
सारंगढ़ विधानसभा सीट पर कार्यकर्ताओ की दिलचस्प मांग, इस बार “पुरूष” उम्मीदवार को टिकट देवें?
छत्तीसगढ़ बनने के बाद विधानसभा चुनाव में महिलाओ का कब्जा?
प्रशासन पर मजबूत पकड़ रखने में पुरूष अव्वल को लेकर सोशल मिडिया पर कई पोस्ट,
कांग्रेस और भाजपा में इस बार पुरूष उम्मीदवार की हो रही है मांग?
सियासी समीकरण में पुरूष क्या महिलाओ पर पड़ सकते है भारी?
सारंगढ़,
6 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये सारंगढ़ विधानसभा चुनाव में बिसात बिछने की शुरूवात हो चुकी है। इस कड़ी मे कार्यकर्ताओ की तरफ से एक दिलचस्प मांग सामने आ रही है। सोशल मिडिया और अन्य मंचो पर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओ की ओर से इस बार विधानसभा उम्मीदवार के लिये “पुरूष” को चुनावी समर में उतारने की मांग किया जा रहा है। प्रशासनीक दक्षता और सक्रिय कार्यशैली से प्रशासन पर मजबूत पकड़ का हवाला देकर राजनितिक दल के कार्यकर्ता सारंगढ़ विधानसभा से पुरूष उम्मीदवार देने की दबे जुबान से पार्टी के आला नेताओ से मांग कर रहे है।
सारंगढ़ अंचल की अजब-गजब राजनिति के बीच इस बार राजनितिक दलो के कार्यकर्ताओ के बीच एक दिलचस्प मांग निकलकर सामने आ रही है जिसमे सारंगढ़ विधानसभा सीट के लिये पुरूष उम्मीदवार को पार्टी के द्वारा टिकट देने की मांग किया जा रहा है। हालांकि अभी यह मांग सार्वजनिक रूप से नही किया जा रहा है किन्तु पार्टी के फोरम मे कार्यकर्ताओ से हो रही चर्चा मे यह बात छनकर सामने आ रही है। वही इस मामले मे सोशल मिडिया में भी पुरूषो के पक्ष मे तर्क देकर इस विधानसभा चुनाव मे भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार पुरूष को उतारने संबंधी पोस्ट देखने को मिल रहे है।
दरअसल सारंगढ़ विधानसभा रायगढ़ जिला का एक मात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र था जहा पर भाजपा और कांग्रेस से छत्तीसगढ़ बनने के बाद महिला उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधायक बनी है। मध्यप्रदेश के समय 1998 मे बसपा के डां.छबिलाल रात्रे यहा विधायक बने थे जिनके विधायकी कार्यकाल में छत्तीसगढ़ का निमार्ण हुआ उसके बाद 2003 के विधानसभा चुनाव में बसपा से कु.कामदा जोल्हे को चुनावी समर मे उतारा तो कांग्रेस ने रविन्द्र शेखर भाराद्धाज को चुनावी मैदान मे उतारा था वही भाजपा ने श्याम सुंदर रात्रे को टिकट दिया था जहा पर बसपा की कु.कामदा जोल्हे विजय हुई और विधायक बनी। 2008 के चुनाव में भाजपा ने शमशेंर सिह को टिकट दिया तो कांग्रेस ने श्रीमती पद्मा मनहर को चुनावी समर में उतारा जबकि बसपा ने कामदा जोल्हे को टिकट दिया जिसमे श्रीमती पद्मा मनहर जीत कर विधायक बनी। वही 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने श्रीमती पद्मा मनहर को टिकट दिया तो भाजपा ने श्रीमती केराबाई मनहर को चुनावी मैदान मे उतारा। इस चुनाव मे भी भाजपा की श्रीमती केराबाई मनहर विजयी होकर विधायक बनी। वही 2018 के विधानसभा चुनाव मे भाजपा ने श्रीमती केराबाई मनहर को टिकट दिया तो कांग्रेस ने श्रीमती उत्तरी जांगड़े को चुनावी मैदान मे उतारा जहा पर श्रीमती उत्तरी जांगडे चुनाव जीतकर विधायक बनी। इस प्रकार से छत्तीसगढ़ निमार्ण के बाद से हुए 4 चुनाव मे सारंगढ़ विधानसभा सीट से जीतने वाली विधायक महिला बन रही है किन्तु इस वर्ष नवंबर में होने वाले चुनाव में पार्टी कार्यकर्ता के द्वारा विधानसभा उम्मीदवार “पुरूष” देने की मांग को प्रबलता के साथ रख रहे है। सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान मे विधानसभा टिकट के दावेदार गांव-गांव में पार्टी कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियो से मेल-मुलाकात कर रहे है। इसमे पार्टी के कई मुखर नेताओ ने इस बात को पार्टी के बड़े नेताओ के सामने रखा है कि इस बार सारंगढ़ विधानसभा चुनाव में पुरूष उम्मीदवार को उतारा जाये। इस बारे में पार्टी के कार्यकर्ता कई तर्क भी दे रहे है उनका कहना है कि महिला विधायक के मुकाबले पुरूष विधायक प्रशासन पर हावी होते है तथा अपने क्षेत्र की मांगो को प्रबलता के साथ प्रदेश के मुखिया के सामने रखकर पूरा करने मे कोई कसर बाकि नही छोड़ते है। वही महिलाओ के साथ एक निश्चित समय तक ही अपनी बातो को कार्यकर्ता फोन पर या मोबाईल पर रख सकते है जबकि पुरुष विधायक होने पर किसी भी समय अपने ऊपर आये आफत को राहत दिलाने में चर्चा कर सकते है। सूत्र बताते है कि कई कार्यकर्ता अपनी बातो को सरलता से पुरूष विधायक के सामने रख सकने का भी तर्क दे रहे है। वही सोशल मिडिया मे भी पुरूष उम्मीदवार को लेकर पोस्ट डाला जा रहा है। ऐसे मे पार्टी के बडे पदाधिकारी इस मसले पर कुछ भी कहने से साफ बचकर टिकट वितरण का कार्य हाईकमान का होने की सफाई देकर अपनी चुप्पी बरकरार रख रहे है।
बहरहाल सारंगढ़ विधानसभा सीट पर गत चार चुनावो मे महिलाओ को चुनावी मैदान मे उतारकर जीत का स्वाद चखने मे बसपा, भाजपा और कांग्रेस सभी दल शामिल है। ऐसे मे इस बार कार्यकर्ताओ की मंशा पुरूष उम्मीदवार को लेकर तीनो प्रमुख दल क्या फैसला लेते है यह देखना भी दिलचस्प होगा। क्या सारंगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार भी महिला विधायक होगी? या इस बार पुरूष पर राजनितिक दल दांव लगाकर जीत दिला पायेगें? यह बड़ा दिलचस्प बात होगा।