जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ के यात्रियों के साथ बस ऑपरेटरों की तानाशाही: देर रात दानसरा बायपास में उतारते हैं यात्री, बढ़ा खतरा

सारंगढ़ के यात्रियों के साथ बस ऑपरेटरों की तानाशाही: देर रात दानसरा बायपास में उतारते हैं यात्री, बढ़ा खतरा

सारंगढ़ के यात्रियों के साथ बस ऑपरेटरों की तानाशाही: देर रात दानसरा बायपास में उतारते हैं यात्री, बढ़ा खतरा

 

 

 

सारंगढ़, छत्तीसगढ़ | सारंगढ़ टाइम्स विशेष रिपोर्ट

रायपुर से सारंगढ़ आने वाली यात्री बसें अब यात्रियों के साथ तानाशाहीपूर्ण व्यवहार करने लगी हैं। ये बसें देर रात के समय सारंगढ़ बस स्टैंड तक न जाकर, यात्रियों को करीब 4 किलोमीटर पहले दानसरा बायपास पर ही जबरन उतार देती हैं। इस व्यवहार से यात्रीगण खासे परेशान हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

पैदल चलने को मजबूर यात्री, रात में बढ़ता है खतरा

अत्यधिक रात होने के कारण दानसरा बायपास से सारंगढ़ शहर तक पैदल चलना न केवल थकान भरा होता है, बल्कि जोखिम भरा भी है। रास्ता सुनसान रहता है और महिलाओं व बुजुर्गों के लिए यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है। कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।

स्थानीय निवासी भीम केसरवनी कहते हैं, “हम टिकट तो सारंगढ़ का लेते हैं, लेकिन बस वाले हमें 4 किलोमीटर पहले उतार देते हैं। वहाँ से पैदल आना पड़ता है। वहीं विकास कुमार ने कहा की कई बार महिलाएं और बच्चे भी साथ होते हैं। ये सरासर अन्याय है।” इस पर शासन को ध्यान देने की जरुरत है।

बस ऑपरेटर लेते हैं पूरा किराया, सेवा अधूरी

यात्रियों से पूरा किराया तो लिया जाता है, लेकिन उन्हें निर्धारित गंतव्य तक नहीं पहुँचाया जाता। यह सीधा नियम उल्लंघन है और यात्री अधिकारों का हनन है। यह समझ से परे है कि प्रशासनिक निर्देशों के बावजूद बस ऑपरेटर मनमानी कैसे कर पा रहे हैं।
इस विषय मे भुक्त भोगियों द्वारा शासन-प्रशासन को कई बार जानकारी डी गयी लेकिन अब तक कोई लाभ नहीं हुआ है। वहीं स्थानीय नागरिकों व पत्रकारों नें और यात्रियों ने कई बार इस समस्या को लेकर प्रशासन, परिवहन विभाग और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपे हैं। लेकिन आज तक न तो कोई सख्त कार्रवाई हुई है और न ही स्थिति में सुधार आया है।

एसडीएम प्रखर चंद्राकर से उम्मीदें कायम

क्षेत्र के जिम्मेदार और सक्रिय आईएएस अधिकारी एसडीएम प्रखर चंद्राकर से लोगों को आशा है कि वे इस गंभीर जनहित के मुद्दे पर ठोस कदम उठाएंगे। आम नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ एक परिवहन का मामला नहीं है, बल्कि सुरक्षा, अधिकार और सुविधा का भी प्रश्न है।

नेताओं की चुप्पी पर सवाल

सारंगढ़ क्षेत्र के नेताओं की इस विषय पर चुप्पी और निष्क्रियता भी जनता को अखर रही है। यह एक व्यापक जनहित का मुद्दा है, जो रोज़मर्रा की यात्रा से जुड़ा है, फिर भी किसी जनप्रतिनिधि ने अब तक इसे गंभीरता से नहीं लिया।

इस मामले मे सारंगढ़ टाईम्स की टीम नें जब आम नागरिकों से चर्चा की तो उन्होंने कहा की रायपुर से आने वाली सभी बसों को सारंगढ़ बस स्टैंड तक जाने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए, बायपास पर जबरन उतारने वाले बस ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए, परिवहन विभाग द्वारा निरीक्षण अभियान चलाया जाना चाहिए, बस टिकट पर लिखे अंतिम गंतव्य तक पहुँचाना अनिवार्य किया जाना चाहिए,

और देर रात यात्रा के दौरान पुलिस गश्त और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाना चाहिए यदि अब भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो जनता को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ सकता है। यह मुद्दा केवल बस संचालन नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान से जुड़ा है। बहरहाल रात मे बस द्वारा रायपुर से सारंगढ़ आने यात्री अभी भी दानसरा से पैदल ही सारंगढ़ आने को मजबूर हैँ।

 

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