नया जिला बना सारंगढ़–बिलाईगढ़ में होगी भाजपा की सर्जरी !
दिसंबर में नगरीय चुनाव और जनवरी में पंचायत चुनाव अभी भी लोकसभा चुनाव में नये जिले में बिलाईगढ़ विधानसभा में भाजपा पीछे,
बरमकेला में ओ.पी. का जलवा
सारंगढ़ ग्रामीण क्षेत्र में फिर पीछे हो गई भाजपा,
शहर में मोदी का जादू से बढ़त,
विधानसभा टिकट के दावेदारो के बूथो में भाजपा पिछड़ी,
बरमकेला में भाजपा को मिला 13 हजार का बढ़त,
सारंगढ़,
छत्तीसगढ़ में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी का जादू और विष्णु का सुशासन के कारण से 11 मे से 10 सीट जीतने मे कामयाब रही भाजपा को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला मे तगड़ा झटका लगा है। जिलाध्यक्ष सुभाष जालान के गृह विधानसभा क्षेत्र बिलाईगढ़ मे भाजपा 2300 व्होटो से पीछे रहे गई, वही सारंगढ़ ग्रामीण क्षेत्र ने फिर से भाजपा का साथ नही दिया लेकिन शहरी बढ़त से भाजपा आगे रहने मे कामयाब रही। जबकि बरमकेला अंचल में ओ.पी. का जलवा दिखा और 13 हजार व्होटो से बढ़त से भाजपा ने नया जिला मे अपना ईज्जत बचा लिया नही तो खूब छिछिलेदर हो सकता थ। किन्तु आश्चर्य की बात यही है कि सारंगढ़ विधानसभा टिकट के कइ्र दावेदारो के होमबूथ में भाजपा को करारी पराजय का सामना करना पड़ा है जिसके कारण से संगठन में बदलाव कर नये सिरे से भाजपा कार्यकर्ताओ में उर्जा नही लाया गया तो जिले मे होने वाले नगरीय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा को कठिनाईयो का सामना करना पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ में हुए लोकसभा चुनाव में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले मे मिला-जुला परिणाम आया है। रायगढ़ लोकसभा के अर्न्तगत भाजपा को सारंगढ़-बरमकेला अंचल से बढ़त हासिल हुआ है किन्तु जांजगीर लोकसभा अर्न्तगत बिलाईगढ़ विधानसभा से भाजपा को कांग्रेस के हाथो 2300 व्होटो से पराजय का स्वाद चखना पड़ा है। छत्तीसगढ़ में विष्णु का सुशासन और सत्ताधारी दल भाजपा के पास पर्याप्त संसाधन होने के बाद भी बिलाईगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा को गच्चा खाना पड़ा। यहा पर भाजपा को 2300 व्होटो से पीछे रहना पड़ गया। जबकि बिलाईगढ़ विधानसभा सीट पर खुद भाजपा के जिलाध्यक्ष सुभाष जालान काम देख रहे थे। विधानसभा चुनाव में मिली करारी परायज के बाद लगा था कि बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा लोकसभा चुनाव को लेकर मजबूत होगी किन्तु जिलाध्यक्ष कार्यकर्ताओ को उत्साहित करने मे असफल हुए और इस बार के लोकसभा चुनाव जिसमे कांग्रेस ने एक तरह से वाक ओव्हर दे दिया था वहा भी 2300 व्होटो से पिछड़ना साफ संकेत है कि भाजपा संगठन नये जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ में कितना कमजोर हो गया है। आने वाले नवंबर-दिसंबर मे सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बिलाईगढ़, भटगांव, सरसीवां, कोसीर, बरमकेला और सरिया नगर पंचायत मे चुनाव होने वाले है और भाजपा कार्यकर्ताओ की स्थिति को देखते हुए नेतृत्व मे बदलाव नही करने से यहा पर कांग्रेस से मुकाबला करना भाजपा के लिये कठिन