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हाईकोर्ट ने दुर्घटनाग्रस्त युवक के इलाज में लापरवाही पर लिया स्वतः संज्ञान, राज्य सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने दुर्घटनाग्रस्त युवक के इलाज में लापरवाही पर लिया स्वतः संज्ञान, राज्य सरकार से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने दुर्घटनाग्रस्त युवक के इलाज में लापरवाही पर लिया स्वतः संज्ञान, राज्य सरकार से मांगा जवाब 

 बिलासपुर। एक दुर्घटनाग्रस्त युवक के इलाज में हुई लापरवाही को लेकर मीडिया में आई खबर पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है और जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.

दरअसल, 21 वर्षीय जगमीत सिंह बिलासपुर के दयालबंद इलाके में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायल युवक को रात करीब साढ़े ग्यारह बजे कुछ युवकों ने जिला अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल पहुंचने के बाद से जगमीत दर्द से कराहता रहा, लेकिन उसके इलाज के लिए कोई डॉक्टर या वार्ड ब्वाय नहीं आया. घटना की जानकारी पाकर पहुंचे जगमीत के 60 वर्षीय पिता अस्पताल में बेटे की हालत देखकर घबरा गए. घायल युवक फर्श पर तड़पता रहा, अस्पताल के स्टाफ ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया, फिर उसका प्राथमिक इलाज कर सिम्स रेफर कर दिया गया.

जिला अस्पताल की अव्यवस्था और लापरवाही को लेकर मीडिया की खबरों पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जवाब मांगा है. जिस पर राज्य की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत और उप महाधिवक्ता शशांक ठाकुर ने मामले की जानकारी पेश की और कोर्ट से समय मांगा, ताकि आवश्यक निर्देश प्राप्त किए जा सके.

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