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छत्तीसगढ़ के इस शहर में पानी के लिए हाहाकार,  37 करोड़ की योजना, लेकिन नहीं आया पानी 

छत्तीसगढ़ के इस शहर में पानी के लिए हाहाकार,  37 करोड़ की योजना, लेकिन नहीं आया पानी 

छत्तीसगढ़ के इस शहर में पानी के लिए हाहाकार,  37 करोड़ की योजना, लेकिन नहीं आया पानी 

खैरागढ़, गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही खैरागढ़ को भीषण जल संकट से गुजरना पड़ रहा है. बढ़ती गर्मी के साथ हालात और बदतर हो गए हैं. कई वार्डों में हफ्तों से एक बूंद पानी नहीं आया है. लोग टैंकरों के पीछे दौड़ रहे हैं, घंटों लाइन में खड़े हैं.

37 करोड़ की योजना, लेकिन नहीं आया पानी

हैरानी की बात ये है कि इसी शहर में करीब दस साल पहले 37 करोड़ रुपये की जल आवर्धन योजना बनाई गई थी. छिंदारी डेम से पाइपलाइन के ज़रिए हर वार्ड तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम शुरू भी हुआ. लेकिन सालों बाद भी यह योजना अधूरी है, जिससे ना पानी आया, ना भरोसा बचा. दो साल पहले नगर पालिका ने शहर भर की सड़कों और गलियों को खोदकर पाइप डाल दिए. परेशानियों झेलने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब साफ पानी मिलेगा. अफसोस, इन पाइपों से आज तक एक बूंद भी नहीं आई. योजना में तय था कि पहले डेम से शहर तक मुख्य पाइपलाइन बिछेगी, फिर अंदर की लाइनें जुड़ेंगी. लेकिन अफसरों ने उल्टा किया—बिना डेम से पानी लाए, शहर में पाइप डाल दिए. अब कहा जा रहा है कि पानी छिंदारी डेम की बजाय लालपुर डेम से लाया जाएगा, जिसके लिए 2.46 करोड़ रुपये और मंजूर हो चुके हैं. लेकिन लालपुर डेम भी जर्जर हालत में है—गेट टूटे हैं, ऊंचाई नहीं बढ़ाई गई और ऊपर की सड़क तक बर्बाद है. उधर, गंजीपारा का वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट एक साल से तैयार है, लेकिन उससे भी पानी सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है.

आज भी पुरानी पाइपलाइन पर निर्भरता

परिणामस्वरूप, शहर आज भी उसी पुरानी, रियासतकालीन टूटी-फूटी पाइपलाइन पर निर्भर है. कई इलाकों में सप्लाई बंद है. दाऊचौरा में एक खराब पानी का टैंकर पिछले पांच दिन से सड़क पर खड़ा है, जिससे जाम और हादसों का खतरा बढ़ गया है.

जनता का आक्रोश, जिम्मेदारी तय करने की मांग

जनता मांग कर रही है कि इस योजना में लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर कार्रवाई हो. और जब तक योजना पूरी न हो, हर वार्ड में टैंकरों से नियमित पानी आपूर्ति की जाए. नगर पालिका अधिकारी नरेश वर्मा का दावा है कि योजना का काम लगभग पूरा हो चुका है और इस वक्त पाइपलाइन की टेस्टिंग चल रही है. उनका कहना है कि आठ दिनों के भीतर टंकी से पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी और जहां जरूरत है, वहां टैंकर भेजे जा रहे हैं. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. कब तक मिलेगा पानी? कोई नहीं जानता. फिलहाल, खैरागढ़ के लोग हर रोज़ पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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