हो जायेगा। इसी प्रकार से जनवरी मे सारंगढ़-बिलाईगढ़ नवीन जिला पंचायत, बिलाईगढ़ जनपद पंचायत, सारंगढ़ जनपद पंचायत और बरमकेला जनपद पंचायत के साथ साथ 300 से अधिक ग्राम पंचायतो मे चुनाव होना है किन्तु संगठन मे बदलाव कर नये चेहरो को महत्व नही दिये जाने पर कार्यकर्ताओ मे अनुशासन और उत्साह की कमी साफ तौर पर बड़ी कमजोरी के रूप मे सामने आयेगी और भाजपा को नये जिले में बडी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सारंगढ़-बरमकेला ने रखी भाजपा की लाज
नवीन जिले सारंगढ़-बिलाईगढ में सारंगढ़ विधानसभा सीट पर बढ़त से भाजपा की लाज बच गई। भाजपा को सारंगढ़ शहर से 3700 व्होटो ही लीड़ ने ग्रामीण क्षेत्र से 351 व्होट की अंतर को पाटकर बढ़त पर ले गया वही बरमकेला अंचल में 13 हजार व्होटो की लीड़ ने भाजपा को हर्षित कर दिया। बरमकेला मे बढ़त का पूरा श्रेय ओ.पी.चौधरी को जाता है जिसके सटीक रणनिति ने भाजपा को बरमकेला में 13 हजार की बढ़त मिली। वही आने वाले समय में बरमकेला जनपद पंचायत और बरमकेला नगर पंचायत और सरिया नगर पंचायत चुनाव के पहले भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित दिख रहे है किन्तु सारंगढ़ जिला पंचायत, जनपद पंचायत और कोसीर नगर पंचायत के साथ-साथ बिलाईगढ़ जनपद पंचायत और बिलाईगढ़, भटगांव और सरसीवां नगर पंचायत में भाजपा को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
विधानसभा टिकट के कई दावेदारो के बूथ पर भाजपा पिछड़ी?
सारंगढ़ अंचल में भाजपा की टिकट की मांग करने वाले अधिकांश भाजपा नेताओ के होम बूथ पर भाजपा लोकसभा चुनाव में भी पिछड़ गई है। पूर्व विधायक श्रीमती केराबाई मनहर के गृह ग्राम सिंघनपुर और टेंगनापाली मे भाजपा लंबे अंतर से पीछे रही। सिंघनपुर के दो बूथ पर कांग्रेस को जहा 800 व्होट मिला वही भाजपा को 350 व्होट ही मिला। इसी प्रकार से भाजपा प्रवेश किये जिला पंचायत सदस्य बैजंती लहरे के गांव भाठागांव में कांग्रेस को 366 तो भाजपा को सिर्फ 195 व्होट ही मिल पाया। वही कोसीर जो कि पूर्व विधायक सुश्री कामदा जोल्हे का गृह ग्राम है वहा पर 5 बूथ पर कांग्रेस को 1400 से अधिक व्होट मिला किन्तु भाजपा को 1065 व्होट से ही संतुष्ट होना पड़ा। वही भाजपा नेता अरविंद खटकर के गृहग्राम रक्शा में कांग्रेस को 324 व्होट मिला किन्तु भाजपा को सिर्फ 157 व्होट ही मिला। पूर्व सांसद गुहाराम अजगल्ले के गृह ग्राम छोटे खैरा में कांग्रेस को 520 व्होट मिला जबकि भाजपा को 340 व्होट ही मिला। इसी प्रकार से भाजपा टिकट दावेदार दीनानाथ खूंटे के गृहग्राम खुडूभांटा में कांग्रेस को 517 व्होट मिला जबकि भाजपा को 168 व्होट ही मिल पाया। इस प्रकार से भाजपा नेता देवेन्द्र रात्रे के गृहग्राम बासीनबहरा में कांगेस को 270 व्होट मिला जबकि भाजपा को 250 व्होट से ही संतुष्ट होना पड़ा। ऐसे में जब कांग्रेस प्रदेश की सत्ता से बाहर होने के बाद बिना उत्साह के साथ चुनावी मैदान में उतरी थी तब भी भाजपा के बड़े चेहरे अपने गृहग्राम में ही भाजपा उम्मीदवार को लीड़ नही दिला पाये तो आने वाले समय में कैसे वे सारंगढ़ सीट पर भाजपा टिकट की दावेदारी करेगें? यह सोचनीय प्रश्न है।