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ब्याज पर लिये पैसे नही लौटाने वाले पिड़ित का अपहरण की आशंका? पिड़ित की पत्नी ने सरसीवां थाना मे दिया आवेदन,

ब्याज पर लिये पैसे नही लौटाने वाले पिड़ित का अपहरण की आशंका? पिड़ित की पत्नी ने सरसीवां थाना मे दिया आवेदन,

ब्याज पर लिये पैसे नही लौटाने वाले पिड़ित का अपहरण की आशंका?
पिड़ित की पत्नी ने सरसीवां थाना मे दिया आवेदन,

प्रार्थिया का पति पिछले चार दिनों से है लापता?
कथित शिक्षक शम्भूनारायण का शिकायत लेकर थाने पहुंची पीड़ित दीपक की पत्नी?
सरसीवां अंचल में चल रहा है 15-20% ब्याज का चल रहा खेल?
इनके निशाने पर बेबस और मजबूर किसान व मजदूर वर्ग।
पीड़ित की पत्नी ने लगाई पुलिस से न्याय व मदद की गुहार।

सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला के सरसीवां थाना में सरसीवां निवासी शांति चौहान ने लिखित में शिकायत किया है कि उनके पति दीपक चौहान को सूदखोरो ने ब्याज का पैसा देने के नाम पर धमकी दिया है जिसके बाद से गत 4 दिनो से उसके पति लापता है। उनका मोटर सायकल भी छिन लिया है। सूदखोर एक शासकीय शिक्षक और उसके गुर्गो के नाम पर लिखित शिकायत करते हुए प्रार्थी शांति चौहान ने पुलिस से त्वरित कार्यवाही करने का निवेदन किया है। इस सनसनीखेज शिकायत के बाद सरसीवां अंचल में ब्याज का धंधा करने वालो मे हड़कंप मचा हुआ है।

 

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सरसीवां निवासी शांति चौहान पति दीपक चौहान ने 2 अक्टूबर को सरसीवां थाना में लिखित शिकायत प्रदान किया है जिसमे आरोप लगाया है कि उसके पति दीपक चौहान को 15 प्रतिशत ब्याज के वसूली के लिए गाली गलौज करने, जान से मार देने, घर पर ताला मार कब्जा करने की धमकी दिया जा रहा है। शांति चौहान ने बताया कि सूदखोर की धमकियों से
भयभीत उसका पति दीपक चौहान पिछले चार दिनों से लापता है। जहाँ अपने लापता पति के गुमसुदगी व सूदखोर शिक्षक शम्भूनारायन की धमकी व प्रताड़ना की शिकायत लेकर प्रार्थिया शांति चौहान ने थाना सरसींवा से न्याय और मदद की गुहार लगाई। जिसमे प्रार्थिया ने अपनी आप बीती सुनाई। प्रार्थिया के कथन अनुसार उसका परिवार रोजी मजदूरी कर अपना जीवनयापन करता है। जहाँ सूदखोर गुरुजी शम्भूनारायन जो ब्याज में पैसा बाटने का कार्य करता है। उससे उनके पति दीपक चौहान ने जनवरी माह में पैसे उधार लिए थे और उधार चुकाने बाद अब शम्भूनारायन बंजारे और उसके एजेंट अब 15 प्रतिशत प्रतिमाह के हिसाब से ब्याज की मांग पीड़ित से कर रहा है। और आये दिन घर आकर गाली गलौज,जान से मारने की धमकी,बंधक बना लेने की धमकी व ब्याज न मिलने पर घर पर ताला मार कब्जा करने की धमकियां दे रहा है। वही उसके पति की मोटरसाइकिल भी लूटकर ले गए है। जिससे शम्भूनारायण व उसके एजेंट की धमिकयों से उसका परिवार भयभीत था

 

जिसके बाद गत दिनांक 29 सितम्बर से प्रार्थिया का पति घर से लापता है। जिसकी खोजबीन परिवार कर चुका है पर अब तक उसकी कोई जानकारी नही मिल पाई है। जिससे आज 2 अक्टूबर 2024 को प्रार्थिया ने थाना सरसींवा पहुंचकर अपने पति के गुमशुदगी व तथाकथित ब्याज वाले गुरुजी व उसके एजेंट के विरुद्ध लिखित में शिकायत पेश की है। प्रार्थिया का कहना है कि उसे आशंका है कि इन सूदखोरों ने अपने धमकियों के अनुसार उसके पति को अगवाकर बंधक बना लिया है। या फिर यदि इनके धमकियों से मानसिक पीड़ा व दबाव में आ कर अगर प्रार्थिया के पति ने कोई गलत कदम उठा लिया तो इसके जिम्मेदार शम्भूनारायन व एजेंट होंगे। अब देखना यह है कि आखिर थाना सरसींवा इस तरह के सूदखोरों पर क्या कार्यवाही करती है। गौरतलब है कि बिना साहूकारिता लायसेंस के एक शासकीय कर्मचारी द्वारा बिना किसी डर के इतने उच्च दर पर ब्याज का कार्य करना साहूकारिता अधिनियम के बिल्कुल विपरीत है और विधि अनुकूल भी नही। विडम्बना है कि इस तरह के सूदखोरों के चंगुल में फंसकर गरीब व मध्यम तबके के लोग इनकी धमकियों से डर जाते है और अपने विधिक व कानूनी अधिकार को नही समझ पाते। जिससे इन सूदखोरों का मनोबल बढ़ जाता है। इन सूदखोरों से पूरा क्षेत्र हलाकान है। सरसींवा बस्ती अंदर ही इसके बहुत से सताए हुए मजबूर गरीब वर्ग के पीड़ित मिल जाएंगे। ज्ञातव्य हो कि जिले के सरसींवा नगर में सूदखोरी का कारोबार बेरोक टोक चल रहा है।

