ग्वालीनडीह सरपंच मंजूलता का जाति प्रमाण पत्र “फर्जी” होने को लेकर मचा बवाल ! कलेक्टर और एस.पी. को ग्रामीणो ने सौपा ज्ञापन

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने वाली ग्वालिनडीह सरपंच मंजूलता पर ग्रामीणों ने की कार्रवाई
की मांग।
जिस जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मंजूलता अनुसूचित जनजाति बन कर चुनाव लड़ी उसे तहसीलदार ने किया
निरस्त?
आरोप : कोरबा के पाली तहसील में मंजूलता ने बनवाया था फर्जी जाति प्रमाण पत्र?
सारंगढ़ टाईम्स न्यूज/सारंगढ़,
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम पंचायत ग्वालिनडीह में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सरपंच पद पर कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीतने वाली मंजूलता के खिलाफ अब ग्रामीणों ने आवाज़ बुलंद कर दी है। सरपंच मंजूलता के खिलाफ ग्रामवासियों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को एक लिखित ज्ञापन सौंपकर जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि मंजूलता अनुसूचित जनजाति की नहीं हैं। बल्कि वो अनुसूचित जाति से संबंध रखती है, इसके बावजूद भी मंजूलता ने खुद को अनुसूचित जनजाति वर्ग का सदस्य दर्शाकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार करवाया और पंचायत चुनाव में आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ी। चुनाव जीतने के बाद अब वे सरपंच पद पर कार्यरत हैं।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि मंजूलता द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए, यदि प्रमाण पत्र फर्जी पाया जाता है, तो उन्हें अयोग्य घोषित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों कहा कहना है कि सरपंच जैसा ज़िम्मेदार पद पर केवल वही लोग आएं जो नियमों के अनुसार योग्य हों। अगर किसी ने फर्जी तरीके से पद हथियाया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। फिलहाल अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर आरोप पर क्या कार्रवाई करता है। ग्रामीणों की मांग है कि लोकतंत्र और कानून की रक्षा के लिए निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सज़ा दी जाए।