बलौदाबाजार में सतनामी समाज के आंदोलन ने लिया उग्र रूप, बलौदाबाजार कलेक्ट्रेट भवन में लगाई आग बलौदाबाजार में बवाल के बाद धारा 144 लागू
पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी हुआ आग का शिकार,
दो दमकल वाहनों को भी किया आग के हवाले,
सैकड़ो मोटर सायकिल एवम 50 से अधिक चार पहिया वाहनों में तोड़फोड़ व आग लगाई गयी,
तहसील प्रांगण में भी दर्जनो दो पहिया व चार पहिया वाहनो को किया आग के हवाले,
जलते हुए कलेक्ट्रेट का धुआं 5 किलोमीटर दूर तक दिखाई दिया,
प्रशासन का सूचना तंत्र पूरी तरह से फेल रहा,
भीड़ के अनुपात में पुलिस बल नही था पर्याप्त
बलौदाबाजार/लवन,
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में सतनामी समाज के लोग अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश भर से हजारों की संख्या में सतनाम समाज के लोग पहुंचे हैं। दशहरा मैदान में उग्र प्रदर्शन करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की सुरक्षा को भेदकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। कलेक्टर कार्यालय परिसर में खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। उधर बलौदाबाजार पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार ने कहा है कि, उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि, सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी की मदद से उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने 13 पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया है, इनमें से दो जवानों की हालत गम्भीर बताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि, प्रदर्शनकारियों को रोकने में पुलिस के पसीने छूट गए। 3–4 हजार की संख्या में प्रदर्शनकारी कलेक्टर परिसर पहुंच कर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। घंटों तक बवाल काटने के बाद प्रदर्शनकारी वहां से चले गए हैं। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्र अब मौके पर पहुंच गए हैं। वहीं सीएम विष्णुदेव साय ने घटना की जानकारी ली है। फोन के जरिए कलेक्टर और एसपी से उन्होंने बात की है। श्री साय ने स्थिति नियंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। इस घटना पर लगातार वे नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
बताया जा रहा है कि, कलेक्टर कार्यालय के पीछे के रास्ते से कर्मचारियों को सुरक्षित निकला गया है। पुलिस बल की संख्या कम थी। यह प्रर्दशन बीते दिनों गिरौदपुरी के महकोनी गांव में संत अमरदास की तपोभूमि के जैतखाम को काटे जाने की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सतनामी समाज प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी सतनाम समाज की मांग पर न्यायिक जांच की बात कही है। वहीं, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए कलेक्टर परिसर के चारों तरफ बैरिकेटिंग कर दिया है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
दरअसल, सतनामी समाज की आस्था के प्रमुख केन्द्र गिरौदपुरी धाम से लगा हुआ महकोनी ग्राम के पास गुरु घासीदास जी के ज्येष्ठ पुत्र गुरु अमरदास जी के नाम से अमर गुफा स्थित है। जहां पर कई वर्षों से गुरुगद्दी और जैतखाम स्थापित है। प्रतिदिन पुजारी सुबह-शाम पूजा करते हैं। बीते 15 जून की रात में असामाजिक तत्वों ने सुनियोजित ढंग से तीन जैतखाम को आरी से काट-काट कर फेंक दिया गया।
सीबीआई जांच की कर रहे मांग
सुबह जब पूजा करने गए तब देखा कि, कुछ असामाजिक तत्वों के लोगों ने तीन जैतखाम को आरी से काट-काट कर फेक दिया गया। इसके बाद पुजारी कसमदास भास्कर ने 17 जून को थाने पहुंचकर अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायात दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने इस मामले की कार्रवाई कर तीन आरोपियों को गिरफतार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में तीनों आरोपियों ने घटना कारित करना स्वीकार किया। पुलिस की कार्रवाई से सतनामी समाज के लोग संतुष्ट नहीं है। इसकी सीबीआई जांच करने की मांग प्रदर्शन कर रहे हैं।
गृहमंत्री बोले- जज करेंगे जांच
