जिला मुख्यालय सारंगढ़ में युवाओ के लिये “नालंदा” लाईब्रेरी की आवश्यकता! छत्तीसगढ़ के विष्णु सरकार में सारंगढ़ हो रहा है उपेक्षा का शिकार,नवीन जिला बना सारंगढ़ हो रहा है विकास से कोसो दूर,
एक भी लाईब्रेरी नही है सारंगढ़ में,
“नालंदा” के लिये भारत माता चौक स्थित पुराना नगर पालिका भवन होगा उपयुक्त स्थल
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
प्रदेश में युवाओ की सुविधा के लिये विष्णु सरकार नित-नये घोषणा कर रही है और उस पर अमल भी कर रही है किन्तु सारंगढ़ जिला इन सभी सौगातो से दूर है। युवाओ के लिये बेहद महत्वपूर्ण “नालंदा” परिसर की मांग सारंगढ़ जिला मुंख्यालय में किया गया जा रहा है। इसके लिये पुराना नगर पालिका भवन जो कि शहर के हृदय स्थल भारतामाता चौक पर स्थित है बेहतरीन स्थान साबित हो सकता है। देर शाम तक यहा पर चहल-पहल रहती है। आधुनिक लाईब्रेरी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओ के लिये काफी महत्वपूर्ण “नालंदा” सारंगढ़ के लिये एक बड़ी सौगात हो सकती है। दुर्भाग्य की बात यह है कि युवाओ के लिये महत्वपूर्ण इस मांग को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के समक्ष कोई नही कर रहा है।
पान, पानी और पालगी की नगरी सारंगढ़ को जिला मुख्यालय का स्वरूप धारण किये हुए लगभग 27 माह होने जा रहा है किन्तु विकास के नाम पर यहा पर कलेक्टोरेट दफ्तर और एसपी कार्यालय के अलावा और कुछ ऐसा अभी तक नही हुआ है जिसके नाम से क्षेत्र में जिला को लेकर हर्ष का माहौल हो सके। ऐसे में युवाओ के बीच भी नये जिले मे विकास को लेकर कई सपने है। सारंगढ़ में युवाओ के लिये एक सर्वसुविधायुक्त लाईब्रेरी की आवश्यकता लंबे समय से महसूस किया जा रहा है। वर्षो पहले सारंगढ़ नगर पंचायत मे सर्वसुविधायुक्त लाईब्रेरी का संचालन किया जाता था। नगर पंचायत भवन के प्रथम तल मे इस लाईब्रेरी कक्ष में प्रसिद्ध लेखको की पुस्तको के अलावा कई पत्रिकाएं और समाचार पत्र के अलावा ज्ञानवर्धक पाठ़्य साम्रगी का विशाल जखीरा था। किन्तु नगर पंचायत में भर्राशाही और भारतमाता चौक के कार्यालय का अन्यत्र स्थानान्तरित होकर नवीन भवन बनने के बीच ना जाने यह लाईब्रेरी कहा खो गई। नाम मात्र के शुल्क में इस लाईब्रेरी की सदस्यता हासिल कर यहा की प्रसिद्ध पुस्तको का ईशु कराकर उसका अध्ययन किया जा सकता था। साथ ही मासिक पत्रिका और कई प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओ का यहा पर अध्ययन किया जा सकता था। ऐसे में उपेक्षा का शिकार और बदहाली के कारण से सारंगढ़ नगर पंचायत का लाईब्रेरी कूडे के ढ़ेर में चला गया। नगर पंचायत के शहर सरकार की प्राथमिकता में लाईब्रेरी नही होने के कारण से सारंगढ़ शहर की लाईब्रेरी लगभग 20 साल पहले बंद हो गई। ऐसे में क्षेत्र के हजारो युवाओ के लिये प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी और मानसिक और बौद्धिक विकास के लिये अति महत्वपूर्ण लाईब्रेरी की मांग तो हो रही है
किन्तु इस मांग की कभी सुनवाई नही हुई है। ऐसे मे अब छत्तीसगढ़ के मुखिया के तौर पर क्षेत्र के पूर्व सांसद विष्णुदेव साय का मुख्यमंत्री बनना और नवीन जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ के प्रतिनिधित्व के तौर पर रायगढ़ विधायक सभा और जिले के सरिया क्षेत्र के विधायक पूर्व आईएएस ओ.पी.चौधरी का वित्त मंत्री के रूप मे सरकार मे रहना क्षेत्र के युवाओ के लिये प्ररेणास्त्रोत है। ऐसे मे जिला मुख्यालय बना सारंगढ़ में सर्वसुविधायुक्त एक लाईब्रेरी के साथ- साथ रायपुर और रायगढ़ मे स्थापित हो रहा “नालंदा” की सारंगढ़ में भी खोलने की मांग से हजारो युवाओ के सपने को पंख लग सकता है। सर्वसुविधायुक्त लाईब्रेरी के साथ-साथ प्रतियोगी परिक्षाओ के लिये आर्दश वातावरण में शानदार कैंपस का यहा पर निमार्ण सारंगढ़ अंचल के लिये बड़ी सौगात हो सकती है।
