचाई,
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अधूरी सिंचाई परियोजना को लेकर जताई थी नारजगी,
सारंगढ़ के किसानो को मुख्यमंत्री की सौगात,
1964 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी,
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
माह भर पहले सारंगढ़ के कनकबीरा आये मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बात पर नारजगी जताई थी कि लातनाला सिंचाई परियोजना के अधूरा रहने और एक भी एकड़ में सिंचाई नही हो रही है। रायगढ़ में बैठक के दौरान अधिकारियो को इस मामले मे फटकार लगाते हुए त्वरित कार्यवाही करने का निर्देश दिया था जिसका सकरात्मक परिणाम सामने आया और मुख्यमंत्री के निर्देश पर 75.37 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान किया गया। इस सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने पर 1964 हेक्टेयर खेत मे सिंचाई की सुविधा किसानो को मिल जायेगी। क्षेत्र के किसानो में इस परियोजना के लिये राशी स्वीकृत करने पर हर्ष की लहर है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग द्वारा
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के विकासखण्ड सारंगढ़ के अंतर्गत घोराघाटी गांव में लातनाला व्यपवर्तन योजना के कार्यों के लिए 75 करोड़ 37 लाख 3 हजार रूपए स्वीकृत किए गए है। योजना से करीब 1964 हेक्टेयर क्षेत्र में क्षेत्रीय किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। जल संसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन से सिंचाई योजना के कार्यों को पूर्ण कराने के लिए मुख्य अभियंता हसदेव कछार जल संसाधन विभाग को पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इस राशी की स्वीकृति से क्षेत्र के किसानो मे हर्ष का माहौल है। मुख्यमंत्री श्री साय 27 मई को कनकबीरा आये थे और उन्होने क्षेत्र की प्रमुख समस्याओ को बहुत ध्यान से सुना था
जिसमें उनके संज्ञान मे यह बात आई कि सालर क्षेत्र के घोराघाटी गांव के पास सन् 2000 में लातनाला मे 8 करोड़ की लागत से लातनाला डायवर्सन बना हुआ है किन्तु अधूरे कार्य होने के कारण से डायवर्सन से बनाया गया नहर मे पानी नही जा पाता है और किसानो को सिंचाई की सुविधा नही मिल पाती है। इस बात को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने रायगढ़ कलेक्टोरेट में आयोजित सारंगढ़-बिलाईगढ़ और रायगढ़ जिले के समीक्षा बैठक में जलसंसाधन विभाग के अधिकारियो को लातनाला सिंचाई परियोजना के अधूरे रहने पर नारजगी जताया था और इसके लिये पुनरीक्षित प्राक्कलन तैयार करने का निर्देश दिया था जिसके तारतम्य मे जलसंसाधन विभाग के द्वारा इस अधूरी सिंचाई परियोजना के लिये 75.37 करोड़ रूपये का पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाकर भेजा था जिस पर
जलसंसाधन विभाग ने इसे स्वीकृति प्रदान किया है। बताया जा रहा है कि इस सिंचाई
परियोजना के पूर्ण होने पर क्षेत्र के किसानो को सिंचाई सुविधा का लाभ होगा और किसान
संपन्न होगें।
8 करोड़ का डायवर्सन और 8 करोड़ की नहर अधूरी?
सालर के घोराघाटी गांव के पास बहने वाली लातनाला पर डायसर्वन करके सिंचाई परियोजना का निमार्ण छत्तीसगढ़ बनने के बाद किया गया है। लगभग 8 करोड़ की लागत से बनाया गया इस सिंचाई डायवर्सन का निमार्ण सन् 2000 में किया गया तथा इसको 2003 मे पूरा किया गया था किन्तु इसके लिये नहर नही बनाया गया था। बाद मे इसके नहर के लिये भी 2008 में 8 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान किया था किन्तु अधूरा सिंचाई परियोजना और अधूरा नहर लाईनिंग के कारण से एक भी एकड़ में सिंचाई की सुविधा यह डायवर्सन से नही हो पाया। लगभग जर्जर हो रहे इस सिंचाई परियोजना को लेकर गत दिनो सुशासन तिहार मे भी मांग क्षेत्रवासियो के द्वारा उठाया गया था।
जिसका परिणाम आज सामने आया और 75.37 करोड़ रूपये की स्वीकृति इस परियोजना को लेकर प्राप्त हुई है। 75.37 करोड़ में नहर निमार्ण, भूमि अधिग्रहण सहित कई काम सारंगढ के सालर क्षेत्र के घोराघाटी गांव मे अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजना घोराघाटी सिंचाई परियोजना के लिये 75.37 करोड़ रूपये की स्वीकृति से क्षेत्र में हर्ष की लहर है।
इस परियोजना से पूर्ण होने से 1964 हेक्टेयर खेत मे सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इस संबंध में सिंचाई विभाग की एसडीओ अनुराधा पटेल ने बताया कि पुनरीक्षित प्राक्कलन में गेट, मरम्मत, नहर निमार्ण, भूमि अधिग्रहण मुआवजा सहित बहुत सारे कार्य शामिल है। जिसको स्वीकृति के लिये उच्च कार्यालय भेजा गया था। जिसकी स्वीकृति मिली है।