जिला- सारंगढ़ बिलाईगढ़

टिमरलगा खनिज बैरियर : बिना रायल्टी के बेखौफ निकलती है नाथलदाई, गुरू, सिंघल, मां शक्ति की गाड़ीया?

टिमरलगा खनिज बैरियर : बिना रायल्टी के बेखौफ निकलती है नाथलदाई, गुरू, सिंघल, मां शक्ति की गाड़ीया?

टिमरलगा खनिज बैरियर : बिना रायल्टी के बेखौफ निकलती है नाथलदाई, गुरू, सिंघल, मां शक्ति की गाड़ीया?

ओव्हरलोड़ और बिना रायल्टी का इनके संचालको को दिया गया है स्पेशल परमिशन?
चेहरा देखकर तिलक लगाते है टिमरलगा के खनिज बैरियर के कर्मचारी,
अपना पर्सनल कर्मचारी रखे हुए है बैरियर के प्रभारी अनिल नंदे?

सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला प्रशासन के आदेशो को ठेंगा बताते हुए टिमरलगा में स्थित खनिज जांच चौकी बैरियर से आधा दर्जन क्रेशर से निकलने वाली वाहनो को खनिज जांच चौकी प्रभारी बिना जांच के ही तत्काल रवाना करते है। कुछ नामी क्रेशरो की वाहनो को रोकने की हिम्मत जांच चौकी के प्रभारी को नही है, इसमे नाथलदाई, गुरू, सिंघल, मां शक्ति की गाड़ीया है जो कि रायल्टी नही रखती है और ओव्हरलोड़ भी रहती है।

दरअसल टिमरलगा के खनिज जांच बैरियर मे उचित मूल्य का भुगतान करने पर विशेष प्रकार की सुविधा प्रदान करने की शिकायते लंबे अर्से से आ रही थी जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज शाम को देखने को मिला जब खनिज जांच चौकी के बैरियर प्रभारी नंदे और चंद्रा की अनुपस्थिति में निजी रूप से सरकारी कार्य को संपादित करने के लिये रखे गये एक कर्मचारी ने कई गाड़ियो को बिना रायल्टी जांच के सिर्फ इसलिये ही छोड़ दिया क्योकि वे गाड़ियो नामी क्रेशर उद्योग से माल लेकर निकली थी। खनिज विभाग के इस जांच चौकी में जिन क्रेशरो के वाहन को पांच मिनट भी खनिज जांच चौकी में नही रोकना है और बिना कागजात के ही वाहनो को तत्काल रवाना करना है उसमें नाथलदाई, गुरू, सिंघल, मां शक्ति के माल लेकर आने वाली बड़ी-बड़ी गाड़ीया है। ऐसा नही है कि इनके यहा से माल लेकर निकलने वाली वाहनो मे रायल्टी है और माल ओव्हरलोड़ नही है।

किन्तु व्यवस्था और सुचारू संचालन के लिये किया गया उचित भुगतान प्रणाली के कारण से यहा पर चेहरा देखकर तिलक लगाया जा रहा है। दिन-दहाड़े और आधी रात को खनिज जांच चौकी बैरियर से गाड़ियो को तत्काल प्रभाव से निकालने के आदेश के तारतम्य मे यहा पर पदस्थ और कार्यरत निजी कर्मचारी आदेश का पालन करते हुए सिर्फ इसी नाम से गाड़ियो की रायल्टी और ओव्हरलोड़ को चेक नही करता है क्योकि उक्त नाम वाले संस्थान से गाड़ियो माल लेकर निकलती है। वही सिंघल का तो बात ही निराला है सारंगढ़ शहर और सरसीवां आदि क्षेत्र में बेखौफ होकर बिना रायल्टी के ओव्हरलोड़ वाहन शहर के गली-मोहल्ले मे दिख जायेगें। किन्तु खनिज विभाग कार्यवाही के नाम पर आंख मूंदकर बैठा हुआ है।

भ्रष्टाचार का केन्द्र बना खनिज जांच चौकी?

सारंगढ़ के अंतिम छोर पर स्थित टिमरलगा का खनिज जांच चौकी में खुलेआम लेन-देन चल रहा है। आज शाम को 4 बजे जब खनिज जांच चौकी का जानकारी मौके पर जाकर लिया गया तो बताया गया कि खनिज जांच चौकी का प्रभारी अनिल नंद शाम को 7 बजे आते है और चंद्रा जी रात को रहते है। अभी काम को निजी रूप से अपने खर्च पर रखे एक युवक देख रहा था जसको नाम पूछने पर नही बताया। साथ ही खनिज जांच चौकी प्रभारी का मोबाईल नंबर या खनिज अधिकारी का मोबाईल नंबर मांगन पर नही होने की जानकारी दिया। ऐसे मे वहा पर जिस प्रकार से खुले आम नगद-नारायण का लेन-देन चल रहा था वह जिला प्रशासन के आंख पर पट्‌टी बांधे होने का सबूत दे रहा था। हर दिन लाखो रूपये के अवैध लेन-देन का खुले आम बड़ा अड्‌डा टिमरलगा का खनिज जांच चौकी बन गया है।

खनिज विभाग के अधिकारी हुए निरंकुश?

सारंगढ़-बिलाईगढ़ के खनिज विभाग में पदस्थ अधिकारी खनिज संसाधन को दोहन करने की खुली छूट दे रखे है। लाखो रूपये की रायल्टी चोरी करने वालो को संरक्षण देकर कार्यवाही नही करके बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की नई ईबारत यहा पर बनाया जा रहा है। जिला प्रशासन के आंख के नीचे चल रहा इस खुलेआम उगाही के खेल में कौन-कौन बड़े चेहरे शामिल है? और प्रत्येक वाहन में बिना रायल्टी और ओव्हरलोड़ की दर में क्या खेल होता है? ऐसे सवालो का जवाब आने वाले समय में प्रकाशित करते रहेगें।

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