जानकारी मांगने पर ठेकेदार दे रहा गोलमोल जवाब,
किसानों का कहना है एक ही बरसात में ढह जाएगी नहर,
सुध लेने वाले कोई भी जनप्रतिनिधि न होने से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा नहर लाइन निर्माण कार्य,
करोड़ो की लागत से बन रहे नहर निर्माण की जानकारी रखने वाला कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति या विभागीय अधिकारी नही,
सरसींवा,
सरसींवा क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ किसान खेती के लिए वर्षा के जल पर ही निर्भर रहते है। सिंचाई के पर्याप्त संसाधनो के अभाव के कारण क्षेत्र के किसानों को खेती करने में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,जहाँ क्षेत्र के किसान पूर्ण रूप से वर्षा के जल पर ही आश्रित रहते हैं। जहाँ एक ओर सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही वहीं दूसरी ओर इन योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन लापवाही के चलते ठीक ढंग से नही हो पा रहा है। आलम यह है कि विभाग और ठेकेदारी प्रथा के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते इन योजनाओं का सुध लेने वाला कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति या जनप्रतिनिधि दिखाई नही पड़ता है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार क्षेत्र में 11 करोड़ से ज्यादा की लागत से बनने वाले लगभग 25 कि.मी. की बड़ी और छोटी नहर लाइन का निर्माण कार्य अपनी पूर्णता की ओर अग्रसर है। जहाँ अभी कार्य पूर्ण ही नही हो पाया है और ये नहर लाइने जगह जगह से ध्वस्त व क्षतिग्रस्त होती नजर आ रही है। इन नहर लाइनों में जगह जगह दरारें अभी से देखी जा सकती है जिनमे कहि कहि दरारों को छिपाने लीपापोती भी की गई है। सिंचाई विभाग द्वारा बनाये जा रहे इन नहर लाइनों के समीपस्थ जलाशयों से जुड़ने के बाद क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसानों को इसका लाभ पहुंचता और क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था थोड़ी सुदृढ़ हो जाती। पर इन नहर लाइनों में किये गए गुणवत्ताहीन कार्य अपना हाल स्वयं बयान कर रहे है। नव निर्माण किये जा रहे नहर लाइनों की अभी से जर्जर स्थिति देखकर क्षेत्र के किसानों का कहना है कि ये नहर लाइन एक बरसात भी नही झेल पाएंगी वही ऐसे गुणवत्ताहीन कार्य का अर्थ केवल शासन को करोड़ों रुपयों का चूना लगाने जैसा है। ठेकेदारी प्रथा और विभाग की मिलीभगत कर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके इन नहर लाइनों का सुध लेने वाला विभाग का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी या क्षेत्र का कोई जनप्रतिनिधि नजर नही आता है। अभी निर्माण कार्य पूर्ण ही नही हो पाया है पर अभी से जर्जर हो चुकी ये नहर लाइन एक बरसात भी झेल लेने की स्थिति में नजर नही आती है। क्षेत्र के किसानो का कहना है कि यदि जांच की जाए तो इस नहर लाइन निर्माण कार्य मे करोड़ो का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।
ज्ञातव्य हो कि लिलार व्यपर्तन योजना के तहत सिंचाई एवं जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाये जा रहे इस नहर लाइन निर्माण कार्य के बारे में संबंधित ठेकेदार से जानकारी मांगे जाने पर ठेकेदार द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। जब निर्माण कार्य सम्बंधी जानकारी मांगी गई तो ठेकेदार ने ज्यादा जानकारी के लिए आप संबंधित विभाग से संपर्क कर सकते है जैसा गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया गया। वही गुणवत्ताहीन नहर लाइन निर्माण में पड़ी दरारों,क्षतिग्रस्त स्थानों एवं निर्माण लागत और एरिया संबंधी जानकारी में ठेकेदार द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। वही कार्य मे नुकसान व 5 साल मेंटेनेंस करने की भी बात की गई। जो कि ठेकेदार द्वारा गैरजिम्मेदाराना रवैया इस गुणवत्ताहीन निर्माण की कहानी बयां करता है। जहा ठेकेदार से संतोषजनक जानकारी न मिलने पर संबंधित विभाग के सब इंजीनियर से बात करने पर भी निर्माण संबंधी बोर्ड और गुणवत्ताहीन कार्य की बात पर उनके द्वारा भी गोलमोल जवाब दिया गया।
क्या कहते है सिंचाई विभाग के सब इंजिनियर
पार्ट-पार्ट में लगभग 15 किमी की नहर लाईन का कार्य लगभग पूर्ण होने वाला है। हो सकता है वर्षा के कारण दरार आ गई हो। मैं बात कर क्षतिग्रस्त स्थानों की मरम्मत कराने का प्रयास करूंगा।
सागर वर्मा,सब इंजीनियर