


सारंगढ़ के हरदी हवाई पट्टी पर नही पड़ रही है केन्द्र और छत्तीसगढ़ सरकार की नजर!
आजादी के पहले का है हरदी हवाई पट्टी,
द्धितीय विश्व युद्ध मे खूब उपयोग हुआ था हवाई पट्टी का,
जिला निमार्ण के बाद हवाई पट्टी के जीर्णोद्धार की उम्मीद,
पीडब्लूडी ने भेजा था 12 करोड़ का प्रस्ताव,
नही है कोई सुध लेने वाला
सारंगढ़,
सारंगढ़ की वर्षो पुरानी माग सारंगढ़ जिला निमार्ण की मांग पूरा होने के बाद अब सबकी नजर आजादी के पहले से स्थापित सारंगढ़ रियासत के महत्वपूर्ण उपलब्धी मे से एक हरदी हवाई पट्टी पर है। द्धितीय विश्व युद्ध के समय इस हवाई पट्टी का जमकर उपयोग बमवर्षक विमानो ने जमकर उपयोग किया था। किन्तु आजादी के 75वर्ष बाद तथा सारंगढ़ जिला बनने के बाद इस हरदी हवाई पट्टी को लेकर ना तो केन्द्र सरकार कोई पहल कर रही है और ना ही राज्य सरकार के पास कोई प्लान है। ऐसे मे शानदार उर्ध्वाकार बना इस हरदी हवाई पट़्टी बदहाल पड़ा हुआ है।
सारंगढ़ शहर से रायगढ़ नेशनल हाईवे रोड़ में मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर हरदी हवाई पट्टी स्थित है। इस हवाई पट्टी का नाम मोहन भाठा हवाई पट्टी है। यह हवाई पट्टी लगभग 100 वर्ष पुराना है। इसका निमार्ण रियासकाल मे हुआ था। इस हवाई पट्टी का उपयोग आजादी के पूर्व जब द्धितीय विश्व युद्ध हुआ था तब खूब हुआ था। किन्तु उसके बाद इस हवाई पट़्टी का उपयोग मध्यप्रदेश शासन मे 24 वर्षो तक आदिमजाति मंत्री और 13 दिनो के लिये मुख्यमंत्री बने सारंगढ़ के राजा रहे स्वं.नरेशचंद्र सिंह ने काफी किया। मध्यप्रदेश शासन के हवाई जहाज कई बाद इस हरदी हवाई पट्टी पर लैंड हुआ है तथा इस शासकीय विमान से प्रदेश शासन के आला अधिकारी और मंत्री भोपाल से आया करते थे। बताया जाता है कि सारंगढ़ के राजा स्वं.नरेश चंद्र सिंह हवाई जहाज के काफी शौकीन थे तथा जब भी भोपाल से सारंगढ़ आते थे तब हवाई जहाज का उपयोग करते थे। इसी कारण से उन्होने हरदी हवाई पट्टी को संरक्षित करके रखा था। उनके निर्देश और मार्गदर्शन पर ही हरदी हवाई पट्टी को रख-रखाव काफी उच्च स्तर का रहा है। मध्यप्रदेश शासन के समय जब हेलीकाप्टर का ज्यादा उपयोग नही होता था और शासकीय विमान को कही आने जाने के लिये उपयोग किया जाता था तब सारंगढ़ का हरदी हवाई पट्टी को लगातार अपडेंट रखा जाता था किन्तु छत्तीसगढ़ के निमार्ण के बाद कभी भी सारंगढ हरदी हवाई पट्टी मे विमान नही उतरा है। अंतिम बार इस हरदी हवाई पट्टी में 1999 मे कांग्रेस के तात्कालिन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का चुनावी सभा के लिये तैयारी पूरी हो गई थी तथा उनका विमान इस रनवे पर उतरता किन्तु खराब मौसम के कारण् से यह नही हो पाया और हरदी हवाई पट्टी के पास आयोजित उनका सभी निरस्त हो गया। वही छत्तीसगढ़ निमार्ण के बाद एक बार भी हवाई पट्टी पर हवाई जहाज नही उतरा है। लगभग 1300 मीटर लंबा रनवे के कारण से सारंगढ़ का हरदी हवाई पट्टी को काफी गुणवत्तापूर्ण हवाई पट्टी माना जाता था। किन्तु केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा इस हरदी हवाई पट्टी को उपेक्षित रखने के कारण से यह ऐतिहासिक स्थान स्थित होने के बाद भी अनुपस्थित है जैसा लगता है। बताया जा रहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) के दौरान बर्मा पर जापानी विजय के खिलाफ एक आगे के हवाई क्षेत्र के रूप में बनाया गया था। बड़ी पट्टी का उपयोग विमानों के लिए लैंडिंग ग्राउंड और विशेष बमबारी मिशनों के लिए प्रशिक्षण स्थान के रूप में किया गया था।इसका रनवे, जो 1.5 किमी से अधिक का है, युद्ध के बाद इसे छोड़ दिया गया था। जानकारो ने बताया कि इस हवाई पट्टी मे अमेरिका के लगभग 40 से अधिक बमवर्षक युद्धक विमान तेल भरवाने के लिये उपयोग करते थे। जिसके बाद रूडकी में हवाई पट्टी से उड़ान भरकर युद्ध मे शामिल होते थे। इस कारण से कई बार ऐसा समय आया जब लगभग 20 से लकर 40 विमानो का आवाजाही द्धितीय विश्व युद्ध के समय होता था। किन्तु इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक स्थान का जीर्णाद्धार और उन्नयन पर किसी का कोइ ध्यान नही है। सारंगढ़ जिला निमार्ण के बाद उम्मीद बनी है कि यह हरदी हवाई पट्टी एक शानदार एयरपोर्ट के रूप मे तब्दील हो जाये। जिससे सारंगढ़ को नक्शा हवाई यात्रा में दिखे।
केन्द्र सरकार की उड़ान योजना में शामिल हो सकता है हरदी हवाई पट्टी?
सारंगढ़ के इस हरदी हवाई पट्टी को केन्द्र सरकार उड़ान योजना के तहत शामिल कर सकती है। हर लोकसभा मे एक राज्य स्तरीय हवाई अड्डा का निमार्ण कार्य कराने की योजना केन्द्र सरकार के पास है। रायगढ़ लोकसभा मे सरकार के पास खुद का कोई हवाई अड़्डा नही है। अभी सरकार जिंदल उद्योग के हवाई पट्टी का उपयोग कर रही है। वही कोड़ातराई हवाई पट्टी का विस्तार निरस्त हो गया है। ऐसे मे सारंगढ़ का हरदी हवाई पट्टी को उड़ान योजना मे शामिल कर सारंगढ़ को हवाई जहाज के सुविधा वाले नक्शे मे शामिल करके किया जा सकता है। इस हवाई पट्टी का जीर्णोद्धार के लिये 5 साल पहले लोक निमार्ण विभाग के द्वारा 12 करोड़ का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा था किन्तु आज तक यह फाईल कहा पड़ा है यह पीडब्लूडी विभाग को भी नही पता है।
बहरहाल आजादी के 75वां वर्षगांठ मना रहा देश मे जरूरत इस प्रकार के रियासतकाली संसाधनो को उपयोग करने लायक विकास की ओर क्षेत्र को अग्रसर करने की है। उम्मीद है कि क्षेत्रवासियो की मांग पर सारंगढ़ का हरदी हवाई पट्टी को न्याय मिल सकता है तथा देश के हवाई सेवा के नक्शे मे सारंगढ़ का नाम आ सकता है।