12 टन से अधिक वजनी वाहन है प्रतिबंध?
फिर भी प्रतिदिन दर्जनो वाहनो का रेलमपेल?
गोड़म-नौरंगपुर-बंधापाली मार्ग बना ओव्हरलोड़ वाहनो का सुरक्षित रास्ता?
खर्री बड़े में आधा दर्जन क्रेशर प्रधानमंत्री रोड़ के ऊपर हो गये स्थापित?
पीएम सड़क को बदहाल कर रहे है क्रेशर माफिया?
सारंगढ़,
नेशनल हाईवे पर खनिज विभाग और सरकारी अधिकारियो की नजरो से बचने के लिये सारंगढ़ अंचल मे गोड़म-नौरंगपुर-बंधापाली प्रधानमंत्री सड़क का उपयोग क्रेशर की ओव्हरलोड़ लिये भारी वाहनो के द्वारा बड़े स्तर पर किया जा रहा है। खास बात यह है कि टिमरलगा और गुड़ेली से निकलने वाले ओव्हरलोड़ वाहनो के लिये यह पीएम रोड़ का रास्ता सुरक्षित रास्ता बन गया है। इस रोड़ पर खर्री बड़े मे स्थापित आधा दर्जन क्रेशर उद्योग का भी व्यावसायिक वाहनो के द्वारा इस सर्विस रोड़ का छिछालेदर कर दिया जा रहा है।
सारंगढ़ के बरमकेला रोड़ मे बंधापाली और सारंगढ़ के रायगढ़ रोड़ में गोड़म को आपस मे जोड़ने के लिये नौरंगपुर रास्ते को पीएम सड़क के रूप में जोड़ते हुए पीएम सड़क का निमार्ण कराया गया जिसके लिये 12 टन से अधिक वजनी वाहनो का आवागमन प्रतिबंधित किया गया है। किन्तु नेशनल हाईवे 153 के हरदी से दानसरा के बाईपास के किनारे पर बना हुआ इस पीएम सड़क से ही क्रेशर उद्योग की ओव्हरलोड़ वाहने प्रशासन को चिढ़ाती हुई गंतव्य की ओर रवाना हो रही है। टिमरलगा और गुड़ेली की भारी तथा ओव्हरलोड़ वाहनो को गोड़म से बंधापाली होकर बरमकेला होते हुए उड़ीसा के लिये जाना हो या बंधापाली के बाद दानसरा जाकर सराईपाली रोड़ पर जाना हो यहा से आवागमन उनके लिये सुरक्षित स्थल के रूप में जाना जाता है किन्तु इसके कारण से पीएम रोड़ जर्जर और बदहाल हो रहा है उसकी कोई चिंता खनिज माफिया को नही है। वही पीएम रोड़ के चारो ओर स्थित खर्री बड़े में आधा दर्जन क्रेशर स्थापित हो गये है। किन्तु इन क्रेशरो से निकलने वाली भारी वाहनो को पीएम रोड़ से ही आवागमन करना पड़ता है। पीएम सड़क के अधिकारी भारी वाहनो के प्रवेश प्रतिबंधित करने का सूचना बोर्ड लगाकर अपना कर्तव्य की इतिश्री कर लिये है वही ग्रामीण क्षेत्र के लिये सर्विस रोड़ को छिछालेदर करने मे व्यावसायिक वाहने कोई कमी नही कर रहे है। गोड़म से नौरंगपुर होकर बंधापाली पहुंचने वाली पीएम रोड़ पर हर दिन लगभग 50 से अधिक व्यावसायिक वाहनो का भारी रेलमपेल बना रहता है। जिसके कारण से नवनिर्मित बना हुआ सड़क फिर से जर्जर की स्थिति में पहुंच जाता है। इस रोड़ पर भारी वाहनो को रोकने के लिये कई प्रकार से अवरोधक को लगाया गया था तथा भारी वाहनो के प्रवेश प्रतिबंधित संबंधी सूचना बोर्ड भी लगाया गया है किन्तु बिना रायल्टी और ओव्हरलोड़ वाहनो के लिये स्वर्ग बना यह सुरक्षित रो़ड़ पर भारी और व्यावसायिक वाहनो को रोकने का काम कोई भी विभाग नही कर रहा है। भारी वाहनो के प्रवेश को प्रतिबंधित करने संबंधी सूचना बोर्ड लगाकर पीएम सड़क विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपना कर्तव्य की इतिश्री कर लिये है वही खनिज विभाग की नजर इस सड़क पर हो रहे ओव्हरलोड़ और रायल्टी चोरी की आवागमन पर नही पड़ रही है। जिसके कारण से हर दिन इस रोड़ से ओव्हरलोड़ वाहनो के साथ साथ रायल्टी चोरी वाली वाहनो का आवागमन हो रहा है।
पीएम सड़क आवागमन का एक मात्र रास्ता वहा पर क्रेशर कैसे?