पुराना नगर पालिका भवन होगा श्रेष्ठ स्थल
जिला मुख्यालय बना सारंगढ़ में नालंदा के लिये पुराना नगर पालिका भवन श्रेष्ठ स्थल साबित होगा। यह भारतमाता चौक पर स्थित है जहा पर आवागमन का पूर्ण साधन अलसुबह से देर रात तक मिलेगा। यह स्थान युवक-युवतियो के लिये सुरक्षा की लिहाज से भी शानदार है। लगभग आधा एकड़ से अधिक स्थान पर स्थित इस पुराने नगर पालिका भवन को डिस्पोजल करके नया भवन बनाये जाने पर नालंदा के लिये पर्याप्त स्थान यहा पर मिलेगा। पास मे ही बस स्टैंड होने के कारण से यहा हर तरफ से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्रा आ-जा सकते है। सारंगढ़ के पुरातात्विक और ऐताहासिक नगर पालिका भवन जो कि 1919 मे बना था यहा पर इस नालंदा के स्थापना होने से यह स्थल पुरातात्विक लिहाज से संरक्षित भी होगा और नालंदा होने से सारंगढ़ के इतिहास पर यहा पर समय-समय
पर गोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन भी हो सकता है। ऐसे में जिला मुख्यालय सारंगढ़ में युवाओ के लिये सर्वसुविधायुक्त लाईब्रेरी के रूप में नालंदा का स्वीकृति से क्षेत्र के युवाओ के लिये बड़ी सौगात हो सकती है।
क्या है नालंदा परिसर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संचालित नालंदा परिसर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए
वरदान साबित हो रही है. वर्ष 2018 से संचालित इस लाइब्रेरीसे अब तक यूपीएससी, सीजी पीएससी, व्यापमं
परीक्षाओं करीब 250 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. जिसके बाद इस लाइब्रेरी के तर्ज पर राज्य की बीजेपी सरकार ने प्रदेश
में 22 नए नालंदा परिसर खोलने का ऐलान कर दिया है।राजधानी रायपुर स्थित नालंदा परिसर में 2500 विद्यार्थी या
अभ्यर्थी के लिए पढ़ने की व्यवस्था है. इसका फायदा भी विद्यार्थियों को मिल रहा है।वर्तमान में इस परिसर में करीब
2500 विद्यार्थियों या अभ्यर्थियों के पढ़ने की व्यवस्था है. राजधानी के नालंदा परिसर की तर्ज पर प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी का निर्माण होना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर लाइब्रेरी निर्माण के प्रस्ताव को वित्त विभाग से हरी झंडी मिल गई है। प्रदेश के 13 नगरीय निकायों में लाइब्रेरी के लिए 85 करोड़ 42 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृत की है। प्रदेश के 4 नगरीय निकायों में 500 सीटर और 9 नगरीय निकायों में 200 सीटर लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अपने मुख्य बजट भाषण में भी इसका जिक्र करते हुए कहा था, युवाओं के अध्ययन के लिए नालंदा परिसर की तर्ज पर लाइब्रेरी निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इन केंद्रों को नॉलेज बेस्ड सोसायटी यानी ज्ञान आधारित समाज के प्रतीक के रूप में स्थापित किया जाए, ताकि ये युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत और सरकार के लिए एक आदर्श बन सके। लाइब्रेरी का निर्माण उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा, जो छोटे शहरों में रहकर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करना चाहते हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। लाइब्रेरी निर्माण का मुख्य उद्देश्य स्थानीय युवाओं के शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करना है।
इन निकायों में बन रही है लाइब्रेरी
कवर्धा, दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव, कांकेर, नारायणपुर, जांजगीर नैला, लोरमी, बलौदाबाजार,कुनकुरी,जशपुर,अंबिकापुर में नया आधुनिक लाईब्रेरी के रूप में नालंदा का निमार्ण किया जाना है।