
सारंगढ़ के मिरौनी डैम में भीषण गर्मी के चलते बढ़ती भीड़ और सुरक्षा चिंताओं पर विशेष रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ क्षेत्र में स्थित मिरौनी डैम इन दिनों स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक अनौपचारिक ‘वाटर पार्क’ बन गया है। गर्मी से राहत पाने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन सुरक्षा उपायों की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह स्थान एक संभावित दुर्घटना क्षेत्र बनता जा रहा है।
भीड़ का बढ़ता दबाव और सुरक्षा की अनदेखी
गर्मियों के दौरान मिरौनी डैम में नहाने और पिकनिक मनाने वालों की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। बच्चे और युवा ऊंचाई से छलांग लगाते हुए स्टंट करते नजर आते हैं, जबकि आसपास कोई सुरक्षा उपाय या निगरानी नहीं है। डैम के किनारे चार पहिया वाहन और बाइक भी देखे गए हैं, जो किसी बड़ी दुर्घटना का संकेत देते हैं।
प्रशासनिक लापरवाही और संभावित खतरे
स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए कोई विशेष उपाय नहीं किए गए हैं। न तो पुलिस की उपस्थिति है, न ही कोई चेतावनी बोर्ड या लाइफ गार्ड की व्यवस्था। इस लापरवाही के चलते किसी भी समय बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
भीषण गर्मी और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2025 की गर्मियों को लेकर चेतावनी जारी की है, जिसमें मई-जून में तापमान 45-50°C तक पहुंचने की संभावना है। इससे हीट स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
सुझाव और अपील
स्थानीय प्रशासन से अनुरोध है कि मिरौनी डैम पर सुरक्षा उपायों को तत्काल लागू करें, जैसे कि लाइफ गार्ड की नियुक्ति, चेतावनी बोर्ड और पुलिस की नियमित गश्त।
इसके अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर भी स्थानीय युवकों की निगरानी टीम बनानी चाहिए जो बच्चों को डैम के खतरनाक हिस्सों में जाने से रोकें और सुरक्षा नियमों का पालन करें।
मीडिया और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैँ ताकि प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित हो ।
मिरौनी डैम की वर्तमान स्थिति एक गंभीर चिंता का विषय है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थान एक बड़े हादसे का कारण बन सकता है। सभी संबंधित पक्षों को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।