सारंगढ़ को अनोखा करनामा के लिये जाना जाता है। खर्री बड़े मे आधा दर्जन क्रेशरो को स्थापित करने का आदेश देकर प्रशासन ने अपना काम कर दिया किन्तु यह देखा कि जहा पर क्रेशरो की स्थापना हो रही है वहा पर सिर्फ पीएम रोड़ की आवागमन करने का एक मात्र साधन है। इसके कारण से क्रेशरो से निकलने वाली भारी वाहनो को पीएम सड़क से ही सफर करना होगा। भले ही पीएम सड़क का आदेश कहता है कि 12 टन से अधिक वजनी वाहनो का प्रवेश प्रतिबंधित है किन्तु जब क्रेशरो का स्थापना ही खर्री बड़े जैसे गांव में किया गया है जहा पर आवागमन का एक मात्र साधन सिर्फ और सिर्फ पीएम रोड़ है तो इसे प्रशासन की लापरवाही का ही नाम दिया जायेगा। इस आधा दर्जन क्रेशर के साथ साथ खदानो को भी अनुमति प्रदान कर दिया गया है। ऐसे मे आखिर इन खदानो से निकलने वाले पत्थर और क्रेशरो से निकलने वाले भारी वाहनो का रेलमपेल को आखिरकर पीएम रो़ड़ से ही रास्ता देखना पड़ेगा। भले ही शासन कुछ भी बोले किन्तु पीएम सड़क पर क्रेशरो की अनुमति प्रदान कर प्रशासन पीएम रोड़ को खुद ही बदहाल कर रहा है।
खर्री बड़े के क्रेशर और टिमरलगा-गुड़ेली के भारी वाहनो पर कार्यवाही कब?
गोड़म से होकर नौरंगपुर होते हुए बंधापाली मार्ग पर चलने वाली भारी वाहनो से लदी ओव्हरलोड़ वाहनो पर कार्यवाही तथा खर्री बड़े के क्रेशरो से निकलने वाली भारी तथा व्यावसायिक वाहनो पर कार्यवाही को लेकर ग्रामीण अंचल में शिकायतकर्ताओ की आंखे पथरा गई है। कार्यवाही की आशा मे पुराने रायगढ़ जिले मे कई बार आवेदन दे चुके ग्रामीणो को फर्राटा मारती व्यावसायिक वाहनो से कोई दुर्घटना ना हो इसकी चिंता है किन्तु प्रशासन गोड़म-बंधापाली मार्ग पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करने से कतरा रही है। इस रोड़ पर ना तो माईनिंग विभाग की टीम निरीक्षक करती है और ना ही पीएम स़ड़क की टीम मानीटिरिंग करती है। ऐसे मे प्रशासन से बड़ी कार्यवाही की उम्मीद क्षेत्र के जागरूक ग्रामीण कर रहे है।
खर्री बड़े क्षेत्र मे खदानो के लीज निरस्त होने चाहिये?
खर्री बड़े के आवागमन के लिये सिर्फ पीएम सड़क ही एक मात्र साधन है। ऐसे मे पीएम सड़क और कृषि प्रधान क्षेत्र मे खदानो को कैसे लीज पर दे दिया गया? यह जांच का विषय है। वही इस क्षेत्र के लीज लिया गया कुछ खदानो से जरा सा भी पत्थर नही निकाला गया है किन्तु रायल्टी पर्ची का उपयोग जमकर किया गया है? ऐसे कई रहस्यमय मामलो की जांच तथा कार्यवाही उपरांत इस क्षेत्र के सभी खनन संबंधित खदानो का लीज को निरस्त करना आवश्यक है। पीएम सड़क पर 12 टन से अधिक वजनी के भारी वाहनो का आवागमन नही होना है और खदानो और क्रेशरो के स्थापना से यह कार्य होना ही है। ऐसे मे क्षेत्र मे स्थापित क्रेशर तथा खदानो की लीज को निरस्त कर क्षेत्र में कृषि और पर्यावरण पर सरकार का ध्यान होना बहुत जरूरी है।