प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस मसले को लेकर घोषणा की है कि, पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाएगी। मामले को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश थे कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाए। यह न्यायिक जांच रिटायर्ड जज अथवा कार्यरत जज से कराई जाएगी। इसे लेकर विजय शर्मा ने अपने X अकाउंट पर भी पोस्ट किया है।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर, भाजपा सरकार की नाकामी से हुई घटना
बलौदाबाजार घटना पर सियासत तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने बलौदाबाजार हिंसा को सरकार की नाकामी और प्रदेश की लचर क़ानून व्यवस्था का प्रमाण बताया है। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार सतनामी समाज की मांग अनुसार इस पूरी घटना की जांच कराए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि प्रदेश की राजधानी रायपुर से लगे जिले में यह घटना चिंताजनक है। धर्म स्थली अमर टापू की घटना निंदनीय है। 15 मई की घटना से नाराज़ लोग न्याय की मांग को लेकर धरने पर थे। राज्य शासन-प्रशासन अगर समय पर आवश्यक कदम उठाए होते तो आज नाराज़गी को इस हद तक जाने से रोका जा सकता था।
बलौदाबाजार में बवाल के बाद धारा 144 लागू,
बलौदाबाजार नगर पालिका सीमा क्षेत्र में कलेक्टर के.एल.चौहान ने धारा 144 लगा दिया है। आदेश मे लिखा है कि सतनामी समाज द्वारा प्रदेश स्तरीय आंदोलन (कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक कार्यालय घेराव) के दौरान संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में खड़ी वाहनों को तोड़-फोड़ करने, आग लगाने एवं संयुक्त जिला कार्यालय भवन को आग के हवाले करने के कारण संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों सहित जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के निवासियों में भय का वातावरण उत्पन्न हो गया है। आज की घटना को देखते हुए जिले के असामाजिक तत्वों के द्वारा भय एवं आतंक का वातावरण निर्मित कर जिले में शांति व्यवस्था की स्थिति में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। उपरोक्त कारणों के आधार पर नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु तत्काल कार्यवाही करना आवश्यक है, ताकि जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के रहवासी भयमुक्त वातावरण में निर्भय होकर निवास कर सके। इसके लिए कलेक्टर ने धारा लागू कर दी है।
आगामी आदेश तक नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में आगामी आदेश तक रैली या जुलूस पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।अन्य जिले अथवा बाहरी व्यक्तियों का 5 या उससे अधिक व्यक्तियों के समूह का नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति न तो किसी प्रकार का शस्त्र तलवार, फरसा, भाला, लाठी, चाकू, छुरा, कुल्हाड़ी, गुप्ती, त्रिशुल, खुकरी, सांग एवं बल्लम अथवा अन्य अस्त्र-शस्त्र लेकर सार्वजनिक स्थान पर नहीं निकलेगा।
यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अंतर्गत धारा 144 (2) के अंतर्गत समयाभाव के कारण सार्वजनिक हित को दृष्टिगत रखते हुए,एकतरफा कार्यवाही कर पारित किया जाता है। उक्त आदेश दिनांक 10.06.2024 को रात्रि 9.00 बजे से दिनांक 16.06.2024 को मध्यरात्रि 12.00 बजे तक नगरपालिका सीमा क्षेत्र बलौदाबाजार में प्रभावशील होगा।
कलेक्टर-एसपी को अंदेशा तक नहीं
छह हजार से ज्यादा लोग प्रदर्शन में शामिल थे। जैतखाम क्षतिग्रस्त करने के बाद समाज के आक्रोशित लोगों की इतनी बड़ी भीड़ जुटी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। प्रशासन को लगा कि यह सामान्य प्रदर्शन होगा। प्रदर्शन में ही भीड़ आक्रोशित हो गई और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने निकल पड़ी। जिले के एसपी सदानंद कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि समाज के लोगों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी। प्रदर्शन के दौरान ही अचानक हंगामा शुरू हो गया,लोग बेकाबू हो गए। आगजनी और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पुलिस की बैरिकेटिंग तोड़कर भीड़ कलेक्टर कार्यालय पहुंच गई और भवन को आग लगा दिया।