जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ अंचल मे डीएपी खाद के लिये दर-दर भटक रहे है किसान! ब्लैक में 1900 रूपये में खरीदने पर मजबूर,

सारंगढ़ अंचल मे डीएपी खाद के लिये दर-दर भटक रहे है किसान! ब्लैक में 1900 रूपये में खरीदने पर मजबूर,

सारंगढ़ अंचल मे डीएपी खाद के लिये दर-दर भटक रहे है
किसान! ब्लैक में 1900 रूपये में खरीदने पर मजबूर,

यूरिया भी 450 रूपये में बिक रहा है सारंगढ़ में,
बोवाई के लिये डीएपी की मांग ज्यादा,
सोसायटी में खाद की किल्लत से किसान परेशान,
कुछ व्यापारियो के गोदामो मे भरा पड़ा है डीएपी और यूरिया,

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में किसानो को डीएपी खाद के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है फिर भी नही मिलने पर 1350 रूपये मे मिलने वाला डीएपी खाद को 1900 रूपये मे खरीदने के लिये मतबूर है। सोसायटी मे डीएपी का एक भी बोरी खाद नही है वही कुछ निजी व्यापारियो के गोदाम खाद से पैक भरे हुए है और मौका का फायदा उठाते हुए जमकर कालाबजारी करते हुए जमकर मुनाफाखोरी कर रहे है। सूत्र बताते है कि सारंगढ़ के बाजार मे 266 रूपये मे मिलपे वाला यूरिया खाद 450 रूपये और 1350 रूपये में मिलने वाला डीएपी 1900 रूपये मे आसानी से उपलब्ध है।

इन दिनों सारंगढ़ अंचल में धान बोवाई का कार्य जोरों पर चल रहा है । विशेष कर सारंगढ़,
बिलाईगढ़ क्षेत्र में खुर्रा बौनी होता है । लेकिन सहकारी समितियों में डीएपी खाद की कमी के कारण किसानों को बोवाई में व्यवधान पहुंच रहा है । किसी भी सरकारी समिति के खाद गोदाम में डीएपी खाद नहीं होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सहकारी समिति के बजाय निजी खाद विक्रय केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद उपलब्ध है । किन्तु जमकर मुनाफाखोरी किया जा रहा है और 1350 रूपये मे मिलने वाला डीएपी को यहा खुले बाजार में 1900 रूपये मे बेचा जा रहा है। किसानों को सहकारी समिति से ऋण पर खाद बीज उपलब्ध होता है। पैसे की कमी के कारण वे बाजार से खाद भी नहीं खरीद सकते ।

वहीं सहकारी समितियां में अनुपलब्धता के कारण मजबूरी में किसानों को बाजार से महंगे दर पर डीएपी खाद खरीदना पड़ रहा है । खाद के लिए निजी दुकानदारों के पास मारामारी चल रही है । किसानों का कहना है कि सहकारी समितियां में अनुपलब्धता के कारण निजी खाद विक्रय केंद्र के संचालक चोरी छुपे मनमाने रेट पर किसानों को खाद बेच रहे हैं। किसान रोज-रोज खाद गोदाम आकर डीएपी खाद पता लग रहे हैं । जिले के सहकारी समितियों में यूरिया और डीएपी छोड़कर बाकी खाद उपलब्ध है । लेकिन धान बोवाई में केवल डीएपी खाद की आवश्यकता होती है । यदि समय रहते बोवाई कार्य के लिए डीएपी खाद नहीं मिलती है। तो आने वाले समय में किसानों को धान के फसल के उपज में भी कमी आएगी । सरकार सरकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रही है । बताया जा रहा है कि खुले बाजार में डीएपी खाद की भरपूर स्टॉक है । दुकानदार सहकारी समितियों में डीएपी खाद की होने वाले कमी को प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से अच्छी तरह जानते थे। इस लिए सहकारी समितियां में डीएपी खाद 1350 रुपया में उपलब्ध होती है लेकिन बाजार में 1850 से 1900 तक बेच कर व्यापारी मुनाफा कमा रहे हैं और शासन प्रशासन मुक दर्शक बनी हुई है । इस संबंध में किसानों का कहना है कि सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को ऋण के तहत खाद उपलब्ध कराई जाती है

