सारंगढ़ के कलेक्टर जनदर्शन में अनोखा प्रदर्शन: कर नापते कलेक्टोरेट पहुंचे दंपत्ति, 24 साल से मुआवजे का इंतजार
सलिहा के महुआ गांव के निवासी गंगाधर श्रीवास पत्नी के साथ पहुंचे सारंगढ़ कलेक्टोरेट
बलौदाबाजार जिले से मामला अब सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में,
डूबान जमीन का मुआवजा का है मामला,
सारंगढ़,
जिला मुख्यालय सारंगढ़ में कलेक्टर जनदर्शन के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया, जहां एक दंपत्ति ने शाष्टांग करते हुए जमीन पर लोटते हुए कलेक्टर कार्यालय तक पहुँचकर न्याय की गुहार लगाई। दंपत्ति का आरोप है कि पिछले 24 वर्षों से उनकी जमीन अपर सोनिया जलाशय योजना के डूबान क्षेत्र में है, लेकिन उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है। 2017-18 में यह प्रकरण बलौदाबाजार जिले मे पंजीकृत हुआ था किन्तु आज तक किसान को मुवायजा नही मिल पाया है। इस संबंध में गंगाधर पिता कुंजराम जाति नाई साकिन मलुहा पो. सलिहा तह बिलाईगढ़ जिला सारगढ़ बिलाईगढ़ छ०ग० ने बताया कि अपर सोनिया जलाशय योजना के डुबान क्षेत्र हेतु ग्राम मलुहा प.ह.नं. 18 तह बिलाईगढ़ के कृषकों का भूमि अर्जित कर उक्त प्रकरण क्रं. के तहत मामला पंजीबद्ध कर श्रीमान् कलेक्टर एव पदेन उप सचिव छ०ग० शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, जिला बलौदाबाजार-भाटापारा छ०ग० से दिनाक 03/08/2022 को दावा आपत्ति हेतु प्रकरण का सार्वजनिक सूचना प्रकाशित किया गया था जिस पर किसी भी व्यक्ति के द्वारा कोई दावा आपत्ति नहीं किया गया है। फिर भी आज पर्यन्त तक उक्त प्रकरण में कोई निराकरण
नहीं हो पाने से मामला अभी तक लबित है। उक्त प्रकरण क्रमांक/912/भू-अ.प्र.क.- 201807210100070, अ-82/वर्ष 2017-18 को शीघ्र निराकरण करने की मांग किया है। इस मांग के लिये श्रीवास दंपत्ति ने अनोखा तरीका निकाला तथा कलेक्टोरेट के मुख्य सड़क से
कलेक्ट्रेट भवन तक लोटते हुए कर नापते हुए जनदर्शन अधिकारी के पास अपना आवेदन लेकर पहुंचे। इस अनोखे प्रर्दशन को देखने के लिये कलेक्टेरेट में भारी भीड़ जमा हो गई थी। दंपत्ति का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री सहित सभी संबंधित अधिकारियों को बार-बार आवेदन दिए, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में दंपत्ति ने अपने शरीर पर आवेदनों
को चस्पा किया और मुख्य सड़क से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक शाष्टांग करते हुए पहुंचे। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उनकी जमीन जलाशय योजना के तहत डूबान क्षेत्र में आ गई थी, लेकिन मुआवजे के लिए सरकारी प्रक्रिया में फंसे हुए हैं। 24 सालों से लगातार सरकारी कार्यालयों और मुख्यमंत्रियों के दरवाजे खटखटाने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला।
श्रीवास दंपत्ति ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर उन्हें मुआवजा नहीं मिलता, तो वे मुख्यमंत्री निवास के सामने परिवार सहित आत्मदाह करने पर मजबूर हो जाएंगे। अपर कलेक्टर वर्षा बंसल ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी जानकारी लेकर मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि इस बार दंपत्ति को न्याय मिल पाता है या वे फिर से सरकारी तंत्र का शिकार बनकर रह जाएंगे।