सूदखोरी के गिरफ्त में आकर कई युवा एवं किसान अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे है। ये सूदखोर लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर 15 से 20 फीसदी ब्याज पर रुपए देता है। पैसा मिल जाने पर 15 प्रतिशत ब्याज का भय दिखाता है और फिर समय पर भुगतान न करने पर ब्याज लेने वाले की जमीन, जायदाद कब्जे में लेकर प्रताड़ित करता है। जहाँ लोग डर और भय के कारण इन सूदखोरों की शिकायत नही कर पाते जिससे इस तथाकथित गुरुजी जैसे लोगों पर कार्यवाही नही हो पाती और ये ब्याज का गोरखधंधा चलाकर अपनी जेबें भरते रहते है। लोगो को ऐसे सूदखोरों से बचने प्रार्थिया शांति चौहान जैसी हिम्मत रखनी चाहिए और बिना किसी डर या भय के कानून की शरण लेनी चाहिए ताकि इनपर उचित दंडात्मक कार्यवाही हो सके। नही तो ये सूदखोर क्षेत्र को खोखला कर देंगे। वही शिक्षक का कहना है कि उस पर गलत आरोप लगाया जा रहा है वह यह कार्य लोगो की मदद करने के लिए करता है।

सूदखोरी बना सरसीवां अंचल में बड़ा व्यवसाय?

 

कर्ज लेना और देना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब यह सूदखोरी की आय का बड़ा जरिया बन जाता है तो इसका परिणाम दर्दनाक ही होता है। सूदखोर किसी को समस्या से निकालने के लिए नहीं, बल्कि अपने धन को दोगुना-तीन गुना करने के लिए कर्ज का धंधा चलाते हैं। लाभ कमाना उनका मकसद होता है इसलिए उनमें संवेदना का स्तर लगभग शून्य रहता है। यह हैरान करने वाली बात है कि अनेक कानूनी प्रवधान होने के बाद भी सूदखोरों का जाल पूरे देश में फैला है। पर किसी शासकीय कर्मचारी वो भी किसी शिक्षा के पुजारी द्वारा खुलेआम बिना किसी डर भय के सूदखोरी का धंधा चलाना गले मे अटकने वाली बात है। उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व सारंगढ जिले में इसी तरह के ब्याज के चक्कर मे एक बड़ी घटना घट चुकी है। शासकीय शिक्षक का करोड़ो रूपये का सूदखोरी व्यवसाय?
सारंगढ बिलाईगढ़ जिले के सरसींवा नगर में एक ऐसा शासकीय शिक्षक का बोल बाला चल रहा जिसने करोड़ो रूपये ब्याज बांटे है। यह शिक्षक शासकीय स्कूल पेंड्रावन में पदस्थ है। इन दिनों इस शिक्षक की दबंगाई सरचढ़ कर बोल रही है। क्षेत्र में यह ब्याज वाला गुरुजी के नाम से प्रसिद्ध है। इस शासकीय कर्मचारी के तेवर देख कर बड़े बड़े सुरमा हैरान है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह गुरुजी ब्याज के लिए गरीब व मध्यमवर्गीय तबके खासकर अनपढ़ लोगों को अपना निशाना बनाता है

और 15 से 20 प्रतिशत ब्याज लगाकर लोगो की जमीनों की बिक्री नामा बनवाकर उन्हें डरा धमकाकर ब्याज वसूलता है। वही जबरन हिसाब किताब में फेर कर चक्रवृद्धि लगा देता है। यह सूदखोरी में संलिप्त गुरुजी ने अपने इस गोरख धंधे का जाल पूरे क्षेत्र में फैला चुका है और एजेंट भी रखा हुआ है। यह लोगों को ब्याज में मोटी रकम देता है जहां इसके चंगुल में फंसे लोगों से बाद में चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर मनमाने ब्याज वसूलता है। गरीब अनपढ़ लोगो को कम पैसा देकर अधिक हिसाब किताब बताकर भी प्रताड़ित करता है। वही ब्याज देने असक्षमता दिखाने पर उनकी जमीनों को रजिस्ट्री कराने तक के लिए मजबूर करता है। जानकर बताते है कि दूसरों की सम्पत्ति पर गन्दी नजर रखने वाला गरीबो को सताने वाला यह शासकीय कर्मचारी स्वयं भी शासकीय जमीन में मकान बनाकर रहता है। वही जानकारों का मानना है कि यदि इस सूदखोर शासकीय कर्मचारी की जांच की जाए तो आय से अधिक सम्पत्ति का भी खुलासा हो सकता है।

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