जिसके कारण नगद राशि के अभाव में किसान बाजार से डीएपी खाद खरीद नहीं पा रहे हैं । वहीं शासन के द्वारा डीएपी खाद के बजाय विकल्प के रूप में एनपीके खाद को छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है। किसानों का कहना है कि एक और जहां डीएपी खाद 1350 रुपए में उपलब्ध होता है । वहीं एनपीके का खाद समिति में 1750 एवं बाजार में 1800 से 1900 रुपए में उपलब्ध है। पर बोरी किसानों को 400 रुपया की अतिरिक्त राशि का भार पड़ेगा साथ ही डीएपी खाद की अपेक्षा एनपीके खाद में 26 प्रतिशत फास्फोरस कम रहता है। यूरिया का भी मारमारी, ब्लैक में 450 रूपये बोरी? सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में डीएपी के मारामारी के बीच अब यूरिया खाद भी ब्लैक में लेना पड़ रहा है। शासन के द्वारा 266.50 रूपये मे मिलने वाला यूरिया को 450 रूपये मे बेचा जा रहा है। प्रशासन के अधिकारी के संरक्षण मे सारंगढ़ मे बिक रहे यूरिया खाद के मुनाफाखोरी से किसानो का जमकर शोषण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यूरिया खाद के साथ 1 किलो का विटामिन लेना अनिवार्य कर दिया गया है और किसानो को कुल 500 रूपये का चपत प्रतिबोरी लगाया जा रहा है। सारंगढ़ में यूरिया को लेकर भी किल्लत पैदा हो गया है जिसका फायदा मुनाफाखोरी करके उठाया जा रहा है। नया जिला बनने के बाद भी मुनाफाखोरी करने वालो पर प्रशासन का पकड़ नही है और किसानो को शोषण करने से कुछ लोग बाज नही आ रहे है।

सोसायटी में क्या फिर कर दिया गया खाद घोटाला?

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में सोसायटी मे आने वाला खाद को बोगस किसानो के नाम पर वितरण दिखाने की गत वर्षो में कई मामले सामने आये है। फिर इस बार भी आशंका जाहिर किया जा रहा है कि डीएपी और यूरिया को बोगस किसानो के नाम पर वितरण दिखाकर बाजार में बेच दिया गया है जिसके कारण से वास्तविक किसानो को खाद के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। सेवा सहकारी समितियो को दिया गया डीएपी और यूरिया को अब तक किया गया वितरण की जांच कर वितरण सूची को सार्वजनिक करने से ही किसानो को सोसायाटी पर भरोसा कायम हो पायेगा। बताया जा रहा है कि सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में उड़ीसा से भारी मात्रा मे डीएपी और यूरिया की आपूर्ति हो रही है और मुनाफाखोरी करके ऊंचे दर पर इसको किसानो को बेचा जा रहा है।

सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला में खाद की आपूर्ति इस संबंध में डीएमओ कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यूरिया को लेकर 14000 मिट्रिक टन का मांग किया गया था किन्तु शासन से मात्र 8000 मिट्रिक टन की यूरिया की आपूर्ति हुई है। वही डीएपी के लिये शासन ने लक्ष्य में कटौती करते हुए 2376 मिट्रिक टन डीएपी के बदल 244 मिट्रिक टन डीएपी प्रदान कर दिया है जबकि गत वर्ष 6000 मिट्रिक टन से अधिक डीएपी प्रदान किया गया था। वही सुपर फास्फेट 4700 मिट्रिक टन के विरूद्ध अभी तक 3300 मिट्रिक टन सुपर फास्फेट आपूर्ति किया गया है। बताया जा रहा है कि और खाद आने की संभावना नही
दिख रही है जिसके कारण से किसानो को बाजार से ब्लैक मे यूरिया और डीएपी लेना पड़ेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button